आज पूरे देश में धूमधाम से महावीर जयंती मनाई जाएगी। भगवान महावीर को शांति, अहिंसा और मानवता के लिए जाना जाता है। लेकिन क्या आपको लगता है की आप भगवान महावीर के बारे में सब जानते हैं? हम इस लेख के जरिए आपको कुछ ऐसे अनजाने, अनसुने पहलुओं से अवगत करवाएँगे जो भगवान महावीर के जीवन के बारे में आपके ज्ञान को कई गुना बढ़ा देंगे।
महावीर जयंती मुख्यता भगवान महावीर के जन्म दिवस के रूप में मनाई जाती है। महावीर भगवान को लेकर दुनिया भर में बहुत सी बातें प्रचलित हैं। लेकिन आज हम आपको बताएँगे कुछ ऐसे अनसुने से तथ्य जिनको पढ़ने के बाद आप भगवान महावीर की ज़िन्दगी को और करीब से जान पाएँगे।
भगवान महावीर का जन्म आज से करीब ढाई हज़ार साल पहले (ईसा से 599 वर्ष पूर्व) को वैशाली के गणतंत्र राज्य कुण्डलपुर में हुआ था। भगवान महावीर ने पिता राजा सिद्धार्थ और माता रानी त्रिशला की तीसरी संतान के रूप में जन्म लिया था । वह जैन धर्म के 24 और आखिरी तीर्थंकर (महापुरुष) थे।
भगवान महावीर की जीवन के 6 अनसुने तथ्य
1. क्या आप जानते हैं की भगवान महावीर के जन्म से पहले उनके तीर्थंकर होने का पता कैसे लगा था ?
भगवान महावीर के जन्म से पहले उनके राज्य में त्राहि-त्राहि मची हुई थी। लोग किसी महापुरुष के जन्म की राह देख रहे थे। उन्ही दिनों रानी त्रिशला ने गर्भावस्था के दौरान रात्रि के अंतिम पहर में कुछ बहुत ही सुंदर सपने देखे। सुबह राजा सिद्धार्थ ने उन सपनों का अर्थ पूछवाया। और तब उन्हें पता लगा था उनके घर तीर्थंकर का जन्म होने वाला है।
2. भगवान महावीर को कितने अलग-अलग नामों से बुलाया जाता है?
भगवान महावीर को पाँच अलग-अलग नामों से बुलाया जाता है। पाँचो नाम इस प्रकार है- वर्धमान, वीर ,अतिवीर, महावीर और सन्मति।
3. भगवान महावीर ने कितने वर्ष की उम्र में परिवार और राजकाज को छोड़ा था?
माता पिता के देहांत के बाद 30 वर्ष की आयु में भगवान महावीर ने परिवार और राजकाज को छोड़कर मोक्ष की प्राप्ति के लिए अपनी तपस्या आरंभ की थी।
4. भगवान महावीर कितने वर्षों तक ध्यान मग्न रहे थे?
भगवान महावीर तक़रीबन 12 वर्ष तक ध्यान की मुद्रा में रहे थे। घोर तपस्या करते हुए जब 12 साल बीत गए, तब 42 वर्ष की आयु में उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
5. भगवान महावीर ने कितने तरीकों के द्वारा मोक्ष प्राप्ति का रास्ता बताया था?
भगवान महावीर ने पाँच बहुत सरल से तरीके बताये थे जिनके द्वारा मोक्ष की प्राप्ति की जा सकती जा सकती है। सत्य, अहिंसा, चोरी ना करना, अधिक संग्रह ना करना और जीवन में शुद्धिकरण करना। भगवान महावीर के अनुसार इन को ज़िन्दगी में अपनाकर इंसान बहुत ही सरल जीवन जी सकता है।
6. भगवान महावीर की मृत्यु किस वर्ष हुई थी?
भगवान महावीर की मृत्यु 72 वर्ष की आयु में पावापुर में कृष्ण अमावस्या के दिन हुई थी। इसी वक़्त उन्होंने निर्वाण पद प्राप्त किया था।
भगवान महावीर का जीवन एक खुली किताब की तरह है। जिसमे सत्य, अहिंसा और मानवता का संदेश दिया गया है। उन्होंने "जियो और जीने दो" के सिद्धांत से समस्त मानव जाति को शांति से रहने को कहा था। आइए भगवान महावीर के उन संदेशो को अपने जीवन में उतारें और अपने जीवन को सफ़ल बनाएँ।
एस्ट्रोसेज की तरफ से आप सभी को महावीर जयंती 2015 की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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