देशभर में भाई दूज का पर्व मनाया जा रहा है। रक्षाबंधन के बाद भाई-बहनों के अटूट रिश्ते का प्रतीक भाई दूज ही है। इस त्यौहार को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है जो कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की द्वितीय तिथि को मनाया जाता है। यदि आप भाई दूज 2016 का शुभ मुहूर्त एवं इस त्यौहार को मनाने की विधि को जानना चाहते हैं तो इस लेख को पढ़ें।
तिलक मुहुर्त: 13:10:48 से 15:23:15 तक (नई दिल्ली)
जानें अपने शहर के अनुसार तिलक मुहूर्त का शुभ समय: तिलक मुहूर्त
पौराणिक कथानुसार कहा जाता है कि इस दिन यमुना ने अपने भाई यम को भोजन कराया था। यमुना के इस प्रेम को देखकर यम ने उसे यह आशीर्वाद दिया था कि आज के दिन जो भी यमुना में स्नान करेगा और प्रातःकाल चंद्रदर्शन करेगा उसे यमलोक नहीं ले जाया जाएगा। इसी कारणवश आज के दिन को यम द्वितीया भी कहा जाता है जिसका उल्लेख स्कंद पुराण में है। आज के दिन बहन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर आशीष देती है और उसकी दीर्घायु की कामना करती है। आज के दिन बहन के घर भोजन करने का विशेष महत्व है। चलिए जानते हैं कि भाई दूज के इस त्यौहार को आख़िर कैसे मनाया जाए।
यदि आप इस त्यौहार के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो यहा क्लिक करें: भाई दूज 2016
भाई दूज पर तिलक लगाने की विधि
- प्रातःकाल सूर्योदय से पहले उठकर चंद्रदर्शन करें
- उसके बाद शौचकर्म करके यमुना में स्नान करें और भाई को भी कराएँ
- अब शुभ मुहूर्त में एक थाली में रोली, चंदन, अक्षत और मिठाई सजाएँ
- उसके बाद भाई के हाथ पर चावल के घोल का लेप और सिन्दूर लगाकर पान का पत्ता रखें
- अब हाथ पर पाँच बार धीरे-धीरे जल गिराएँ
- अब तिलक लगाकर आरती उतारें और मिठाई खिलाएँ
- आज भाई दूज के साथ-साथ चित्रगुप्त पूजा भी मनाई जा रही है।
आशा करते हैं कि इस पावन पर्व के अवसर पर यह जानकारी आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगी। एस्ट्रोसेज की ओर आपको भाई दूर की हार्दिक शुभकामनाएँ।
आपका दिन मंगलमय हो !!!!!!!!!
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