जानें राशि अनुसार श्री गणेश पूजन की विधि! पढ़ें आज 13 सितंबर 2018 को मनाई जा रही गणेश चतुर्थी का महत्व और पूजा विधि।
विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता भगवान श्री गणेश का जन्मोत्सव गणेश चतुर्थी के रूप में आज से देशभर में मनाया जा रहा है। हिन्दू धर्म में भगवान श्री गणेश प्रथम पूज्य हैं, इसलिए हर शुभ कार्य से पहले उनकी वंदना की जाती है ताकि कार्य निर्विघ्न रूप से संपन्न हो। हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इसे विनायक चतुर्थी, कलंक चतुर्थी और डण्डा चतुर्थी आदि नामों से भी जाना जाता है।
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गणेश चतुर्थी पूजा मुहूर्त 2018 | ||
13 सितंबर 2018, गुरुवार | 11:02:34 से 13:31:28 तक | कुल अवधि- 2 घंटे 28 मिनट |
चंद्र दर्शन निषेध का समय | |
12 सितंबर 2018 | 16:08:43 से 20:32:00 तक |
13 सितंबर 2018 | 09:31:59 से 21:11:00 तक |
सूचना: तालिका में दिया गया मुहूर्त नई दिल्ली के लिए प्रभावी है। जानें अपने शहर में गणेश चतुर्थी पूजा मुहूर्त
गणेश चतुर्थी व्रत व नियम
- सुबह स्नान ध्यान के बाद तांबे अथवा मिट्टी की गणेश प्रतिमा लें और गणेश जी के सिद्धि विनायक रूप की पूजा करें।
- कलश में जल भरें और उसके मुख पर नवीन वस्त्र बांधें। अब उसके ऊपर गणेश जी को विराजमान करें।
- गणेश जी को सिंदूर व दूर्वा अर्पित करें और उन्हें 21 लडडुओं का भोग लगाएं। लडडुओं का प्रसाद ग़रीबों तथा ब्राह्मणों को बाँटें।
राशि अनुसार भगवान गणेश को प्रसन्न करने के उपाय
मेष और वृश्चिक राशि- इन राशि वाले जातकों को भगवान गणेश की सिन्दूरी रंग की प्रतिमा घर में स्थापित करनी चाहिये और उन्हें लाल व सिंदूरी रंग के वस्त्र पहनाने चाहिए। प्रसाद के रूप में गणेश जी को बूंदी के लड्डू, अनार और लाल गुलाब के पुष्प अर्पित करें।
उपाय: प्रतिदिन ‘ऊँ गं गणपतये नमः’ मंत्र का जप करते हुए 11 दूर्वा चढ़ाएँ
वृषभ और तुला राशि- इन दोनों राशि के जातक गणेश जी को श्वेत वस्त्र पहनाएँ और उन्हें मोदक का भोग लगाएँ।
उपाय: श्री गणेश चालीसा का पाठ करें और गणेश जी को सफेद रंग के पुष्प व इत्र चढ़ाएँ।
मिथुन और कन्या राशि- इन राशि वाले जातकों को गणेश जी को हरे रंग के वस्त्र पहनाना चाहिए। पान, हरी इलायची, दूर्वा, हरे मूंग चढ़ाएँ और सूखे मेवों को भोग लगाएँ।
उपाय: श्री गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ विशेष लाभकारी होगा।
कर्क राशि- इस राशि वाले जातक गणेश जी को गुलाबी रंग के वस्त्र पहनाएँ। चावल से बनी खीर का भोग लगाएँ व गुलाब के पुष्प गणेश जी को अर्पित करें।
उपाय: गायत्री गणेश मंत्र का जप विशेष लाभकारी होगा।
सिंह- इस राशि वाले जातक गणेश जी को लाल रंग के वस्त्र पहनाएँ। गुड़ या गुड़ से बने मिष्ठान का भोग लगाएँ। गणेश जी को कनेर के पुष्प अर्पित करें।
उपाय: नियमित रूप से संकट नाशक गणेश स्त्रोत का पाठ करें।
मकर और कुंभ राशि- इन राशि वाले जातक गणेश जी को नीले रंग के वस्त्र धारण करवाएँ और मावे से बने प्रसाद का भोग लगाएँ। सफेद पुष्प व चमेली के तेल में सिन्दूर मिलाकर गणेश जी को चढ़ाएँ।
उपाय: श्री गणेश के बीज मंत्र का जप करें।
धनु और मीन राशि- इस राशि के जातक गणेश जी को पीले वस्त्र पहनाएँ, साथ ही पीले पुष्प, पीले रंग की मिठाई, बेसन के लड्डू और केले का भोग लगाएँ।
उपाय: श्री गणेश के बीज मंत्र का जप करें।
गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन क्यों माना जाता है निषेध?
ऐसी मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन नहीं करना चाहिए। कहा जाता है कि इस दिन चंद्र दर्शन करने से व्यक्ति को मिथ्या कलंक लगता है यानि बिना किसी वजह से व्यक्ति पर झूठा आरोप लग जाता है। कहते हैं कि भगवान कृष्ण को भी चंद्र दर्शन की वजह से मिथ्या का शिकार होना पड़ा था। गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन को लेकर एक पौराणिक मत है कि इस चतुर्थी के दिन भगवान गणेश ने चंद्रमा को श्राप दिया था, जिसकी वजह से चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन को निषेध माना गया। यदि भूल से चन्द्र दर्शन हो जाए तो शास्त्रों में इसके लिए चंद्र दर्शन दोष निवारण मन्त्र का विवरण है। ऐसा होने पर इस मंत्र का 28, 54 या 108 बार जाप करना चाहिए। इसके साथ ही श्रीमद्भागवत के दसवें स्कन्द के 57वें अध्याय का पाठ करने से भी चन्द्र दर्शन दोष समाप्त हो जाता है।
चन्द्र दर्शन दोष निवारण मन्त्र
सिंहःप्रसेनमवधीत् , सिंहो जाम्बवता हतः।
सुकुमारक मा रोदीस्तव, ह्येष स्यमन्तकः।।
ज्योतिषाचार्य, शास्त्रों के जानकार और विद्वान पुरुषों का मानना है कि यदि आप शनि के बुरे प्रभाव से ग्रस्त हैं, शनि की दशा आपके लिए बाधक हो, शुत्र आपको परेशान कर रहे हैं और दुर्घटना की आशंका बन रही है। इस स्थिति में यदि भगवान श्री गणेश की सच्चे मन से आराधना की जाये, तो समस्त दुःख दूर हो जाते हैं।
एस्ट्रोसेज की ओर से सभी पाठकों को गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएँ!
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