होलिका दहन पर आज करें ये महाउपाय ! कैसे की जाती है होली की पूजा और किस उपाय से आएगी जीवन में खुशहाली ? आज 12 मार्च को होलिका दहन के महत्व से जुड़े तमाम रीति रिवाज़ों को जानने के लिए पढ़ें हमारा यह लेख।
मान्यता है कि होलिका दहन की पूजा शुभ मुहूर्त में करनी चाहिए। ऐसा करने से जीवन में आने वाली तमाम दुख-तकलीफ और बुराइयों का नाश होता है, साथ ही सुख-समृद्धि आती है। होलिका दहन के महत्व और पूजा विधि पर चर्चा करने से पहले जानें होलिका दहन 2017 का शुभ मुहूर्त..
होलिका दहन 2017 का मुहूर्त
होलिका दहन मुहूर्त: 18:27:36 से 20:25:30 तक
अवधि: 1 घंटे 57 मिनट
भद्रा पुंछा: 04:21:36 से 05:33:45 तक
भद्रा मुखा: 05:33:45 से 07:34:00
नोट: यह मुहूर्त नई दिल्ली के लिए है। अपने शहर में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त जानें - होलिका दहन मुहूर्त
होलिका उत्सव की शुरुआत होलाष्टक से होती है। “होलाष्टक’’ यानि होली के आठ दिन। होलाष्टक के आखिरी दिन होलिका दहन होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार होलाष्टक के दौरान सभी शुभ कार्य जैसे गृह प्रवेश, विवाह, मुंडन और अन्य मांगलिक कार्य का शुभारंभ करना वर्जित माना गया है। होलिका दहन के बाद होलाष्टक समाप्त हो जाते हैं।
होलिका दहन के नियम और पूजा विधि
हिंदू ग्रंथों के अनुसार होलिका दहन प्रदोष काल (यह समय सूर्यास्त के बाद शुरू होता है) में किया जाना चाहिए। जब पूर्णिमा तिथि प्रबल हो। होलिका दहन से पहले होली पूजा का विशेष महत्व है। घर में सुख-शांति और समृद्धि के लिए होलिका की पूजा होती है। आईये जानते हैं होली के दिन कैसे करें पूजन की शुरुआत और किन बातों का रखें खास ख्याल..
- होलिका का पूजन करते समय पूर्व या उत्तर की ओर मुंह करके बैठना चाहिए।
- पूजन की थाली में रोली , पुष्प, माला नारियल, कच्चा सूत, साबूत हल्दी, मूंग, गुलाल और पांच तरह के अनाज, गेहूं की बालियां व एक लोटा जल होना चाहिए।
- होलिका के चारों ओर सात परिक्रमा करके कच्चा सूत लपेटना चाहिए।
- विधिवत तरीके से पूजन के बाद होलिका को जल का अर्घ्य दें और सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में होलिका का दहन करें।
- मान्यता है कि होलिका दहन की राख बेहद पवित्र होती है। इसलिए होलिका दहन के अगले दिन सुबह के समय इस राख को शरीर पर मलना शुभ होता है इससे समस्त रोग और दुख को नाश होता है।
होलिका दहन का महत्व
हिंदू धर्म में हर त्यौहार का धार्मिक और पौराणिक महत्व होता है। हर त्यौहार हमें एक अच्छा संदेश और शिक्षा प्रदान करता है। होलिका दहन पर्व भी हमें एक अच्छी सीख देता है।
होलिका दहन का अहम संदेश है अपने व समाज के अंदर फैली बुराइयों को जलाना। कहते हैं कि इस दिन हमें संकल्प लेकर अपनी असुरी प्रवृत्ति को होलिका की अग्नि में जला देना चाहिए।
विधि विधान से होलिका दहन की पूजा करने से स्वस्थ जीवन और सुख-समृद्ध की प्राप्ति होती है।
होलिका दहन के बाद आती है धुलेंडी यानि होली की बारी। तो तैयार हो जाइये रंग-बिरंगी होली के लिए - होली 2017
हम आशा करते हैं कि होलिका दहन पर हमारा यह लेख आपको ज़रूर पसंद आया होगा। एस्ट्रोसेज की ओर से आप सभी को होलिका दहन और होली की ढेर सारी शुभकामनाएं !
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