इस लेख में हम आपको बताना चाह रहे हैं कि दुनिया की सफलतम वेबसाइट्स की सफलता के पीछे क्या राज है? क्या केवल उस संस्थान के लोगों की मेहनत के कारण ही वो नम्बर वन हैं या भाग्य और चमत्कार भी उनसे जुड़े हुए हैं। मैं इस बात से पूरी तरह सहमत हूं कि सफलता के लिए मेहनत और सही योजना का बहुत बड़ा हाथ होता है लेकिन नम्बर वन की कुर्सी तक पहुंचने में भाग्य और चमत्कार जैसी बाते को नकारना न्यायसंगत नहीं होगा।
आइए कुछ वेबसाइट्स के नामों से इस चमत्कार का अनुभव किया जाय। पता नहीं इनका नामकरण किसी अंकज्योतिषी से करवाया गया या ऐसा चमत्कार स्वयं ही हुआ लेकिन हुआ तो जरूर। क्योंकि निश्चय ही इन वेबसाइट्स के मालिकों के सितारे अच्छे होंगे। आइए सबसे पहले देश की नम्बर वन वेबसाइट्स गूगल की बात कर ली जाय।
“Google” अंग्रेजी के 6 अक्षरों से मिलकर बना है जिसमें “G” का प्रयोग दो बार हुआ है, “O” का प्रयोग भी दो बार हुआ है। हालांकि अंक ज्योतिष की किसी पुस्तक मे इस नियम का उल्लेख नहीं है लेकिन मेरे शोध में यह बात सामने आई और मैं इसे एक अंक ज्योतिषीय सूत्र की तरह प्रयोग में लाता हूं कि जब किसी शब्द में, किसी भी अक्षर का प्रयोग एक से अधिक बार होता है तो पुनरावृत्ति के आधार पर उस अक्षर के मानक अंक का प्रभाव उस शब्द विशेष में बढ़ता जाता है। यदि किसी अक्षर की लगातार पुनरावृत्ति होती है तो उस शब्द में चमत्कारिक ऊर्जा का प्रवाह होने लगता है। साथ जिस अक्षर की पुनरावृत्ति हो यदि वह “स्वर” हो तो “व्यंजन” की तुलना में और भी बेहतर परिणाम मिलते हैं। आइए इस सूत्र को “Google” नाम के उदाहरण के माध्यम से और गहराई से समझते हैं-
GOOGLE
G = 3
O = 7
O = 7
G = 3
L = 3
E = 5
यानी Google = 3+7+7+3+3+5=28=2+8=10=1+0=1, यहां गूगल शब्द का अंकज्योतिषीय मूलांक जिसे हम नामांक कहेंगे वह हुआ 1. अब ऐसा भी नहीं कि जिसका नामांक 1 हो वह हमेशा नम्बर 1 होता हो। यहां जो एक आया वह जिन अक्षरों के कारण आया उनका बड़ा महत्त्व है। “Google” नाम में उपरोक्त सूत्र में कही गई बातों को बखूबी देखा जा सकता है।
“Google” शब्द में “G” का प्रयोग दो बार हुआ है, अत: “G” अक्षर में समाहित ऊर्जा प्रबल हो रही है। “O” अक्षर का न केवल दो बार प्रयोग हुआ है बल्कि लगातार दो बार प्रयोग भी हुआ है। इसमें न केवल “व्यंजन” का दो बार प्रयोग हुआ है बल्कि “स्वर” की लगातार पुनरावृत्ति हुई है। “Google” शब्द में 3 का अंक तीन बार आया है (Google = 3,7,7,3,3,5)। 7 का अंक दो बार आया है जबकि 5 पांच का अंक केवल एक बार आया है। जैसा कि सभी जानते हैं किसी भी जगह में किसी भी वर्ग का बाहुल्य होता है वहां उनकी ताकत बहुत बढ़ जाती है। ठीक ऐसा ही इस मामले में भी है “Google” नाम में “G” और “O” की संगठित शक्ति ने इसे नम्बर 1 बनाने में सहयोग किया। “G” यानी 3 का अंक, गुरु का अंक है अत: आज की तारीख में गूगल ज्ञान का खजाना है। किसी को कुछ भी ढूढ़ना हो या कोई उत्तर जानना हो तो गूगल बाबा की शरण में ही जाते हैं। यानी गूगल बाबा के पास सबका उत्तर होता है। “O” यानी 7 का अंक, केतु का अंक है अत: “Google” विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध है और तकनीक पर आधारित है।
गूगल की तरह ही “Facebook” अपने आप में नम्बर 1 है। “O” अक्षर का न केवल दो बार प्रयोग हुआ है बल्कि लगातार इसकी पुनरावृत्ति हुई है। “yahoo” में भी “O” अक्षर का न केवल दो बार प्रयोग हुआ है बल्कि लगातार इसकी पुनरावृत्ति हुई है। “Twitter” में “T” अक्षर का न केवल दो बार प्रयोग हुआ है बल्कि लगातार इसकी पुनरावृत्ति हुई है। “YouTube” में “U” अक्षर का दो बार प्रयोग हुआ है। सारांश यह है कि यदि किसी अक्षर में किसी शब्द और अंक की पुनरावृत्ति होती है तो उसकी ऊर्जा का प्रवाह प्रबल होता है। यदि वह अंक जातक या संस्थान स्वामी के लिए शुभ हो तो उस नाम से सम्बंधित व्यक्ति को न केवल लाभ मिलता है बल्कि मेहनत और लगन के से काम लेने पर, उसका शिखर तक पहुंचने का सपना भी साकार हो सकता है।
How G=3, and what is the basis of giving letters a particular no.
ReplyDeleteRegs,
Swapnil Tiwari
Umbrella Enterprises
Bhopal -9770434343,9806112345
how g=3 , o=7
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