कल यानी 9 मार्च 2016 को पूर्ण सूर्य ग्रहण हो रहा है। इस लेख के ज़रिए जानिए कि आख़िर क्यों मनुष्य को सूर्यग्रहण के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए।
सूर्य ग्रहण एक ऐसी अवस्था है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है। इस ग्रहण के बारे में कहा जाता है कि यह इंसानों की ज़िन्दगी में अशांति और उथल-पुथल मचाने वाला होता है।
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पूरी दुनिया 9 मार्च 2016 को पूर्ण सूर्य ग्रहण को देखेगी। यह ग्रहण भारत सहित ऑस्ट्रेलिया, पलाऊ, सिंगापुर, थाईलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया, ताइवान, जापान, चीन, म्यांमार, श्री लंका, हिंद महासागर और उत्तरी प्रशांत महासागर, दक्षिणी कोरिया और गिनी में सुबह 05:43 से 06:44 बजे तक दिखाई देगा। (समय नई दिल्ली के अनुसार)
1. हमें नग्न आँखों से पूर्ण सूर्य ग्रहण क्यों नहीं देखना चाहिए?
सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य भारी मात्रा में उर्जा को उत्सर्जित करता है जिसे हमारी नग्न आँखें सहन नहीं कर सकती हैं। इस दौरान पराबैंगनी किरणें भी निकलती हैं। कई शोधों से इस बात की पुष्टि भी हुई है कि नग्न आँखों से सूर्य ग्रहण देखने से रेटिना ख़राब हो सकता है।
2. सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन करना क्यों वर्जित है?
स्मृतियों के अनुसार ग्रहण के दौरान पकाया या खाया गया खाना हानिकारक होता है। भारतीय परंपरा के अनुसार सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले से ही लोग उपवास रखते हैं।
3. सूर्य ग्रहण के दौरान आध्यात्मिक होना क्यों ज़रूरी है?
शास्त्रों के मुताबिक़ ग्रहण के दौरान की गई साधना का परिणाम कई गुना अधिक मिलता है।
4. सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएँ को घर से बाहर क्यों नहीं निकलने दिया जाता है?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य की किरणें गर्भ में पल रहे भ्रूण पर ग़लत प्रभाव डाल सकती हैं। यह भी कहा जाता है कि ग्रहण के दौरान जो महिलाएँ घर से बाहर झाँकती हैं या निकलती हैं उनके गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है। इसके कारण पैदा होने वाला बच्चा कैंसर का शिकार भी हो सकता है।
हम आशा करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई ये जानकारियाँ आपके लिए उपयोगी साबित होंगी और आपकी ज़िन्दगी में ख़ुशियों का आगमन होगा।
सूर्य ग्रहण एक ऐसी अवस्था है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है। इस ग्रहण के बारे में कहा जाता है कि यह इंसानों की ज़िन्दगी में अशांति और उथल-पुथल मचाने वाला होता है।
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दिखाई देने वाले स्थान और समय
दिनांक | ग्रहण का प्रकार | भारत में दर्शन | दिखाई देने वाले स्थान | समय (IST) |
9 मार्च 2016 | पूर्ण सूर्य ग्रहण | हाँ | ऑस्ट्रेलिया, पलाऊ, सिंगापुर, थाईलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया, ताइवान, जापान, चीन, म्यांमार, श्री लंका, हिंद महासागर और उत्तरी प्रशांत महासागर, दक्षिणी कोरिया और गिनी | सुबह 05:43 - 06:13 - 06:44 (नई दिल्ली) |
पूरी दुनिया 9 मार्च 2016 को पूर्ण सूर्य ग्रहण को देखेगी। यह ग्रहण भारत सहित ऑस्ट्रेलिया, पलाऊ, सिंगापुर, थाईलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया, ताइवान, जापान, चीन, म्यांमार, श्री लंका, हिंद महासागर और उत्तरी प्रशांत महासागर, दक्षिणी कोरिया और गिनी में सुबह 05:43 से 06:44 बजे तक दिखाई देगा। (समय नई दिल्ली के अनुसार)
1. हमें नग्न आँखों से पूर्ण सूर्य ग्रहण क्यों नहीं देखना चाहिए?
सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य भारी मात्रा में उर्जा को उत्सर्जित करता है जिसे हमारी नग्न आँखें सहन नहीं कर सकती हैं। इस दौरान पराबैंगनी किरणें भी निकलती हैं। कई शोधों से इस बात की पुष्टि भी हुई है कि नग्न आँखों से सूर्य ग्रहण देखने से रेटिना ख़राब हो सकता है।
2. सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन करना क्यों वर्जित है?
स्मृतियों के अनुसार ग्रहण के दौरान पकाया या खाया गया खाना हानिकारक होता है। भारतीय परंपरा के अनुसार सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले से ही लोग उपवास रखते हैं।
3. सूर्य ग्रहण के दौरान आध्यात्मिक होना क्यों ज़रूरी है?
शास्त्रों के मुताबिक़ ग्रहण के दौरान की गई साधना का परिणाम कई गुना अधिक मिलता है।
4. सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएँ को घर से बाहर क्यों नहीं निकलने दिया जाता है?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य की किरणें गर्भ में पल रहे भ्रूण पर ग़लत प्रभाव डाल सकती हैं। यह भी कहा जाता है कि ग्रहण के दौरान जो महिलाएँ घर से बाहर झाँकती हैं या निकलती हैं उनके गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है। इसके कारण पैदा होने वाला बच्चा कैंसर का शिकार भी हो सकता है।
हम आशा करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई ये जानकारियाँ आपके लिए उपयोगी साबित होंगी और आपकी ज़िन्दगी में ख़ुशियों का आगमन होगा।
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