जानिए चंद्र ग्रहण का समय एवं इसके दुष्प्रभाव से बचने के उपाय। साथ ही जानें इस अवस्था में क्या करें और क्या एहतियात बरतें।
दिनाँक: सितंबर 16 से 17, 2016
समयावधि: 22:23 से 02:26 IST
भारत में ग्रहण का दृश्य: हाँ
परमग्रास: 00:24 IST
(ऊपर दिया गया समय भारत के लिए)
ग्रहण दृश्य के क्षेत्र: यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ़्रीका, पश्चिमी साउथ अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, हिन्द महासागर, अंटार्कटिका, भारत।
ग्रहण का प्रकार: उपच्छाया ग्रहण (इस प्रकार का ग्रहण तब घटित होता है जब सूर्य, चंद्रमा एवं पृथ्वी तीनों ठीक एक सीध में नहीं होते हैं। इस ग्रहण में चंद्रमा के कुछ हिस्से में सूर्य का प्रकाश पहुँचता है, जबकि कुछ हिस्सा पृथ्वी की छाया में ढका रहता है। नंगी आँखों से इस खगोलीय घटना को देखना कठिन होता है।
करें
- ऐसा विश्वास है कि इस दौरान जो भी कार्य किया जाता है उसमें गुणात्मक परिणाम की प्राप्ति होती है, इसलिए कई लोग इस दौरान मंत्रों का जाप एवं अन्य धार्मिक क्रिया कलाप करते हैं। यदि आपकी जन्म कुंडली में चंद्र कमज़ोर है तो चंद्र मंत्र का जाप करने से लाभ मिलता है।
- एकबार जब ग्रहण पूर्ण हो जाए तो घर की शुद्धि के लिए गंगाजल का छिड़काव करें।
- अच्छा होगा यदि आप ग्रहण के बाद पवित्र जल से स्नान करें।
- ग्रहण प्रारंभ होने से पहले खाद्य पदार्थों में तुलसी की पत्ती रखें। ऐसा करने से खाने-पीने की चीजों में नकारात्मक प्रभावों का असर नहीं होता है।
न करें
- ग्रहण के दौरान महत्वपूर्ण कार्यों को प्रारंभ न करें।
- ग्रहण के दौरान भोजन न करें।
- शारीरिक संबंध से भी दूरी बनाए रखें।
- सूतक एवं ग्रहण के दौरान खाना न पकाएँ। (सूतक: ग्रहण से 9 घंटे पूर्व का समय, कुछ लोग 12 घंटे भी मानते हैं।)
गर्भवती महिलाओं के लिए टिप्स
- घर के अंदर रहें और चंद्रमा की ओर न देखें।
- ग्रहण के दौरान न सोएँ, बल्कि पूजा व मंत्रों का उच्चारण करें।
- सब्ज़ी आदि को न तो काटे और न छीलें।
- तंग कपड़े पहनने से बचें और कपड़े लत्ते की सिलाई आदि न करें।
- अच्छा होगा यदि इस दौरान संतान गोपाल स्तोत्र का जाप करें।
चंद्र ग्रहण के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
चंद्रमा का हमारे जीवन में काफ़ी प्रभाव माना जाता है। इसके बदलाव के प्रकार एवं ऊर्जा से हमारा जीवन भी प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होता है। यह अमावस्या से पूर्णिमा की ओर अग्रसर होता है। इसी प्रकार इसकी ऊर्जा में भी वृद्धि होती है। कई लोग इस दौरान नए बीज एवं नई फसल बोते हैं। चंद्र ग्रहण बुरे व्यसनों (शराब, स्मोकिंग आदि) को अलविदा कहने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है।
चंद्र ग्रहण के बारे में विस्तार से जानें: चंद्र ग्रहण 2016
हम आशा करते हैं कि यह सूचना आपके लिए मददगार साबित होगी।
Thankyou v v much for this useful information. My sisiter is pregnant i forwarded this to her. Tq on her behalf
ReplyDeleteThankyou v v much for this useful information. My sisiter is pregnant i forwarded this to her. Tq on her behalf
ReplyDeletePandit ji rajdhani panchang me to diya h ki India me kahi nhi dikhega grahan
ReplyDeleteGuru ji bharat mein toh koi grahan nahi hai...
ReplyDeleteThank you for kind information.
ReplyDeleteI'll follow your advice. If you giving us true information then why we should check any any other Panchang. Thanks again Pandit Ji��
INDIAN KE KON SE CHETARH ME GHARN PADEGA
ReplyDeleteक्या हम छाया ग्रहण को पूर्ण ग्रहण का दर्जा दे सकते हैं? यदि नहीं, तो इसमें सूतक मानना और सावधानी रखना आवश्यक है ? कृपया इस भ्रम को दूर करें ।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार जानकारी देने के लिये
ReplyDeleteचंद्र ग्रहण में चंद्र की दसा के लिए किस मन्त्र का जाप किया जाता है गुरुजी
ReplyDeleteThanks for the info & notification..
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