वर्ष 2015 अब बहुत क़रीब है और ‘राशिफल 2015’ के माध्यम से आने वाले साल की योजना बनाने
का यह सही समय है। साथ ही नवम्बर के इस महीने से जुड़ी कई जानकारियाँ प्राप्त करें
इस मासिक पोस्ट के द्वारा।
अभी पढ़िए अपना “राशिफल 2015”!
वर्ष 2015 अब बेहद क़रीब है और आने वाले साल की योजनाएँ बनाने का यही सही समय है। अभी
पढ़िए 2015 का अपना राशिफल, प्रत्येक राशि का गहन विश्लेषण, समस्याओं से निजात पाने
के अचूक उपाय, क्या करें, क्या न करें, साथ ही और भी बहुत कुछ - ताकि 2015 बन सके आपके
लिए सफलता और समृद्धि का वर्ष।
Horoscope 2015 राशिफल 2015
जानिए प्रत्येक राशि का विस्तृत राशिफल
प्रत्येक राशि के लिए 2015 की टैरो रीडिंग
टैरो एक अद्भुत विधा है और यूरोप से निकलकर अब यह दुनिया भर में प्रचलित हो चुकी है।
टैरो रीडिंग न सिर्फ़ आपको भविष्य की राह दिखाएगी, बल्कि सुख, शान्ति और समृद्धि के
पथ पर आगे बढ़ने में मददगार भी साबित होगी। टैरो रीडर माया माध्यम जी द्वारा टैरो के
रहस्यमयी पत्तों के आधार पर तैयार किया गया यह भविष्यफल देगा आपके जीवन को नयी दिशा
और लाएगा संबंधों में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह।
ख़ास आपके लिए तैयार किया गया 2015 का वर्षफल
नए साल के साथ नई ऊर्जा, नए उत्साह, नई योजनाओं व नई चुनौतियों
का जीवन में प्रवेश होता है। विशेषतः वर्ष की शुरुआत में ये सारी चीज़ें हमें अपनी
दिशा तय करने में मददगार साबित होती हैं। हालाँकि, अपनी योजनाओं को अमली जामा पहना
पाना और इच्छाओं को मूर्त रूप दे पाना इतना आसान काम नहीं होता है। हमारी प्रगति में
आने वाली बाधाओं को अगर कोई समझ सके, हमें सही मार्गदर्शन दे सके और उचित समय पर उचित
काम करने के लिए प्रेरित करे, तो हमारी राह वाक़ई आसान हो सकती है। इसीलिए हम लाए हैं
यह विशेष सेवा, जहाँ ख़ास आपके लिए आपकी कुण्डली के आधार पर तैयार किया जाएगा आपका
वर्षफल - जिसे आपके लिए बनाएंगे हमारे अनुभवी ज्योतिषी।
एस्ट्रोसेज पत्रिका अब फ़्लिपबोर्ड पर!
अब एस्ट्रोसेज पत्रिका “”फ़्लिपबोर्ड” और “गूगल न्यूज़स्टेंड” पर भी उपलब्ध है, जिसे
आप जब चाहें अपने मोबाइल फ़ोन या टैब पर पढ़ सकते हैं। इस पत्रिका में आप ज्योतिष,
योग, वास्तु व धर्म-अध्यात्म आदि से जुड़े विविध विषयों पर ज्ञानवर्धक लेख पाएंगे।
जानकारी का यह ख़ज़ाना अभी अपने मोबाइल व टैब में समेटें-
एस्ट्रोसेज तमिल भाषा में
एस्ट्रोसेज.कॉम अब तमिल में भी उपलब्ध है। यहाँ तमिल भाषा-भाषी सभी प्रमुख ज्योतिषीय
सेवाएँ जैसे जातकम् और पौरुथम आदि अपनी भाषा में देख-पढ़ सकते हैं। साथ ही कृष्णमूर्ति
पद्धति, लाल किताब आदि पूरी तरह तमिल में उपलब्ध है। अंग्रेज़ी और हिन्दी की तरह हमारा
तमिल संस्करण भी पूरी तरह मुफ़्त है।
हमें उम्मीद है कि यहाँ दी गयी सारी जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी और आपके भविष्य
को सही आकार देने में सहायक रहेगी। यदि आपके मन में कोई सवाल है, तो आप बेझिझक हमसे
संपर्क कर सकते हैं।
नवम्बर 2014 का राशिफल
- 1 नवंबर: अक्षय नवमी, पंचक प्रारम्भ, कूष्माण्डा नवमी
- 2 नवंबर: शनि का वृश्चिक में गोचर, कंस वध
- 3 नवंबर: देव उठानी एकादाशी, तुलसी विवाह आरंभ
- 4 नवंबर: बुध का तुला राशि में गोचर, भौम प्रदोष व्रत, कालिदास जयंति
- 5 नवंबर: पंचक समाप्त, वैकुण्ठ चतुर्दशी
- 6 नवंबर: कार्तिक पूर्णिमा, गुरू नानक जयन्ती, देव दीपावली
- 8 नवंबर: त्रिपुष्कर योग
- 9 नवंबर: सौभाग्य सुन्दरी व्रत
- 10 नवंबर: संकष्टी गणेश चतुर्थी
- 12 नवंबर: शुक्र का वृश्चिक में गोचर
- 14 नवंबर: बाल दिवस, कालभैरव जयन्ती, कालाष्टमी
- 16 नवंबर: सूर्य का वृश्चिक में गोचर
- 18 नवंबर: उत्पन्ना एकादशी व्रत
- 20 नवंबर: मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत
- 22 नवंबर: स्नान-दान अमावस्या
- 24 नवंबर: बुध वृश्चिक में
- 26 नवंबर: विनायक श्री गणेश चतुर्थी व्रत
- 27 नवंबर: श्री राम विवाह उत्सव, स्कन्द षष्ठी, मंगल मकर में, विवाह पंचमी
- 28 नवंबर: पंचक आरंभ, मित्र सप्तमी
आज का पर्व!
आज से ‘तुलसी
विवाह’ आरम्भ हो रहा है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार तुलसी के
पवित्र पौधे को देवी का रूप माना जाता है। तुलसी विवाह के दिन तुलसी माता और भगवान
विष्णु या उनके अवतार भगवान कृष्णा की शादी की जाती है।
आज ‘देव
उठनी एकादशी’ का पवित्र त्यौहार है। इस दिन भगवान
विष्णु अपनी 4 महीने लम्बी नींद से बाहर आते हैं, उनके जागने से चारों और शुभता फ़ैल
जाती है। कोई भी शुभ काम जैसे शादी इत्यादि करने के लिए लोग इस दिन का इंतज़ार करते
हैं।
‘चातुर्मास’ की अवधि आज समाप्त
हो रही है। चातुर्मास देव शयनी एकादशी से लेकर देव उठनी एकादशी तक के चार महीने लम्बे
समय को कहा जाता है।
‘भीष्म पंचक’ आज से प्रारम्भ
हो रहा है। ऐसा माना जाता है कि महाभारत के युद्ध के बाद भीष्म पितामह ने इन पाँच दिनों
का व्रत कर अपने प्राणों को त्यागने की तैयारी कर ली थी।
वाराणसी का ‘गंगा
महोत्सव’ भी आज से प्रारम्भ हो रहा है। गंगा के घाटों पर होने वाले
पाँच दिन लम्बे महोत्सव को गंगा महोत्सव कहा जाता है।
आपका दिन मंगलमय हो!
|
No comments:
Post a Comment