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इस नाम को किसी पहचान की आवश्यकता नहीं है, सालों से लोग इसके दीवाने थे और आज भी हैं. आगे भी कोई कमी होती नहीं दिखती है. इनके बारे में अनगिनत शब्द लिखे जा चुके हैं और हज़ारों पुस्तकों में इनकी चर्चा है. मैं कुछ भी नया नहीं देने वाला न अब शायद कोई और दे पायेगा.
आइये देखते हैं की अंकों का इनके जीवन में क्या सम्बन्ध रहा है. महान अंकशास्त्री कीरो द्वारा प्रयुक्त चाल्डियन पद्धति द्वारा अंकों का अमिताभ के जीवन में सरोकार हम देखने की कोशिश करेंगे.
इनका जन्म ११-१०-१९४२ को हुआ था जिसका जोड़ १९ होता है तथा इनके जन्मांक का जोड़ २ होता है. १ और ९ को जोड़ देने पर हमको १ प्राप्त होता है. इनके वर्षांक को जोड़ने पर हमें १६ मिलता है जिसे आगे जोड़ने पर ७ प्राप्त होता है. अतः १,२,७,१६,१९ इन अंकों का इनके जीवन में क्या प्रभाव रहा यह देखते हैं:
इनका नाम अमिताभ बच्चन है जिसका जोड़ ४३ होता है जो हमें ७ देता है. पहली फिल्म जिसमें इन्होने अपनी आवाज़ दी वह थी भुवन शोम तथा जिसमें अभिनय करा था वह थी सात हिन्दुतानी. ये दोनों ही सन १९६९ में हुईं थी जिसका वर्षांक है ७. वह फिल्म जिसने अमिताभ को एंग्री यंग मैन की अमिट छवि प्रदान करी वह थी ज़ंजीर जो ११-५-१९७५ को प्रदर्शित हुई थी. ज़ंजीर का योग ८ है और इसके प्रदर्शित होने के दिन का योग ९ है. दिनांक ११ का योग २ है.
आनंद फिल्म को कोई भी दर्शक नहीं भूल सकता जिसमें इनको सर्वप्रथम श्रेष्ठ सह कलाकार का फिल्मफेर पुरस्कार मिला था. आनंद का योग १६ है जिसको जोड़ने पर ७ मिलता है. इस फिल्म के प्रदर्शित होने के दिन का योग ८ है. ५-३-१९७१, इस वर्षांक का योग भी ९ होता है. दीवार वह फिल्म थी जिसके बोल आज भी लोगों के मुह पर हैं, इसका प्रदर्शन
२४-१-१९७५ को हुआ था, इसके नाम का योग ६ है ,प्रदर्शन के दिन का योग २ है और दिनांक का योग ६ है.
सदी की विश्व की महानतम फिल्मों में गिनी जानेवाली शोले का प्रदर्शन १५-८-१९७५ को हुआ था जिसका योग ९ है. शोले का योग २ है. दिनांक १५ का योग ६ है.
फिर वह मनहूस दिन आया जिसने अमिताभ को लम्बे समय के लिए अस्पताल का मेहमान बना दिया और देश भर में भगवान् लोग अमिताभ के लिए दुआ करने लगे. वह फिल्म थी कुली. दुर्घटना का दिन था २६ -७- १९८२ जिसका योग ३५ है जो हमें और जोड़ने पर ८ देता है. कुली के योग भी ८ है और दिनांक २६ का योग भी ८ है. इस फिल्म का प्रदर्शन १४-११-१९८३ को हुआ जिसका योग २८ है जो की और जोड़ने पर १ होता है.
सन २००० जिसका योग २ है, इस साल अमिताभ ने पहली बार कौन बनेगा करोड़पति का पहला भाग होस्ट करा. इस कार्यक्रम से न सिर्फ अमिताभ का भाग्य बदल गया बल्कि इस धारावाहिक को उसका सदा चिरायु होस्ट भी मिला. इसको आमतौर पर के.बी.सी कहा जाता है जिसका नामंक ७ है.
अमिताभ बच्चन की कुछ बहु चर्चित फिल्में और उनके नामंक इस प्रकार हैं
१)मिस्टर नटवरलाल -५ (२)सिलसिला -६ (३)शक्ति -७ (४)शराबी -७ (५)काला पत्थर -६ (६)बागबान -१ (७) शहेंशाह -२ (८)अग्निपथ -१
स्पष्ट रूप से १, २, ७, १६, १९ का प्रभाव उनके जीवन पर देखा जा सकता है. साथ ही यह भी स्पष्ट है की अंक हमारे पीछे लगे ही रहते हैं भले ही हम उनको मानें या न मानें. जिस दिन उनको घातक चोट लगी वह दिन पूर्ण रूप से ८ था. एक बार तो अमिताभ बच्चन को जीवन दान मिल गया मगर यदि दोबारा इसी प्रकार का ८ का योग उनके जीवन में किसी प्रकार से बना तो क्या होगा ये नहीं कहा जा सकता. हम तो उनके लिए सदा येही कामना करते रहेंगे की वे चिरायु हों और हमारे मनों पर हमेशा राज करते रहें .
इस नाम को किसी पहचान की आवश्यकता नहीं है, सालों से लोग इसके दीवाने थे और आज भी हैं. आगे भी कोई कमी होती नहीं दिखती है. इनके बारे में अनगिनत शब्द लिखे जा चुके हैं और हज़ारों पुस्तकों में इनकी चर्चा है. मैं कुछ भी नया नहीं देने वाला न अब शायद कोई और दे पायेगा.
आइये देखते हैं की अंकों का इनके जीवन में क्या सम्बन्ध रहा है. महान अंकशास्त्री कीरो द्वारा प्रयुक्त चाल्डियन पद्धति द्वारा अंकों का अमिताभ के जीवन में सरोकार हम देखने की कोशिश करेंगे.
इनका जन्म ११-१०-१९४२ को हुआ था जिसका जोड़ १९ होता है तथा इनके जन्मांक का जोड़ २ होता है. १ और ९ को जोड़ देने पर हमको १ प्राप्त होता है. इनके वर्षांक को जोड़ने पर हमें १६ मिलता है जिसे आगे जोड़ने पर ७ प्राप्त होता है. अतः १,२,७,१६,१९ इन अंकों का इनके जीवन में क्या प्रभाव रहा यह देखते हैं:
इनका नाम अमिताभ बच्चन है जिसका जोड़ ४३ होता है जो हमें ७ देता है. पहली फिल्म जिसमें इन्होने अपनी आवाज़ दी वह थी भुवन शोम तथा जिसमें अभिनय करा था वह थी सात हिन्दुतानी. ये दोनों ही सन १९६९ में हुईं थी जिसका वर्षांक है ७. वह फिल्म जिसने अमिताभ को एंग्री यंग मैन की अमिट छवि प्रदान करी वह थी ज़ंजीर जो ११-५-१९७५ को प्रदर्शित हुई थी. ज़ंजीर का योग ८ है और इसके प्रदर्शित होने के दिन का योग ९ है. दिनांक ११ का योग २ है.
आनंद फिल्म को कोई भी दर्शक नहीं भूल सकता जिसमें इनको सर्वप्रथम श्रेष्ठ सह कलाकार का फिल्मफेर पुरस्कार मिला था. आनंद का योग १६ है जिसको जोड़ने पर ७ मिलता है. इस फिल्म के प्रदर्शित होने के दिन का योग ८ है. ५-३-१९७१, इस वर्षांक का योग भी ९ होता है. दीवार वह फिल्म थी जिसके बोल आज भी लोगों के मुह पर हैं, इसका प्रदर्शन
२४-१-१९७५ को हुआ था, इसके नाम का योग ६ है ,प्रदर्शन के दिन का योग २ है और दिनांक का योग ६ है.
सदी की विश्व की महानतम फिल्मों में गिनी जानेवाली शोले का प्रदर्शन १५-८-१९७५ को हुआ था जिसका योग ९ है. शोले का योग २ है. दिनांक १५ का योग ६ है.
फिर वह मनहूस दिन आया जिसने अमिताभ को लम्बे समय के लिए अस्पताल का मेहमान बना दिया और देश भर में भगवान् लोग अमिताभ के लिए दुआ करने लगे. वह फिल्म थी कुली. दुर्घटना का दिन था २६ -७- १९८२ जिसका योग ३५ है जो हमें और जोड़ने पर ८ देता है. कुली के योग भी ८ है और दिनांक २६ का योग भी ८ है. इस फिल्म का प्रदर्शन १४-११-१९८३ को हुआ जिसका योग २८ है जो की और जोड़ने पर १ होता है.
सन २००० जिसका योग २ है, इस साल अमिताभ ने पहली बार कौन बनेगा करोड़पति का पहला भाग होस्ट करा. इस कार्यक्रम से न सिर्फ अमिताभ का भाग्य बदल गया बल्कि इस धारावाहिक को उसका सदा चिरायु होस्ट भी मिला. इसको आमतौर पर के.बी.सी कहा जाता है जिसका नामंक ७ है.
अमिताभ बच्चन की कुछ बहु चर्चित फिल्में और उनके नामंक इस प्रकार हैं
१)मिस्टर नटवरलाल -५ (२)सिलसिला -६ (३)शक्ति -७ (४)शराबी -७ (५)काला पत्थर -६ (६)बागबान -१ (७) शहेंशाह -२ (८)अग्निपथ -१
स्पष्ट रूप से १, २, ७, १६, १९ का प्रभाव उनके जीवन पर देखा जा सकता है. साथ ही यह भी स्पष्ट है की अंक हमारे पीछे लगे ही रहते हैं भले ही हम उनको मानें या न मानें. जिस दिन उनको घातक चोट लगी वह दिन पूर्ण रूप से ८ था. एक बार तो अमिताभ बच्चन को जीवन दान मिल गया मगर यदि दोबारा इसी प्रकार का ८ का योग उनके जीवन में किसी प्रकार से बना तो क्या होगा ये नहीं कहा जा सकता. हम तो उनके लिए सदा येही कामना करते रहेंगे की वे चिरायु हों और हमारे मनों पर हमेशा राज करते रहें .
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