क्या आपके जन्म का समय सही है? क्या ज्योतिषियों द्वारा मिल रही है ग़लत भविष्यवाणी? जानें जन्म समय संशोधन से अपने जन्म का सटीक समय।
जन्म समय संशोधन जिसे अंग्रेजी में बर्थ टाइम रेक्टिफिकेशन अथवा BTR के नाम से जाना जाता है ज्योतिष के अंतर्गत एक बहुत ही महत्वपूर्ण पद्धति है जिसमें किसी भी जातक के लगभग सटीक जन्म समय का अनुमान लगाया जाता है। यह एक बहुत मुश्किल पद्धति है जिसके लिए उच्चतम ज्योतिषीय ज्ञान और घटनाओं की आवश्यकता होती है इसके लिए एक ज्योतिषी का भी विशेषज्ञ अथवा योग्य होना परम आवश्यक है।
जन्म समय संशोधन का महत्व
अक्सर हमारे पास ऐसे जातक आते हैं जिन्हें अपने जन्म का उचित समय ज्ञात नहीं होता इसके अतिरिक्त कई बार चिकित्सक भी जन्म प्रमाण पत्र में ऐसा समय देते हैं जो उनकी जन्म पत्रिका से मेल नहीं खाता और इस कारण जीवन में घटने वाले घटनाक्रमों और भविष्यवाणियों में भेद आ जाता है। उदाहरण के लिए जन्म के समय डॉक्टर अधिकांशतः पांच-पांच मिनट के अंतराल में जन्म समय देते हैं जैसे 10:05 बजे अथवा 10:10 बजे। यह एक उचित समय हो यह आवश्यक नहीं क्योंकि किसी का जन्म 10:06 या 10:07 मिनट पर भी हो सकता है। इसके अतिरिक्त अधिकांश चिकित्सक भी जन्म के समय पूर्ण रूप से शिशु के जन्म पर ही ध्यान देते हैं ना कि उसके जन्म समय पर। इस वजह से वे अनुमानित समय देते हैं जिस कारण जन्म समय में अंतर आ जाता है। इन सभी समस्याओं को दूर करने का महत्वपूर्ण साधन है जन्म समय संशोधन अर्थात Birth Time Rectification (BTR). इसके माध्यम से हम किसी का सटीक रूप से जन्म समय निकाल सकते हैं और उसके आधार पर गणना कर के ज्योतिषी द्वारा जातक को उचित मार्गदर्शन दिया जा सकता है।
जन्म समय संशोधन की विधि
वैदिक ज्योतिष के अंतर्गत जन्म समय संशोधन की अनेक विधियां हमारे उच्च ज्ञानी ऋषि मुनियों द्वारा दी गई हैं जिनमें से कुछ मुख्य विधियां निम्नलिखित हैं:-
- पराशर पद्धति
- वराहमिहिर पद्धति
- कालिदास पद्धति
- केरल ज्योतिष पद्धति
- घटनाओं पर आधारित पद्धति
- कृष्णमूर्ति पद्धति
- नाड़ी और भृगु पद्धति
- जन्म पूर्व पद्धति (Pre-natal Epoch) आदि
उपरोक्त पद्धतियों के द्वारा जन्म समय संशोधन किया जा सकता है। साथ ही इनके अतिरिक्त विभिन्न विशेषज्ञ ज्योतिषियों द्वारा अनेक ज्योतिषीय तकनीकों का सृजन किया गया है जिनके आधार पर भी जन्म समय संशोधन किया जा सकता है।
जन्म समय संशोधन के लिए सर्वप्रथम तो हमें जातक अथवा जातिका का जन्मकालीन लग्न ज्ञात करना होता है। कुछ योग्य ज्योतिषी जातक की शारीरिक संरचना मुखाकृति आदि के द्वारा भी लग्न तथा विभिन्न ग्रहों की स्थिति ज्ञात कर लेते हैं। जब आप लग्न ज्ञात कर लेते हैं तो इसके उपरांत आप कृष्णमूर्ति पद्धति की सहायता से जन्म के घंटे और मिनट का ज्ञान आसानी से कर सकते हैं।
कालिदास द्वारा उत्तर कालामृत में दी गई जन्म समय संशोधन विधि के अंतर्गत निम्नलिखित तीन मुख्य कार्य किए जाते हैं:
- नक्षत्र शुद्धि
- स्त्री-पुरुष जन्म शुद्धि
- लग्न शुद्धि
जन्म समय संशोधन के लिए कृष्णमूर्ति पद्धति के अंतर्गत आर पी पद्धति का प्रयोग भी अधिकांश ज्योतिषी करते हैं। इसके अंतर्गत निम्नलिखित को ज्ञात किया जाता है:
- वार स्वामी
- चंद्र राशि स्वामी
- चंद्र नक्षत्र स्वामी
- जन्म लग्न स्वामी
- जन्म नक्षत्र स्वामी
उपरोक्त कुछ विधियों के द्वारा हम किसी जातक का सटीक रूप से जन्म समय संशोधन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त भी अन्य कई विधियाँ हैं जिनके माध्यम से हम इस कार्य को आसानी से संपादित कर सकते हैं।
जन्म समय संशोधन सेवा थोड़ी लंबी प्रकिया हो सकती है। परंतु यदि आप अपनी समस्या का तत्काल समाधान चाहते हैं तो आप हमारी प्रश्न कुंडली पद्धति की सेवा ले सकते हैं। इस प्रणाली से हमारे विद्वान ज्योतिषी आपके सवालों का सटीक जवाब देंगे।
यदि आपको अपने जन्म का समय ठीक से नहीं पता है तो आप हमारी बर्थ टाइम रेक्टिफिकेशन सर्विस का लाभ उठा सकते हैं।
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