मई 2014 मासिक राशिफल

मई का महिना आ गया है और लाया है कुछ नए सवाल। कैसा रहेगा मई का महिना? कैसे रहेंगे ये नए दिन? आईए जानते हैं आपके सभी सवालों के जवाब पं हनुमान मिश्रा के मई माह 2014 के राशिफल के साथ।

मेष

महीने का पहला भाग आपके लिए मिलेजुले फल देने वाला रहेगा। इस समय आप आत्मविश्वास से ओत प्रोत रहेंगे। आपको सरकार या किसी संगठन के द्वारा सम्मानित किया जा सकता है। इस समय आप कम दूरी की यात्राएं भी कर सकते हैं, थोड़ी सी मेहनत के बाद ये यात्राएं सफलता दायक सिद्ध होंगी, लेकिन इस समय अपना तथा अपने परिवार के स्वास्थ्य का खयाल रखना जरूरी होगा। महीने के दूसरे भाग में भी घरेलू और आर्थिक मामलों के सावधानी से काम करने की जरूरत रहेगी। स्वास्थ्य संबंधित कुछ समस्याएं इस समय भी रह सकती हैं।

उपाय: सूर्य भगवान को जल चढ़ाएं।


महीने की शुरुआत में लगभग सभी कामों में सावधानी बरतने की सलाह मैं आपको देना चाहूंगा। इस समय कोई भी काम उन्मादी होकर न करें। कार्य व्यापार में संयमित व्यवहार करें। सबसे विनम्रता और समझदारी के साथ व्यवहार करें। व्यर्थ के खर्चों से बचें। वहीं महीने के दूसरे भाग में आपकी समस्याएं काफ़ी हद तक कम होंगी। आपके मान सम्मान में वृद्धि होगी। किसी लाभदायक यात्रा पर जाना हो सकता है। लेकिन इस समय भी अपना तथा घर परिवार के स्वास्थ्य का खयाल रखना जरूरी होगा।

उपाय: मंदिर में चने की दाल का दान करें।

मिथुन

महीने का पहला भाग आपके लिए बहुत अनुकूल रहेगा। इस समय आपके लगभग सभी महत्त्वपूर्ण कामों के पूर्ण होने के योग बन रहे हैं। आपके चाहने वाले आपकी मदद के लिए तैयार रहेंगे। इससे आप कुछ ऐसे अनुबंध कर सकते हैं जो आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित होंगे। प्रेम प्रसंगों के लिए भी समय काफ़ी अनुकूल रहेगा। आमदनी में इजाफ़ा होगा। यात्राओं के माध्यम से भी लाभ होगा। लेकिन महीने का दूसरा भाग खर्चों से भरा रह सकता है। इस समय आपको अपने स्वास्थ्य का भी खयाल रखना जरूरी होगा।

उपाय: मांस मदिरा से परहेज करें।

कर्क

ये पूरा महीना ही आपके लिए अनुकूल रहेगा। महीने के प्रथम भाग में आप अपने कार्य व्यापार में बहुत अच्छा करेंगे। आपको वरिष्ठ जनों का सहयोग मिलेगा। इस समय आप कुछ व्यापारिक यात्राएं कर सकते हैं। आर्थिक मामलों के लिए भी समय बहुत अनुकूल रहेगा। वहीं महीने के दूसरे भाग में लाभ की स्थितियां सुदृढ़ बनी रहेंगी। कुछ फायदा दिलाने वाले प्रस्ताव मिलने की भी सम्भावना हैं। दाम्पत्य जीवन के लिए भी समय काफ़ी अनुकूल रहेगा। यात्राओं से भी आनंद और धन प्राप्त होगा।

उपाय: बहते पानी में दूध बहाएं।

सिंह

इस महीने की शुरुआत आपके लिए मिली जुली रहेगी। कुछ दूर की यात्रांएं हो सकती हैं लेकिन उनके विशेष सफल रहने की उम्मीद कम है। हालांकि इस समय बड़े पदों में बैठे लोगों से आपका मिलना होगा और इससे आपको फायदा भी होगा। लेकिन इस समय माता पिता के स्वास्थ्य का खयाल रखना जरूरी होगा। आर्थिक मामलों के लिए समय अनुकूल है। वहीं महीने का दूसरा भाग आपके कार्य व्यापार के लिए बहुत अच्छा रहेगा। यात्राएं सफल होंगी। आर्थिक समस्याओं से भी छुटकारा मिलेगा।

उपाय: दूध का दान करें।

कन्या

महीने के पहले पक्ष वाले दिन आपके लिए ज्यादा अनुकूलता लिए हुए नहीं हैं। कुछ समस्याएं अचानक से आ सकती हैं। जहां तक हो सके अपने सम्बंधियों से अच्छे सम्बंध बना कर रखें। अपने स्वास्थ्य का खयाल रखें। अनैतिक कामों से खुद को दूर रखें। सन्देहास्पद सौदों से बचें। बहुत विचार-विमर्श करके ही कोई निर्णय लें। लेकिन महीने के दूसरे पक्ष में आपकी समस्याएं काफ़ी कम होंगी। कामों में सफलताएं मिलेंगी। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और आप किसी धार्मिक यात्रा पर जा सकते हैं।

उपाय: बहते पानी में गुड़ बहाएं।

तुला

इस पूरे महीने आपको सावधानी बरतने की आवश्यकता है। यदि इस समय आप कोई व्यपारिक निर्णय करने जा रहे हैं तो इस समय आपको थोडा सा संयम बरतने की आवश्तकता है। कुछ घरेलू परेशानियों के कारण भी आप व्यथित रह सकते हैं। यह समय मानसिक रूप से तनावग्रस्त और बीमार करने वाला है। अत: उचित आचरण करते हुए अपना खयाल रखें। महीने का दूसरा भाग भी अनुकूलता लिए हुए नहीं है। अत: इस समय भी संयम से काम लेने की आवश्यकता है।

उपाय: तांबे का एक चौकोर टुकड़ा जमीन में दबाएं।

वृश्चिक

महीने की शुरुआत आपके लिए अनुकूलता लिए हुए है। पुरानी समस्याओं से छुटकारा मिलेगा। विरोधियों को परास्त करने में आप सफ़ल रहेंगे। कामों में सफलता मिलेगी। नौकरी करने के हालातों में सुधार भी होगा। मान प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। पदोन्नति की सम्भावनाएं बन रही हैं। यानी कि महीने का प्रथम भाग आपके लिए काफ़ी अनुकूलता लिए हुए है। जबकि महीने के दूसरे भाग में आपको सावधानी से काम लेने की जरूरत है। कार्य-व्यापार के साथ-साथ अपने पारिवारिक जीवन और स्वास्थ्य का खयाल रखें।

उपाय: बंदरों को गुड़ खिलाएं।

धनु

आपके लिए लगभग यह पूरा महीना ही शुभकर रहेगा। इस अवधि में आप जीवन का बड़े उत्साह और उल्लास से स्वागत करेंगे। आप अचानक किसी यात्रा पर भी जा सकते हैं। लेकिन प्रेम संबंधों के लिये यह समय अनुकूल नहीं है। वहीं महीने का दूसरा भाग आपकी सारी समस्याओं का समाधान करने वाला रहेगा और आप सफलता पायेंगे। समस्याओं से निजात मिलेगी। आपके मान सम्मान में इजाफ़ा होगा। नौकरी के हालातों में सुधार होगा अथवा पदोन्नति की सम्भावनाएं बनेंगी।

उपाय: सरसों के तेल की कुछ बूंदे जमीन पर गिराएं।

मकर

इस महीने आपको अधिक अनुकूल परिणाम नहीं मिल पाएंगे। महीने के पहले पक्ष में आपको अधिक मेहनत करनी पड़ेगी जिससे आप स्वयंको थका हुआ अनुभव करेंगे और कार्य क्षमता भी कम हो सकती है। किसी गलत कार्य को करने के लिए भी आप उद्यत होंगे। कुछ घरेलू समस्याएं भी आपको चिंतित कर सकती हैं। इस समय आपको वाहनादि चलाने में सावधानी की आवश्यकता है। महीने के दूसरे भाग में स्थितियां कुछ बेहतर होंगी फ़िर भी सावधानी की आवश्यकता बनी रहेगी।

उपाय: अंधे लोगों को खाना बांटें।

कुम्भ

महीने के पहले भाग में आपको अनुकूल परिणाम मिलेंगे। आपके काम बनेंगे। आप कुछ छोटी यात्राएं कर सकते हैं। ये यात्राएं आपके कार्यक्षेत्र में सहायक बनेंगी। धन लाभ के अवसर मिलेंगे। स्वास्थ्य भी अनुकूल रहेगा। जबकि महीने का दूसरा भाग आपसे मेहनत करवाने वाला रहेगा। इस मेहनत से आप खुद को थका हुआ महसूस करेंगे। कुछ घरेलू चिंताएं भी सामने आ सकती हैं। कोशिश करें कि इस समय आप किसी गलत कार्य में संलग्न न हों और वाहन आदि सावधानी से चलाएं।

उपाय: चावल का दान करें।

मीन

महीने की शुरुआत अपेक्षाकृत कम अनुकूल रहेगी। पारिवारिक जीवन में कुछ परेशानियां रह सकती हैं। यह समय आर्थिक मामलों को लेकर सावधानी बरतने का है। कोई भी निवेश करने से पहले एक गंभीर और बृहद मंथन ज़रूरी होगा। आंखों और मुख से सम्बंधित कुछ तकलीफ़े भी सामने आ सकती हैं। लेकिन महीने का दूसरा पक्ष आपकी समस्याओं को दूर करने वाला रहेगा। किसी यात्रा के माध्यम से आप लाभ प्राप्त कर सकते हैं। आर्थिक मामलों में भी अनुकूलता आएगी। स्वास्थ्य भी अनुकूल रहेगा।

उपाय: पवित्र स्थान में नारियल का तेल दान करें।

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साप्ताहिक राशिफल (28 अप्रैल से 4 मई 2014)

Saptahik Rashifal of Mesh
मेष:

सप्ताह की शुरुआत में चन्द्रमा आपके बारहवें भाव में है, अत: आप कुछ हद तक चिंतित रह सकते हैं। मुमकिन है कि ये चिंता आर्थिक मामलों को लेकर हो लेकिन शाम होते होते चन्द्रमा आपके पहले भाव में जा रहा है, अत: आप बेहतर अनुभव करेंगे। आपका मूड रोमान्टिक रह सकता है। वहीं 30 अप्रैल की शाम से लेकर 02 मई तक आपको आर्थिक और पारिवारिक मामलों में संयमित व्यवहार करना होगा। खान पान पर भी संयम रखना होगा। वहीं 03 और 04 मई के दिन आपका उत्साह देखने लायक रहेगा और आप हर मामले में बेहतर करते नज़र आएंगे।

वृष: 

सप्ताह का शुरुआती दिन काफ़ी बेहतर है, लाभ प्राप्त करने के साथ-साथ दिली सुकून देने वाला रहेगा ये दिन। हालांकि शाम होते-होते चन्द्रमा आपके बारहवें भाव में जा रहा है, जो 30 अप्रैल की शाम तक यहीं रहेगा। अत: इन दो दिनों में आपको बड़े ही संयम के साथ काम करना होगा। इस समय फ़िजूल ख़र्च न करें, बेकार की यात्राओं से बचें इसी में बेहतरी है। इसके बाद 1 व 2 मई के दिन चन्द्रमा लग्न पर है, जो मन को कभी प्रसन्न करेगा तो कभी किसी बात को लेकर व्यथित। वहीं सप्ताहांत में वाणी पर संयम व आर्थिक संयम की बहुत ज़रूरत रहेगी।


मिथुन: 

सप्ताह के आरम्भिक दिन अनुकूलता लिए हुए हैं। इस समय आपने जिन कामों को करने का ज़िम्मा उठा रखा है उनको पूरा करके ही छोड़ेंगे। यही कारण है कि शाम होते होते आपके कर्मों का फल आपको मिलने की उम्मीद बनने लगेगी और अगले दो दिन आपके लिए फ़ायदेमंद बने रहेंगे। स्वास्थ्य भी अनुकूल रहेगा। चिंताओं से मुक्ति मिलेगी। लाभ के अवसर और मज़बूत होंगे। आत्मीय जनों और लव पार्टनर के साथ अच्छे पल बिताने को मिलेंगे। इसके बाद 1 व 2 मई के दिन चन्द्रमा आप के व्यय के भाव में है, अत: संयमित जीवन जीए। वहीं सप्ताहांत बेहतर रहेगा।

कर्क:

इस सप्ताह की शुरुआत बेहतर ढंग से होने वाली है। एक धार्मिक भाव से की गई सप्ताह की शुरुआत कर्म में शीघ्र ही परिवर्तित होगी। 28 अप्रैल की शाम से 30 अप्रैल की शाम तक आप पूरी तरह अपने काम को सम्मान देने के मूड में रहेंगे। लंबे समय से पेंडिंग काम अब सॉल्व होने शुरू हो जाएंगे। कुछ लाभदायक यात्राएँ भी सम्भव हैं। हालांकि सप्ताहांत कम अनुकूल रहने के योग हैं। इस समय कुछ बेवजह यात्राएँ कर सकते हैं। ख़र्चे भी इस समय कुछ अधिक रह सकते हैं, अत: इन सब बातों को ध्यान में रखकर ही आचरण करना उचित रहता है। 

सिंह: 

हो सकता है कि सप्ताह के पहले दिन आप बहुत अच्छा महसूस न करें, लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं कि आपके लिए यह सप्ताह अनुकूल नहीं है। धैर्य रखिए अगला दिन आपके लिए सुकून ले के आ रहा है। 28 अप्रैल की शाम से 30 अप्रैल की शाम के बीच आप किसी यात्रा पर भी जा सकते हैं। वहीं 1 व 2 मई के दिन चन्द्रमा आप के कर्म स्थान पर है अत: आपका पूरा फ़ोकस अपने काम में रहने वाला है। जो कि हर लिहाज़ से बढ़िया भी रहेगा। आपका अपने काम के प्रति समर्पण सप्ताहांत में आपके लिए बड़ी अनुकूलता लाने वाला रहेगा। 

कन्या:

यह सप्ताह कई तरह के उतार चढ़ाव के दर्शन आपको करवा सकता है। सप्ताह के पहले दिन आप अपनी ज़िन्दगी को जिस तरह से इंज्वाय करेंगे वो तो ठीक है लेकिन शाम होते होते किसी काम को लेकर आपके मन में बड़ी चिंता उभर सकती है। जो अगले दो दिन यानी की 30 अप्रैल की शाम तक रह सकती है। इस अवधि में आपको वाहन आदि भी बड़ी सावधानी के साथ चलाना होगा। हालांकि 1 और 2 मई को आप काफ़ी बेहतर अनुभव करने वाले हैं। साथ ही सप्ताहांत में आपके रुके हुए काम बनने शुरू हो जाएंगे और आप पुरानी समस्याओं को भूलने लगेंगे। 

तुला: 

यह सप्ताह मिला जुला रहने वाला है। सप्ताह के पहले दिन चन्द्रमा छठे भाव में रहेगा, अत: आप अपने विरोधियों की कुटिलता को बख़ूबी समझते हुए अपने काम में सफलता पाते रहेंगे। वहीं 28 अप्रैल की शाम से 30 अप्रैल की शाम के बीच चन्द्रमा के सप्तम भाव में रहने के कारण आपको अपने निजी जीवन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता रहेगी। यदि आपका कोई काम साझेदारी का हो तो आपको चाहिए कि साझेदार से किसी तरह का विवाद न करें। 1 व 2 मई कि दिन तो विशेष संयम की आवश्यकता रहेगी। हालांकि सप्ताहांत बेहतर रहेगा।

वृश्चिक: 

सप्ताह की शुरुआत बड़े ही ख़ुशनुमा मूड से होने वाली है, आप अपने प्रेम सम्बंध या संतान को लेकर काफ़ी ख़ुश रह सकते हैं। हालांकि शाम होते होते आप अपने काम धंधे, विशेषकर नौकरी को लेकर कोई अच्छी योजना बना सकते हैं। साथ ही 28 अप्रैल की शाम से 30 अप्रैल की शाम के बीच आप अपने करिअर के लिए कुछ विशेष कर सकते हैं। यदि आप व्यवसायी हैं तो 1 व 2 मई के दिन आपके लिए बढ़िया रहने वाले हैं। वैवाहिक जीवन का आनंद लेने के लिए भी ये दो दिन अच्छे हैं। लेकिन सप्ताह के अंतिम दो दिन कम अनुकूल रह सकते हैं।

धनु:

सामान्य तौर पर यह सप्ताह आपके लिए अनुकूल रहने वाला है। सप्ताह के पहले दिन आप घरेलू साज-सज्जा पर ख़र्च करने के मूड में लग रहें है, हो सकता है इस दिन आपका मन ऑफ़िस जाने का न रहे और आप घर पर ही इंज्वाय करने की सोचें। हालांकि 28 अप्रैल की शाम से 30 अप्रैल की शाम के बीच आप अपने प्रेम संबंधों, संतान या शिक्षा को लेकर कुछ चिंतित रह सकते हैं। हालांकि 1 और 2 मई को आपका खोया हुआ आत्मविश्वास वापस लौटेगा और आप बेहतर करेंगे। सप्ताह के अंतिम दिन आपके काम धंधे के लिए काफ़ी बेहतर रहने वाले हैं। 

मकर:

सप्ताह के पहले दिन चन्द्रमा आपके तीसरे भाव में है, आपका जोश बढ़िया रहेगा। आपका जोश ही तो है जो इस समय पूरी तरह परिणामों को आपके पक्ष में लाएगा। कड़ी मेहनत करके आप परिणामों को अपने पक्ष में ला सकते हैं। 29 और 30 अप्रैल को आप थोड़े से भावुक रह सकते हैं फलस्वरूप अपने रिश्तेदारों से मिलने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन इस समय किसी भी तरह की घरेलू कलह से आपको बचना होगा। 1 व 2 मई का दिन प्रेम प्रसंगों के लिए काफ़ी अनुकूल लग रहा है। साथ ही सप्ताहांत भी आपके लिए अनुकूलता लिए हुए रहेगा। 

कुम्भ:

सप्ताह के पहले दिन आप किसी धार्मिक मामले या घरेलू मामले को लेकर कुछ ख़र्चे कर सकते हैं। किसी पारिवारिक मामले को लेकर कुछ चिंतित भी रह सकते हैं। आपका कोई नज़दीकी व्यक्ति आपको निराश कर सकता है। लेकिन 29 और 30 अप्रैल के दिन आपमें एक बेहतर एनर्जी देखने को मिलेगी जो आपके सभी कामों को पूरा करने में मददगार होगी। वहीं 1 और 2 मई के दिन आप अपने घरेलू जीवन का आनंद लेने के मूड में रहेंगे। वहीं सप्ताहांत में आप अपने प्रियजन के साथ कहीं घूमने जा सकते हैं। यानी सामान्यत: यह सप्ताह शुभ रहने वाला है। 

मीन:

इस सप्ताह की शुरुआत आपके लिए काफ़ी उत्साहवर्धक रहेगी। सप्ताह के पहले दिन आप बहुत खुश रहेंगे। विशेषकर युवा वर्ग अपने निजी सम्बध को लेकर प्रसन्न रह सकता है। वहीं 29 और 30 अप्रैल के दिन आप अपने आर्थिक मामलों को लेकर चिंतित रह सकते हैं। कुछ पारिवारिक मामले भी मन को अप्रसन्न कर सकते हैं। जबकि 1 व 2 मई को चन्द्रमा तीसरे भाव में है अत: मेहनत रंग लाएगी। आपकी कुछ योजनाओं को सफल होने के अवसर मिलेंगे। सप्ताहांत में कामों को सावधानी से निबटाने की कोशिश करें और गृहस्थ जीवन का ख़याल रखें। 

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बुध ग्रह का मिथुन राशि में गोचर (मई 23, 2014)

बुध मई 23, 2014, को मिथुन राशि में प्रवेश कर रहा है। क्या आप जानते हैं यह गोचर आपके जीवन में क्या क्या बदलाव लाएगा? आइए इनके बारे में ज़्यादा जानते हैं ‘पं. हनुमान मिश्रा जी’ से।

Mithun Raashi mein Buddh ka pravesh aur raashiyon par uska prabhaav.

23 मई को बुध ग्रह मिथुन राशि में जा रहा है। फलस्वरूप, अनाजों के भाव में कुछ तेजी का रुख देखने को मिल सकता है। सोने-चांदी के भावों में तेजी देखने को मिल सकती है। राजनीतिक पार्टियों की जुबानी जंग कुछ शांत सी रहेगी। लेकिन प्रादेशिक स्तर पर राजनीतिक सरगर्मियां बनी रहेंगी, विशेषकर कुछ उत्तरी राज्यों और पश्चिमी राज्यों में। 


आइए अब जानते हैं कि बुध के गोचर का हमारी राशियों पर क्या असर होगा।

मेष:

इस अवधि में आपका सम्मान होगा तथा ख्याति बढ़ेगी। आपका आत्मविश्वास मज़बूत बना रहेगा। लेकिन छोटे भाई बहनों से किसी भी तरह का विवाद करना ठीक नहीं रहेगा। उनकी बातों को हल्के से न लें, बहुत सम्भव है कि वो जो कह रहें हैं वह सही हो। हालांकि पारिवारिक जीवन संतोषप्रद रहेगा। हालांकि स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। आप अपनी प्रतिभा, योग्यता, और निपुणता के बल पर अच्छे परिणाम प्राप्त करेंगे।

वृषभ:

पंचम भाव का स्वामी दूसरे भाव में रहेगा अत: इस अवधि में पारिवारिक माहौल अनुकूल रहेगा। यदि आप अपने प्रेम प्रसंग के बारे में अपने परिजनों को बताना चाह रहे हैं, तो उसके लिए यह एक अनुकूल समय है। आपकी भाषा शैली मृदु रहेगी जो आपको लोगों से जोड़ने का काम करेगी। फिर भी जोखिम उठाने की प्रवृति पर नियंत्रण रखें। आपका मन अध्यात्म की ओर झुकेगा।

मिथुन:

बुध का यह गोचर आपके जीवन में बड़ी अनुकूलता लेकर आ रहा है। इस समय मित्र व सहयोगी सहायता करेंगे। काम धंधें में उन्नति होगी। आर्थिक मामलों के लिए भी समय अनुकूल कहा जाएगा। इस अवधि में प्रणय संबंध सुधरेंगे। निजी जीवन में भी सामंजस्य और प्रगाढ़ होगा। इस दौरान आपके कई लोगों से मित्रतापूर्ण संबंध कायम होंगे। आपकी लम्बी यात्रा करने की पूरी संभावना है।

कर्क:

सामान्यत: किसी भी ग्रह का बारहवें भाव में जाना बहुत अनुकूल परिणाम देने वाला नहीं कहा गया है, लेकिन बुध अपनी ही राशि में है, अत: कई अनुकूल परिणाम भी देखने को मिलेंगे। दूर देश की यात्राएं भी सम्भव हैं। पारिवारिक माहौल संतोषप्रद रहेगा। घर में किसी शुभ कृत्य के होने के योग भी बन रहे हैं। व्यापार-व्यवसाय में लाभ व विस्तार होने के योग बन रहे हैं।

सिंह:

इस अवधि में बुध ग्रह द्वितीयेश और लाभेश होकर लाभ स्थान में स्थित है, अत: इस अवधि में अपनी बुद्धिमत्ता के कारण आप प्रचुर लाभ पायेंगे। इस अवधि में कुछ यात्राएं भी सम्भव हैं। इस यात्रा से आपको लाभ भी प्राप्त होगा। आप प्रसिद्ध व्यक्तियों के सम्पर्क में आयेंगे। आपकी ख्याति, प्रतिष्ठा, और सम्मान में बढ़ोत्तरी होगी। अपने व्यवसाय में आप अच्छा काम करेंगे। लाभ की स्थितियाँ भी मज़बूत होंगी।

कन्या:

इस अवधि में बुध ग्रह लग्नेश और कर्मेश होकर कर्म स्थान में ही स्थित है, अत: व्यापारियों और व्यवसायियों को बड़ा लाभ हो सकता है। लेकिन अन्य ग्रहों के प्रभाव में होने के कारण आपमें क्रोध की अधिकता रह सकती है। वाणी पर नियंत्रण भी जरूरी होगा। जल्दी धन कमाने की अपनी प्रवृति पर अंकुश लगायें। स्वास्थ्य व परिवार का ख़याल रखें। बेकार की यात्राओं से बचें।

तुला:

भाग्येश बुध भाग्य स्थान पर स्थित है, अत: भाग्यवर्धन होने के योग निर्मित होंगे। यह समय दूर देशों से सम्बंधित कामों के लिए भी काफी अनुकूल कहा जाएगा। इस अवधि में आपका व्यापार-व्यवसाय बढेगा। किसी प्रतिस्पर्धा में भी सफलता मिलेगी। आपकी प्रसिद्धि एवम् सम्मान में इजाफा होगा। सुखद यात्रा की भी संभावना है। आप लाभप्रद सौदा करेंगे। भागीदार व सहयोगी सहयोग देंगे।

वृश्चिक:

लाभेश बुध अष्टम भाव में स्थित रहेगा जो कि लाभ में कठिनाई का संकेत कर रहा है, लेकिन क्योंकि बुध अष्टमेश भी है, अत: कठिनाई के बाद भी सही लाभ होता रहेगा। हालांकि इस समय आप व्यर्थ के कामों में उलझे रह सकते हैं। खर्चे बढ़ सकते हैं। पारिवारिक जीवन में कुछ तनाव रह सकता है। विरोधी परेशान करने की कोशिश करेंगे। अत: वाणी पर नियंत्रण रखें। जहां तक संभव हो यात्राओं से बचें।

धनु:

कर्मेश बुध के सप्तम भाव में होने के कारण बहुत सारे शुभ परिणामों की प्राप्ति होगी। इस अवधि में पारिवारिक सुख बढा चढ़ा रहेगा। दैनिक कामों में उन्नति और उससे अच्छा लाभ होने के योग है। एक यादगार यात्रा होने की भी संभावना है। नये उद्यमों में सफलता मिलेगी। यह समय प्रेम प्रसंगों के लिये भी अच्छा है। मित्र और शुभ चिन्तक पूरा सहारा देंगे। आपका स्वभाव अपेक्षाकृत मृदु बना रहेगा।

मकर:

इस अवधि में बुध छठे भाव में अपनी ही राशि में स्थित है, अत: बुध का गोचर आपको अधिकांश मामलों में शुभ परिणाम देगा। इस अवधि में पारिवारिक वातावरण सुखद रहेगा। घर परिवार में कोई शुभ संस्कार भी मनाया जा सकता है। आपकी व्यवसायिक योग्यता विकसित होगी। आप सुखी और प्रसन्न रहेंगे। आप विलास सामग्री पर व्यय करेंगे। बस मेहनत थोड़ी सी ज्यादा करनी पड़ सकती है।

कुम्भ:

इस अवधि में आपकी मेहनत रंग लायेगी। कामों में सफ़लता मिलेगी और छोटी यात्राएं सफ़ल रहेंगी, लेकिन छोटे भाई बहिनों से बेहतर सम्बंध बनाए रखने की कोशिश जारी रखनी होगी। घर परिवार में कोई शुभ कृत्य सम्भव है। संतान या शिक्षा में आ रही अड़चने दूर होंगी। नये लोगों से, पुराने दोस्तों से मुलाकात होगी। काम धंधे में भी अच्छे परिणाम मिलेंगे। आर्थिक मामलों के लिए भी समय शुभ रहेगा।

मीन:

यह समय घरेलू जीवन का आनंद लेने का है। परिवार के सदस्यों का आपके प्रति बहुत अच्छा बर्ताव रहेगा, लेकिन जीवनसाथी के साथ किसी भी तरह का विवाद करने से बचें। हालांकि लोग आपकी बातों से प्रभावित होंगे। आर्थिक रूप से समय अच्छा रहेगा। पुराने कर्ज आदि की वसूली भी हो जायेगी। गूढ़ विज्ञान में आपकी रूचि बढ़ेगी। लेकिन इस समय आपको वाहन चलाते समय सावधानी रखनी होगी।

पं हनुमान मिश्रा
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सूर्य का वृषभ राशि में गोचर (15 मई , 2014)

सूर्य 15 मई, 2014, को वृषभ राशि में प्रवेश कर रहा है। क्या आप जानते हैं यह गोचर आपके जीवन में क्या क्या बदलाव लाएगा? आइए इनके बारे में ज़्यादा जानते हैं ‘पं. हनुमान मिश्रा जी’ से।
Vrishabh Raashi mein Surya ka pravesh aur raashiyon pe uska prabhaav.
15 मई 2014 को सूर्य अपनी उच्चावस्था का त्याग कर रहे हैं, यानी कि सूर्य देश मेष राशि से वृषभ राशि में प्रवेश कर रहे हैं। सूर्य की यह स्थिति शासन प्रशासन के पदों में परिवर्तन करवा सकती है। इस समय महिला संगठन किसी मुद्दे को लेकर अनसन या नाराजगी जाहिर कर सकते हैं। 


आइए अब जानते हैं कि बुध के गोचर का हमारी राशियों पर क्या असर होगा:

मेष: सूर्य आपके दूसरे भाव में रहेगा अत: आर्थिक मामलों के लिए समय अनुकूल नहीं है। इसलिए धन संबंधी मामलों में काफी सचेत रहने की आवश्यकता है। पारिवारिक जीवन भी प्रभावित रह सकता है। आँखों और मुँह की कोई बीमारी आपको कष्ट दे सकती है।

वृषभ: सूर्य आपके प्रथम भाव में रहेगा अत: आपमें क्रोध की अधिकता रह सकती है। लू लगने या बुखार जैसी बीमारियों से आपको कष्ट मिल सकता है फिर भी। छोटी यात्राएं भी हो सकती हैं। मेहनत के अनुसार सफलता मिलेगी। सामाजिक संस्थानों को आप खुलकर दान देंगे।

मिथुन: सूर्य आपके द्वादस भाव में है अत: आप क्षणिक उन्माद में कोई काम न करें। खर्चे बढ़ सकते हैं। व्यापार में समझदारी से काम न लेने की स्थिति में नुकसान हो सकता है। मित्रों और रिश्तेदारों से संबंध मधुर रखें अन्यथा आपस में तनाव पैदा हो सकता है। आर्थिक मामलों में सावधानी से काम लें।

कर्क: सूर्य आपके लाभ भाव में है अत: आपकी इच्छाएँ व महत्वाकांक्षायें पूरी होंगी। आप मित्रों और रिश्तेदारों से सहायता पायेंगे। आमदनी में अच्छी खासी वृद्धि होगी। अनुबन्धों और समझौतों से आपको प्रचुर लाभ मिलेगा। प्रेम एवम् प्रणय संबंधों के लिये भी यह एक श्रेष्ठ समय है।

सिंह: सूर्य का गोचर आपके दसम भाव में है अत: सब लिहाज से यह समय काफी संतोषप्रद सिद्ध होगा। इस अवधि में आप व्यापार या नौकरी में सफलता प्राप्त करेंगे और अपने वरिष्ठ अधिकारियों के कृपाभाजन रहेंगे। इस अवधि में आप बहुत क्रियाशील एवम् व्यस्त भी रहेंगे।

कन्या: सूर्य आपके नवम भाव में है अत: इस अवधि में मिले जुले फल मिलेंगे। उच्च पद प्रतिष्ठा प्राप्त लोगों से भेंट होगी और उनकी कृपा रहेगी। धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण स्थलों का भ्रमण करेंगे। रूपये पैसे के लिहाज से भी यह समय अच्छा है। लेकिन लम्बी यात्राएं सफलदायक नहीं रहेंगी। माता पिता बीमार रह सकते हैं।

तुला: सूर्य आपके अष्टम भाव में है, यह गोचर की अच्छी स्थिति नहीं मानी गई है है अत: अचानक समस्यायें खड़ी हो सकतीं हैं। अनैतिक कार्यों तथा सन्देहास्पद सौदों से बचें। महत्वपूर्ण कागजों पर दस्तखत करने से पहले कागज अच्छी तरह पढें। संबंधियों से व्यवहार अच्छा रखें । स्वास्थ्य का ख्याल रखें।

वृश्चिक: सूर्य आपके सप्तम भाव में है, अत: मेहनत के अनुरूप फल नहीं मिलेगा। व्यवसायिक या व्यापार के साथी आपके लिये समस्यायें पैदा कर सकते हैं। घरेलू मामले विशेषकर जीवन साथी के साथ विवाद करने से बचें। आप मानसिक रूप से तनावग्रस्त या बीमार भी हो सकते हैं।

धनु: सूर्य का गोचर आपके छठे भाव में है अत: इस अवधि में आप जो भी करेंगे उसमें सफल रहेंगें। प्रतिष्ठा एवम् पद वृद्धि की संभावना है। आपको मान्यता मिलेगी और पदोन्नति भी। सम्मान एवम् साख भी प्राप्त करेंगे। काम सफल होगा और नौकरी करने के हालातों में सुधार भी होगा।

मकर: सूर्य का गोचर आपके पंचम भाव में है, यहां पर सूर्य के गोचर को बहुत अच्छा नहीं माना गया है अत: इस अवधि में आप जीवन का बड़े उत्साह और उल्लास से स्वागत तो करेंगे लेकिन प्रणय प्रेम संबंधों के लिये यह समय श्रेयस्कर नहीं है। अचानक यात्रा की संभावना भी है। अत: सोच विचार कर लिए गए निर्णय अच्छे रहेंगे।

कुम्भ: सूर्य का गोचर इस समय आपके चौथे भाव में है अत: माता पिता का स्वास्थ्य आपको चिन्ता ग्रस्त रख सकता है। इस अवधि में आपको मेहनत करनी पड़ेगी। लगातार किया गया कड़ा परिश्रम आपको थका सकता है। इस समय आपको चाहिए कि वाहन बहुत तेजी से न चलाएँ ।

मीन: सूर्य आपके तीसरे भाव में रहेगा अत: घरेलु जीवन में आप सुखी रहेंगे और बहु प्रतीक्षित इच्छाओं की संपूर्ति होगी। धन लाभ के समाचार प्राप्त करेंगे। पारिवारिक मित्रों और रिश्तेदारों से सामाजिक संबंध और अच्छे होंगे। घूमने के मौके मिलेंगे। छोटी यात्राएं भाग्यशाली सिद्ध होंगी और सुखद रहेंगी।

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बुध ग्रह का वृषभ राशि में गोचर (मई 04, 2014)

बुध मई 04, 2014, को वृषभ राशि में प्रवेश कर रहा है। क्या आप जानते हैं यह गोचर आपके जीवन में क्या क्या बदलाव लाएगा? आइए इनके बारे में ज़्यादा जानते हैं ‘पं. हनुमान मिश्रा जी’ से।

Vrishabh Raashi mein Buddh ka pravesh aur raashiyon pe uska prabhaav.

04 मई, 2014 को बुध ग्रह, 22 बजकर 07 मिनट पर वृषभ राशि में जा रहा है। फल स्वरूप, अनाजों का भाव सामान्य बना रहेगा, लेकिन सोने का भाव बढ़ सकता है। राजनीतिक पार्टियों की जुबानी जंग तेज हो सकती है, शासको और प्रशासकों में भी विवाद होने के योग हैं। कई महिला प्रतियाशियों के जीतने की सम्भावनाएं मजबूत होंगी।


आइए अब जानते हैं कि बुध के गोचर का हमारी राशियों पर क्या असर होगा:

मेष:

छठे भाव का स्वामी दूसरे भाव में रहेगा, अत: इस अवधि में पारिवारिक माहौल कम अनुकूल रह सकता है। आत्मविश्वास की कमी या कुछ मानसिक चिन्ताएं रह सकती है। लेकिन आपकी भाषा शैली मृदु रहेगी जो आपको लोगों से जोड़ने का काम करेगी। लेकिन खर्चे बढ़ सकते हैं, अत: सब प्रकार की जोखिम उठाने की प्रवृति पर नियंत्रण रखें। आपका मन अध्यात्म की ओर झुकेगा।

वृषभ:

इस समय मित्र व सहयोगी सहायता करेंगे। काम धंधें में उन्नति होगी। आर्थिक मामलों के लिए भी समय अनुकूल कहा जाएगा क्योंकि धन स्थान का स्वामी आपकी राशि के प्रथम भाव में है। क्योंकि बुध पंचमेश भी है, अत: इस अवधि में प्रणय संबंध सुधरेंगे। इस दौरान आपके कई लोगों से मित्रतापूर्ण संबंध कायम होंगे। आपकी लम्बी यात्रा करने की पूरी संभावना है।

मिथुन:

राशि स्वामी बुध का बारहवें भाव में जाना बहुत अनुकूल परिणाम देने वाला नहीं कहा जाएगा, लेकिन क्योंकि बुध अपने मित्र ग्रह शुक्र की राशि में है अत: वरिष्ठ लोगों या सत्तावान व्यक्तियों से संबंधों में सुधार होगा। पारिवारिक माहौल संतोषप्रद रहेगा। घर में किसी शुभ कृत्य के होने के योग भी बन रहे हैं। व्यापार-व्यवसाय में लाभ व विस्तार होने के योग बन रहे हैं।

कर्क:

इस समय आपका आत्मविश्वास बहुत बढ़िया रहेगा। इस अवधि में अपनी बुद्धिमत्ता के कारण आप प्रचुर लाभ पायेंगे। इस अवधि में आप दूर की यात्राएं भी कर सकते हैं। इस यात्रा से आपको लाभ भी प्राप्त होगा। आप प्रसिद्ध व्यक्तियों के सम्पर्क में आयेंगे। आपकी ख्याति, प्रतिष्ठा, और सम्मान में बढ़ोत्तरी होगी। अपने व्यवसाय में आप अच्छा काम करेंगे। लाभ की स्थितियां भी मजबूत होंगी।

सिंह:

इस अवधि में बुध ग्रह द्वितीयेश और लाभेश होकर कर्म स्थान में स्थित है, अत: नौकरी पेशा लोगों को बड़ा लाभ हो सकता है। लेकिन अन्य ग्रहों के प्रभाव के कारण छोटी छोटी बातों को लेकर विवाद बढ़ने की संभावना है। अत: उनसे बचने की कोशिश करें। जल्दी धन कमाने की अपनी प्रवृति पर अंकुश लगायें। स्वास्थ्य व परिवार का खयाल रखें। बेकार की यात्राओं से बचें।

कन्या:

राशि स्वामी और कर्म स्थान का स्वामी होकर बुध भाग्य स्थान पर होगा, अत: भाग्यवर्धन होगा। जीवनसाथी या व्यवसायिक पार्टनर के माध्यम से लाभ सम्भव है। इस अवधि में आपका व्यापार-व्यवसाय बढ़ेगा। किसी प्रतिस्पर्धा में भी सफलता मिलेगी। आपकी प्रसिद्धि एवम् सम्मान में इजाफा होगा। सुखद यात्रा की भी संभावना है। आप लाभप्रद सौदा करेंगे। भागीदार व सहयोगी सहयोग देंगे।

तुला:

द्वादशेश और भाग्येश, बुध अष्टम भाव में रहेगा। यह एक अच्छी स्थिति नहीं कही जाएगी। अत: बहुत सम्भव है कि इस समय आप व्यर्थ के कामों में उलझे रहें। आर्थिक मामलों के लिए भी समय ठीक नहीं है, खर्चे बढ़ सकते हैं। पारिवारिक जीवन में तनाव रह सकता है। विरोधी परेशान करने की कोशिश करेंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। जहां तक संभव हो यात्राओं से बचें।

वृश्चिक:

लाभेश बुध के सप्तम भाव में होने के कारण बहुत सारे शुभ परिणामों की प्राप्ति होगी लेकिन बुध अष्टमेश भी है, अत: बीच-बीच में कुछ अड़चनें भी आ सकती हैं। इस अवधि में पारिवारिक सुख बढ़ा चढ़ा रहेगा। एक यादगार यात्रा होने की भी संभावना है। नये उद्यमों में सफलता मिलेगी। यह समय प्रेम प्रसंगों के लिये भी अच्छा है। मित्र और शुभ चिन्तक पूरा सहारा देंगे। 

धनु:

इस अवधि में बुध छठे भाव में अपने मित्र की राशि में स्थित है, अत: बुध का गोचर आपको अधिकांश मामलों में शुभ परिणाम देगा। इस अवधि में पारिवारिक वातावरण सुखद रहेगा। घर परिवार में कोई शुभ संस्कार भी मनाया जा सकता है। आपकी व्यावसायिक योग्यता विकसित होगी। आप सुखी और प्रसन्न रहेंगे। आप विलास सामग्री पर व्यय करेंगे। बस मेहनत थोड़ी सी ज्यादा करनी पड़ सकती है।

मकर:

इस अवधि में आपकी मेहनत रंग लायेगी। कामों में सफ़लता मिलेगी और छोटी यात्राएं सफ़ल रहेंगी। भाई बहिनों से सहायता मिलेगी। साथ ही बड़े बुजुर्ग और गुरुजनों का भी सहयोग मिलेगा। प्रिय जनों के साथ किसी धार्मिक यात्रा पर भी जाना हो सकता है। संतान या शिक्षा में आ रही अड़चनें दूर होंगी। नये लोगों से, पुराने दोस्तों से मुलाकात होगी। काम धंधे में भी अच्छे परिणाम मिलेंगे।

कुम्भ:

यह समय घरेलू जीवन का आनंद लेने का है। आपका कोई प्रिय जन कुछ दिनों के लिए आपके घर आ सकता है। परिवार के सदस्यों का आपके प्रति बहुत अच्छा बर्ताव रहेगा। लोग आपकी बातों से प्रभावित होंगे। आर्थिक रूप से यह समय अच्छा रहेगा। पुराने कर्ज आदि की वसूली भी हो जायेगी। गूढ़ विज्ञान में आपकी रूचि बढ़ेगी। लेकिन इस समय आपको वाहन चलाते समय सावधानी रखनी होगी।

मीन:

इस अवधि में आपका सम्मान होगा तथा ख्याति बढ़ेगी। आपका आत्मविश्वास मज़बूत बना रहेगा। यद्यपि पारिवारिक जीवन संतोषप्रद रहेगा लेकिन चतुर्थेश के तीसरे भाव में होने के कारण, आपको अपना पूरा ध्यान पारिवारिक सामंजस्य को बनाने में रखना होगा। हालांकि स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। आप अपनी प्रतिभा, योग्यता, और निपुणता के बल पर अच्छे परिणाम प्राप्त करेंगे।

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साप्ताहिक राशिफल (21 अप्रैल से 27 अप्रैल 2014)

Saptahik Rashifal of Mesh
मेष:यह सप्ताह आपके लिए मिलाजुला रहेगा। काम में आ रही देरी अब खत्म होगी। लेकिन इस समय जो भी बोलें सोच समझ कर बोलें। आर्थिक मामलों में बुद्धिमत्त से काम लेना होगा। नए एग्रीमेंट करने से पहले एक बार अच्छी तरह सोच समझ लें। सप्ताह मध्य में कुछ लाभदायक यात्राएँ सम्भव हैं। लंबे समय से पेंडिग काम अब सफ़ल होने शुरू हो जाएंगे लेकिन सप्ताहांत में मन किसी बात को लेकर चिंतित रह सकता है।

वृषभ:यह सप्ताह सामान्य तौर पर आपके लिए अनुकूल है। कामों में सफ़लता मिलेगी। सुख सुविधाओं का लाभ मिलेगा। लेकिन क्रोध करने से बचना होगा। साथ ही अगले कुछ दिन सामाजिक मामलों में आपको सोच-समझकर चलने की ज़रूरत होगी हालांकि सप्ताह मध्य में अनुकूल परिणाम मिलेंगे। स्वास्थ में बेहतरी आएगी। सप्ताह कें अंतिम दिनों में आपको मनोरंजन के अवसर मिलेंगे। इस समय आप कहीं घूमने जा सकते हैं।

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मिथुन:सप्ताह सामान्यत: अच्छा रहेगा लेकिन आर्थिक माममों में सावधानी से काम लेना होगा। घरेलू और निजी जीवन में चली आ रही परेशानियाँ कम होंगी। प्यार मुहब्बत के लिए समय काफ़ी अनुकूल रहेगा। ख़र्चों पर अंकुश लगाना ज़रूरी होगा। अन्यथा अर्थिक मामलों को लेकर मन चिंतित व परेशान हो सकता है। सप्ताह के मध्य भाग में आपको कोई शुभ समाचार मिल सकता है। वहीं सप्ताहांत में कामों में सफ़लता मिलेगी। मनोरंजक कार्यकलाप से जुड़ाव होगा।

कर्क:सप्ताह के शुरुआत में ग्रह गोचर लाभ देने का संकेत कर रहा है। अत: कहीं से अचानक धन लाभ या उपहार मिल सकता है। साथ ही साथ इस समय आपमें विनम्रता पहले की तुलना में अधिक देखी जा सकेगी। इस समय आपका काम भी प्रसंशनीय रहेगा। आपकी कार्यशैली और मेहनत लोगों का ध्यान आकर्षित करेगी। लेकिन सप्ताह के मध्य भाग में ख़र्चों पर नियंत्रण रखना होगा। सप्ताहांत में परिस्थितियाँ आपके पक्ष में होगीं। आपका मन प्रसन्न रहेगा।

सिंह:सप्ताह की शुरुआत में अनुकूल परिणाम मिलेंगे। वरिष्ठों का सहयोग मिलेगा। कार्यों में आपको सफ़लता के योग हैं। लेकिन इस सप्ताह आप कोई रिस्क उठाने के मूड में लग रहे हैं। ठीक रिस्क उठाइए लेकिन बहुत बड़ा रिस्क उठाना उचित नहीं रहेगा। इस समय आप किसी नई गतिविधी में संलग्न हो सकते हैं। आपके कामों की प्रसंशा होगी। लेकिन सप्ताह के मध्य में सावधानी से आचरण करना उचित होगा। हालांकि सप्ताहांत आते आते परिस्थितियाँ नियंत्रण में होंगी।

कन्या:सप्ताह की शुरूआत अनुकूल रहेगी। मान सम्मान में इज़ाफ़ा होगा। लेकिन यदि पिछले कई दिनों से आप लगातार काम करते आ रहे हैं तो आराम लें अन्यथा आपका स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। घरेलू जीवन के लिए भी समय निकालना ज़रूरी है अत: आराम के साथ अपनों का साथ पाने के लिए घर पर समय बिताएं। आर्थिक मामलों के लिए भी समय शुभ है। सप्ताह के मध्य भाग में आप अपने कामों में सफ़ल होंगे। सप्ताहांत में कुछ बेकार के ख़र्चे सामने आ सकते हैं।

तुला:सप्ताह की शुरुआत में कड़ी मेहनत करके आप परिणामों को अपने पक्ष में ला सकते हैं। आपका जोश ही तो है जो इस समय पूरी तरह परिणामों को आपके पक्ष में ला रहा है। लेकिन आर्थिक मामलों के लिए भी समय बहुत अनुकूल नहीं है। जोश में आकर अधिक ख़र्चे न करें। इस सप्ताह भावनाएँ आप पर हावी रहेंगी। प्रेम प्रसंगों के लिए भी समय अनुकूल है। सप्ताह मध्य में यात्राएँ फायदेमंद रहेंगी। सप्ताह के अंतिम दिनों में कामों सफ़लता मिलेगी।

वृश्चिक:यह सप्ताह आपके लिए मिला जुला रहेगा। इस सप्ताह की शुरुआत में बेवजह ख़र्चे करने से बचें किसी दूसरे के बहकावे मे आकर नहीं बल्कि अपनी ज़रूरत के अनुसार खर्च करें। परिवारिक मामलों में कुछ परेशानियाँ रह सकती हैं। आपका कोई नजदीकी व्यक्ति आपको निराश कर सकता है। हालांकि सप्ताह मध्य में आपकी एनर्जी आपके सभी कामों को पूरा करने में मददगार होगी। सप्ताहांत भी आपको अनुकूल परिणाम दिला सकता है।

धनु:इस सप्ताह की शुरुआत आपके लिए काफ़ी उत्साहवर्धक रहेगी। आपकी कुछ योजनाओं को सफल होने के अवसर मिलेंगे। मेहनत रंग लाएगी। आप सहजता से अपने लक्ष को पा सकेंगे। लोगों से आपको कोई बेहतर आइडिया भी मिल सकता है अत: किसी की सलाह को नजरअंदाज न करें। सप्ताह के मध्य में आप कहीं घूमने के लिए जा सकते हैं। दैनिक कामों में सुधार होगा। सप्ताहांत में कामों को सावधानी से निबटाने की कोशिश करें।

मकर:सप्ताह की शुरुआत में आप कुछ हद तक चिंतित रह सकते हैं। मुमकिन है कि ये चिंता आर्थिक मामलों को लेकर हो। दूर की यात्राओं को करने से पहले भली-भांति सोच विचार कर लें। हालांकि सप्ताह का मध्य भाग अनुकूल रहेगा। किसी आनंददायी काम से जुड़ाव सम्भव है। इस समय आप रोमान्टिक मूड में भी हो सकते हैं। इस समय कोई सुखद यात्रा भी सम्भव है। सप्ताहांत में कोई विवादास्पद घटनाक्रम हो सकता है अत: उससे बचने का प्रयास करें।

कुम्भ:सप्ताह की शुरुआत में कुछ लाभ की स्थितियाँ मजबूत होंगी। इस समय आपका मूड काफ़ी रोमन्टिक रह सकता है। प्रेम पात्र से उपहारों का आदन प्रदान भी सम्भव है। व्यवसायिक सम्बन्धों में और मज़बूती आने के योग हैं। वहीं सप्ताह मध्य में अचानक आए ख़र्चों की वजह से मन कुछ हद तक विचलित हो सकता है। सप्ताहांत में समय अनुकूल रहेगा। सफलता व आनंद की प्राप्ति होगी। प्रिय जनों से मेल मिलाप सम्भव है।

मीन:सप्ताह के आरम्भिक दिन अनुकूलता लिए हुए हैं। इस समय आपने जिन कामों को करने का जिम्मा उठा रखा है उनको पूरा करके ही छोड़ेंगे। स्वास्थ्य भी अनुकूल रहेगा। सप्ताह मध्य में चिंताओं से मुक्ति मिलेगी। लाभ के अवसर और मज़बूत होंगे। आत्मीय जनों और लव पार्टनर के साथ कुछ अच्छे पल बिताने को मिलेंगे। लेकिन सप्ताहांत हर मामलों में सावधानी से काम लेना ज़रूरी होगा। कामों में आने वाली कठिनाइयों से निबटने के लिए तैयार रहना ज़रूरी होगा।

पं. हनुमान मिश्रा
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साप्ताहिक राशिफल (14 अप्रैल से 20 अप्रैल 2014)


Saptahik Rashifal of Mesh;
मेष:इस सप्ताह की शुरुआत में आप उत्साह से भरे रहेंगे। सुख सुविधाओं की वृद्धि होगी। आपकी योजनाएँ सफल होंगी। सप्ताह मध्य में घरेलू मामलों में सावधानी से काम लें। सप्ताहांत में मूड सही करने के लिए फ़िल्म देखना या फिर कोई किताब पढ़ना ठीक रहेगा।

वृष:सप्ताह का अधिकांश भाग आपके लिए अनुकूल रहेगा। सप्ताह की शुरुआत में आप अपनी या संतान की शिक्षा को लेकर चिंतित रह सकते हैं। हालांकि सप्ताह मध्य में आपकी मेहनत का फल मिल जाएगा लेकिन सप्ताहांत में कुछ अपमानजनक या विवादास्पद घटनाक्रम सामने आ सकते हैं।

मिथुन:सप्ताह का प्रथम भाग आपके लिए अधिक अनुकूल नहीं रहेगा। इस समय आप कुछ घरेलू सामान ख़रीदने को लेकर परेशान रह सकते हैं। सप्ताह का मध्य भाग आपके लिए काफ़ी अच्छा रहेगा। कामों में सफ़लता मिलेगी। वहीं सप्ताहांत भी अच्छा रहेगा। पार्टनर के साथ आनंददायी समय बीतेगा।

कर्क:इस सप्ताह के आरम्भिक दिन आपके लिए अनुकूल हैं। इस समय आप अपने स्वास्थ को बेहतर बनाने को लेकर चिंतन करेंगे। सप्ताह के मध्य भाग में आप घर गृहस्थी को लेकर चिंतित रह सकते हैं। लेकिन सप्ताहांत आपके लिए बेहतर परिणाम लेकर आ रहा है।

सिंह:यह सप्ताह आपके लिए मिला जुला रहेगा, लेकिन वाणी पर संयम बहुत ज़रूरी है। यद्यपि आमदनी निरंतर बनी हुई है लेकिन ख़र्चों पर नियंत्रण रखें। सप्ताह का मध्य भाग आपके लिए अनुकूल रहेगा, लेकिन मन में कुछ चिंताएँ रह सकती हैं। सप्ताहांत में लाभदायक यात्राएँ हो सकती हैं।

कन्या:यह सप्ताह आपके लिए सामान्य तौर पर अच्छा रहेगा। कामों में सफ़लता मिलेगी। आप सुख सुविधाओं का लाभ ले पाएंगे। लेकिन स्वास्थ्य का ख़याल रखना ज़रूरी होगा। सप्ताह के मध्य भाग में सब प्रकार से अनुकूल परिणाम मिलेंगे। सप्ताह के अंतिम दिनों में आप मनोरंजन को वरीयता देंगे।

तुला:सामान्य तौर पर यह सप्ताह आपके लिए अच्छा रहेगा लेकिन सप्ताह के शुरुआती दिनों में आप कोई बड़ा ख़र्चा न करें। सप्ताह के मध्य में आपको कुछ शुभ समाचार सुनने को मिलेंगे। वहीं सप्ताहांत में आप आत्मविश्वास से भरे रहेंगे और आप एक मनोरंजक फ़िल्म या नाटक देखने जा सकते हैं।

वृश्चिक:सप्ताह के शुरुआत में चन्द्रमा एकादश भाव में स्थित है अत: लाभ की सम्भावनाएँ मज़बूत रहेंगी। लेकिन सप्ताह के मध्य में बेवजह के ख़र्चों और यात्राओं से बचना ज़रूरी होगा। सप्ताहांत में परिस्थितियाँ आपके पक्ष में होंगी फिर भी संयम से काम लेने की आवश्यकता रहेगी।

धनु:सप्ताह की शुरुआत आपके लिए अनुकूलता लिए हुए है। आपको अधिकांश कार्यों में सफ़लता मिलेगी। लोग आपके कामों की प्रशंसा करेंगे। सप्ताह के मध्य में हर मामले में थोड़ी सी सावधानी ज़रूरी होगी। हालांकि सप्ताहांत आते आते परिस्थितियाँ नियंत्रण में होंगी।

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मकर:सप्ताह की शुरूआत आपके लिए शुभ है। आपको सामाजिक सम्मान मिलेगा। रुपए पैसों के लिहाज से भी शुरुआती दिन शुभ हैं। सप्ताह के मध्य भाग में आपके काम सफ़ल होंगे। लेकिन सप्ताहांत में आपको थोड़ी सी सावधानी बरतने की आवश्यकता है क्योंकि कुछ अनावश्यक ख़र्चे सामने आ सकते हैं।

कुम्भ:सप्ताह की शुरुआत आपके लिए अधिक अनुकूल नहीं रहेगी। आर्थिक मामलों में सावधानी की आवश्यकता है। सप्ताह का मध्य भाग आपके लिए काफ़ी अनुकूल रहेगा। आप किसी दूर की यात्रा पर जा सकते हैं। कामों में सफ़लता मिलेगी। सप्ताहांत में लाभ के अवसर मज़बूत होंगे।

मीन:यह सप्ताह आपको मिले जुले फल देने वाला रहेगा। घरेलू जीवन में कुछ व्यवधान रह सकते हैं। सप्ताह के मध्य भाग में विशेष सावधानी रखने की ज़रूरत है। इस समय आप सुपाच्य भोजन ही करें तो बेहतर होगा। हालांकि सप्ताहांत में बेहतर परिणाम मिलने से मन प्रसन्न रहेगा।

पं. हनुमान मिश्रा
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साप्ताहिक राशिफल (7 अप्रैल से 13 अप्रैल 2014)

Saptahik Rashifal of Mesh;
मेष:इस सप्ताह के आरम्भिक दिन आपके लिए अनुकूल हैं। स्वास्थ्य अनुकूल रहेगा। इस समय कुछ छोटी यात्राएँ भी सम्भव हैं। सप्ताह मध्य में आप गृहस्थ जीवन को लेकर कुछ चिंतित रह सकते हैं। हालांकि ये बड़ी चिंताएँ नहीं होंगी। लेकिन सप्ताहांत आपके लिए अच्छा रहेगा।

वृषभ:सप्ताह मिश्रित फलदायी रहेगा। इस समय आपको अपनी वाणी पर संयम रखना होगा। आर्थिक मामलों में भी संयम से काम करना होगा। हालांकि आमदनी निरंतर बनी हुई है इसलिए बजट बिगड़ेगा नहीं। सप्ताह मध्य में कुछ लाभदायक यात्राएँ हो सकती हैं। वहीं सप्ताहांत में कुछ चिंताएँ सम्भव हैं।

मिथुन: सप्ताह सामान्य तौर पर अनुकूल है। आपको सुख सुविधाओं का लाभ मिलेगा। कामों में सफ़लता मिलेगी। लेकिन क्रोध करने से बचना ज़रूरी होगा। अपने स्वास्थ्य का ख़याल रखें। सप्ताह मध्य में अनुकूल परिणाम मिलेंगे। सप्ताह के अंतिम दिनों में आप मनोरंजन के लिए कहीं घूमने जा सकते हैं।

कर्क:सप्ताह सामान्यत: अच्छा रहेगा लेकिन सप्ताह के शुरुआत में ख़र्चों पर अंकुश लगाना ज़रूरी होगा। किसी चिंता के कारण मन परेशान रह सकता है या नींद में व्यवधान रह सकता है। सप्ताह के मध्य में शुभ समाचार मिल सकता है। सप्ताहांत में कामों में सफ़लता व मनोरंजक कार्यकलाप सम्भव।

सिंह: सप्ताह के शुरुआत में चन्द्रमा लाभ देने का संकेत कर रहा है। अत: आपकी आमदनी में इज़ाफ़ा हो सकता है। कहीं से अचानक धन लाभ या उपहार मिल सकता है। लेकिन सप्ताह मध्य में ख़र्चों पर नियंत्रण रखना होगा। सप्ताहांत में परिस्थितियाँ आपके पक्ष में होगीं। मन प्रसन्न रहेगा।

कन्या: सप्ताह की शुरुआत मे अनुकूल परिणाम मिलेंगे। कार्यों में सफ़लता के योग हैं। आपके कामों की प्रशंसा होगी। वरिष्ठों का सहयोग मिलेगा। लेकिन सप्ताह के मध्य में हर मामलें में सावधानी से काम लेना उचित होगा। हालांकि सप्ताहांत आते आते परिस्थितियाँ नियंत्रण में होंगी और अच्छे फ़ल मिलेंगे।

तुला:सप्ताह की शुरूआत अनुकूल रहेगी। आप धर्म या समाज के कामों से जुड़ेंगे। आपके मान सम्मान में इज़ाफ़ा होगा। आर्थिक मामलों के लिए भी समय शुभ है। सप्ताह के मध्य भाग में आप अपने काम में सफ़ल होंगे। सप्ताहांत में अनावश्यक ख़र्चे सामने आ सकते हैं, उन पर नियंत्रण रखें।

वृश्चिक:सप्ताह की शुरुआत में अधिक अनुकूल परिणाम पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। आर्थिक मामलों में सावधानी से काम लेना होगा। हालांकि सप्ताह का मध्य भाग अनुकूल रहेगा। इस समय की गई यात्राएँ फ़ायदेमंद रहेंगी। कामों में सफ़लता मिलेगी। सप्ताह के अंतिम दिनों में लाभप्रद सौदे हाथ लगेंगे।

धनु:यह सप्ताह आपके लिए मिश्रित फलदायी रहेगा। इस सप्ताह की शुरुआत में वैवाहिक जीवन को लेकर चिंतन करने की आवश्यकता रहेगी। साझेदारी के कामों को सावधानी से निबटाएँ। क्रोध और चिड़चिड़ेपन से बचें। सप्ताह के मध्य भाग में भी सावधानी से काम लेना होगा। सप्ताहांत अपेक्षाकृत अनुकूल रहेगा।

मकर:सप्ताह की शुरुआत उत्साहवर्धक रहेगी। आपकी योजनाओं को सफलता मिलेगी। आपकी मेहनत रंग लाएगी। सप्ताह के मध्य में आप कहीं घूमने फिरने के लिए जा सकते हैं। दैनिक रोज़गार के मामलों में सुधार होगा। सप्ताहांत में सावधानी आपेक्षित है।

कुम्भ:सप्ताह की शुरुआत में आप अपनी या संतान की शिक्षा को लेकर कुछ हद तक चिंतित रह सकते हैं। स्वजनों पर क्रोध करने से बचें। सप्ताह का मध्य भाग अनुकूल रहेगा। किसी आनंददायी काम से जुड़ाव या सुखद यात्रा सम्भव है। सप्ताहांत में विवादास्पद घटनाक्रम से बचें और सावधानी से आचरण करें।

मीन: सप्ताह की शुरुआत कुछ कठिनाई भरी रह सकती है। कुछ घरेलू सामानों में ख़राबी आ सकती है। इस समय वाहन आदि भी सावधानी पूर्वक चलाना उचित रहेगा। हालांकि सप्ताह मध्य काफ़ी अच्छा रहेगा। इस समय आपको कामों में सफ़लता मिलेगी। सप्ताहांत में आनंददायी समय बीतेगा।
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रोग और ग्रह

हमारा अतीत हमारे भविष्य को दर्शाता है। इसी तरह, हमारी कुंडली ग्रहों को दर्शाती है कि हम अपने जीवन में किन रोगों से पीड़ित रह सकते है। किस ग्रह से क्या रोग सम्भव है आइये जानते हैं पं. दीपक दूबे से

रोग और ग्रह

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति के वर्तमान जीवन में जो भी उसकी शारीरक, मानसिक, सामाजिक या अध्यात्मिक परिस्थितियां या प्रवृत्ति है वह उसके पूर्व जन्म के संचित कर्मो के आधार पर निर्धारित होती है| व्यक्ति की कुंडली में उसी प्रकार ग्रहों की स्थितियाँ या युतियाँ होती हैं| चूँकि प्रत्येक ग्रह व्यक्ति के शारीर में उपस्थित किसी न किसी तत्व का प्रतिनिधित्व भी करता है और कारक होता है अत: उस ग्रह की किसी विशेष भाव में उपस्थिति, युति या उसका बल व्यक्ति में किसी न किसी प्रकार की शारीरिक, मानसिक व्याधि को जन्म देता है|

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प्रस्तुत है ग्रहों की कुछ विशेष स्थितियाँ और युतियों से होने वाले रोग –

 

कैंसर: 

 

एक असाध्य बीमारी, आइये देखते हैं ग्रहों की कौन सी स्थितियाँ इसे आमंत्रित करती हैं –
  1. सभी लग्नो में कर्क लग्न के जातकों को सबसे ज्यादा खतरा इस रोग का होता है|
  2. कर्क लग्न में बृहस्पति कैसर का मुख्य कारक है, यदि बृहस्पति की युति मंगल और शनि के साथ छठे, आठवे, बारहवें या दूसरे भाव के स्वामियों के साथ हो जाये व्यक्ति की मृत्यु कैंसर के कारण होना लगभग तय है|
  3. शनि या मंगल किसी भी कुंडली में यदि छठे या आठवे स्थान में राहू या केतु के साथ हों तो कैंसर होने की प्रबल सम्भावना होती है|
  4. छठे भाव का स्वामी लग्न, आठवे या दसवे में भाव में बैठा हो और पाप ग्रहों से दृष्ट हो तो भी कैंसर की प्रबल सम्भावना होती है|
  5. किसी जातक की कुंडली में सूर्य यदि छठे, आठवे या बढ़ावे भाव में पाप ग्रहों के साथ हो तो जातक को पेट या आंतों में अल्सर और कैंसर होने की प्रबल सम्भावना होती है|
  6. किसी जातक की कुंडली में यदि सूर्य कही भी पाप ग्रहों के साथ हो और लग्नेश या लग्न भी पाप ग्रहों के प्रभाव में हो तो भी कैंसर की प्रबल सम्भावना रहती है|
  7. कमज़ोर चंद्रमा पापग्रहों की राशी में छठे, आठवे या बारहवे हो और लग्न अथवा चंद्रमा, शनि और मंगल से दृष्ट हो तो अवश्य ही कैंसर होता है|

नेत्र रोग:

  1. लग्नेश यदि बुध अर्थात ३-६ या मंगल १-८ की राशी में स्थित हो तो आँखों में कोई न कोई रोग होने की प्रणाल सम्भावना होती है|
  2. अष्टमेश व लग्नेश छठे भाव में एक साथ हों तो बायीं आँख में विकार तय है|
  3. शुक्र छठे या आठवे में हो तो दाई आँख में विकार संभव है|
  4. यदि १० वे और छठे भावो के स्वामी द्वितीयेश के साथ लग्न में स्थित हो जाये तो व्यक्ति जीवन में दृष्टि अवश्य खो देगा|
  5. मंगल द्वादश भाव में हो तो बाएं और शनि द्वितीय भाव में हो तो दायें आँख में चोट लगने की प्रबल सम्भावना होती है|
  6. त्रिकोण में पाप ग्रहों से दृष्ट सूर्य स्थित हो तो व्यक्ति को आँखों में रोग के कारण कम दिखाई देगा|

मूकता (गूंगापन):

  1. द्वितीयेश यदि गुरु के साथ आठवे भाव में स्थित हो तो व्यक्ति के गूंगा होने की प्रबल सम्भावना रहती है|
  2. बुध और छठे का स्वामी लग्न में हो तो भी व्यक्ति गूंगा हो सकता है|
  3. कर्क, वृश्चिक या मीन लग्नो में बुध कहीं भी और कमज़ोर चंद्रमा उसे देखे तो जातक को हकलाहट की समस्या हो सकती है|
  4. कोई भी लग्न हो परन्तु शुक्र यदि द्वितीय भाव में क्रूर ग्रह से युक्त हो तो व्यक्ति काना या नेत्र विकार युक्त अथवा तुतलाकर बोलने वाला होता है|
  5. द्वितीयेश और अष्टमेश की युति हो या द्वितीयेश पाप पीड़ित हो और अष्टमेश उसे देखे तो हकलाहट या गूंगेपन की पूरी सम्भावना रहेगी|

क्षयरोग (टी बी):

  1. राहू छठे, लग्न से केंद्र में शनि और लग्नाधिपति अष्टम में हो तो क्षयरोग की प्रबल संभावना होती है|
  2. चंद्रमा के घर में यदि बुध बैठा हो तो क्षय रोग या कुष्ठ रो या दोनों की प्रबल संभावना होती है|
  3. मंगल और शनि दोनों की दृष्टि यदि लग्न पर हो तो श्वास या कषय की बीमारी होती ही है|
  4. सिंह या कर्क राशी में सूर्य और चंद्रमा की युति क्षय रोग देने वाली होती है|
  5. कर्क, मकर, कुम्भ या मीन राशी में चंद्रमा हो और गुरु अष्टम में हो और उसे पाप ग्रह भी देखते हों तो क्षय रोग के कारण मृत्यु हो सकती है|

पागलपन (मतिभ्रम):

  1. लग्न और सातवें भाव में क्रमशः गुरु और मंगल स्थित हों तो व्यक्ति मति भ्रम का शिकार हो सकता है|
  2. लग्न में शनि और ९, ५ या ७वे भाव से मंगल का सम्बन्ध हो तो व्यक्ति मतिभ्रम का शिकार होकर धीरे –धीरे पागल हो जायेगा|
  3. १२वे भाव में शनि और कमज़ोर चंद्रमा की युति भी व्यक्ति को मतिभ्रम का शिकार बना देती है|
  4. शुक्र और गुरु की युति हो व्यक्ति मतिभ्रम का शिकार होगा ही और यदि लग्न पर राहू या शनि के साथ कमज़ोर चंद्रमा का प्रबह्व भी हो जाये तो पागल हो जायेगा|

रक्त चाप:

  1. चंद्रमा के क्षेत्र में मंगल बैठा हो|
  2. शनि चतुर्थ में हो तो भी उच्च रक्त चाप के साथ व्यक्ति तेज दिल का दौरा पद सकता है|
  3. कोई भी लग्न हो यदि शनि या राहू चतुर्थ भाव में हो और चंद्रमा भी पीड़ित हो तो व्यक्ति तीव्र ह्रदय घात होगा|
  4. किसी भी लग्न में द्वादशेश + चंद्रमा +शुक्र की युति एक साथ दुह्स्थानो में हो तो व्यक्ति को तेज दिल का दौरा के साथ दुर्घटना का भी प्रबल योग होता है|
  5. किसी भी लग्न में यदि चतुर्थेश यदि अष्टम में हो तो भी जातक तीव्र रक्त चाप की बीमारी होगी|

कुष्ठ रोग:

  1. शनि, मंगल और चंद्रमा ये तीनो यदि मेष या वृषभ राशि में हों तो सफ़ेद कुष्ठ की प्रबल सम्भावना होती है|
  2. चंद्रमा यदि राहू के साथ लग्न में हो तो भी कुष्ठ रोग होता है|
  3. जल राशी में गया हुआ चंद्रमा यदि शुक्र से युक्त हो तो भी सफ़ेद कुष्ठ की पूरी सम्भावना होगी|
  4. मेष राशी में बुध हो और दशम में चंद्रमा , शनि और मंगल की युति हो तो भी कुष्ठ रोग होगा|
  5. बुध, चंद्रमा और लग्न का स्वामी यदि राहू या केतु से युत हों तो कुष्ठ रोग होता है|

पीलिया (पांडू रोग):

  1. लग्न में सूर्य, मंगल और शनि की युति अन्य शुभ ग्रहों की संगत या दृष्टि होने के बावजूद पीलिया रोग जीवन में हो ही जाता है|
  2. अष्टम में गया हुआ बृहस्पति और नीच गत मंगल भी पीलिया रोग दे देता है|
  3. अष्टम में राहू और गुरु की युति भी लीवर सम्बन्धी रोग दे देती है|

नशे (व्यसन) का रोग:

  1. बारहवे पाप ग्रह हो|
  2. लग्न में मकर का गुरु|
  3. ग्नेश निर्बल हो और उस पर पाप ग्रहों की दृष्टि हो|
  4. लग्न का स्वामी नीच राशी में अथवा अपने शत्रु राशी में स्थित हो|
  5. बारहवे भाव का स्वामी नीच राशी गत हो|
  6. राहू की दशा –अंतर दशा भी जातक को व्यसन की ओर प्रसृत करती है|

अन्य रोग एवं ग्रह:

  1. लग्नेश पाप पीड़ित हो या लग्न में कमज़ोर चंद्रमा हो तो व्यक्ति आजीवन रोगी रहेगा|
  2. लग्न अथवा अष्टम का गुरु मोटापा का कारक होता है यदि अष्टम में है तो मोटापा के साथ साथ थाइरायड की समस्या अवश्य दे देगा|
  3. अष्टम का राहू ,शुक्र या शनि वात रोग अवश्य देते है|
  4. पाप पीड़ित बुध पित्त की बीमारी अवश्य दे देगा|
  5. मकर और कुम्भ लग्न के जातको को वात रोग अवश्य होता है यदि शनि पीड़ित हो तो आर्थराइटिस होने की पूरी सम्भावना रहेगी|
  6. लग्नेश निर्बल हो चंद्रमा तथा सूर्य भी निर्बल और पाप ग्रसित हों तो व्यक्ति की प्रवृत्ति आत्महत्या करने की होती है या व्यक्ति अवसाद में जा सकता है|
  7. चाहे कोई भी लग्न हो अष्टम में शनि और चंद्रमा के युति व्यक्ति को शत्रु कृत कर्म और प्रेत बाधा से मृत्यु देने में समर्थ है|

विशेष:

  1. ऊपर दिए गए रोगों के और भी योग होते हैं परन्तु यहाँ केवल मुख्य योग ही दिए गए हैं|
  2. प्रत्येक योग के कुछ परिहार भी कुंडली में मौजूद हो सकते हैं अतः केवल यहाँ लिखे योग को ही अंतिम मानकर किसी परिणाम पर न पहुँचे, अपितु अपनी कुंडली की जाँच करा कर ही किसी निष्कर्ष पर पहुँचे|
शुभम भवतु !
ॐ नमः शिवाय

ज्योतिषविद पं. दीपक दूबे
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