Mauni Amavasya 2019- मौनी अमावस्या पर मौन रहकर रखें विशेष व्रत !

सालों बाद बना अद्भुत संयोग ! मौन रहकर करें पूजा-विधि, दोगुना मिलेगा माघ अमावस्या का फल। 


हिन्दू पंचांग में माघ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली विशेष अमावस्या को माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या कहा गया है। मान्यता है कि इस ख़ास दिन यदि कोई मौन रहकर किसी भी पवित्र नदियों, जलाशय अथवा कुंड में स्नान करता है तो उसके भाग्य खुल जाते हैं। धार्मिक गुरुओं की मानें तो ‘मुनि’ शब्द से ही ‘मौनी’ की उत्पत्ति हुई है। इसी चलते इस दिन मौन रहकर व्रत करने पर पवित्र मुनि पद की प्राप्ति होती है। माघ मास के कृष्ण पक्ष में होने वाले विशेष स्नान का सबसे महत्वपूर्ण पर्व भी अमावस्या ही है, इसलिए इस ख़ास दिन स्नान और दान-पुण्य करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।

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माघ अमावस्या मुहूर्त New Delhi, India के लिए
2019 माघ अमावस्या : 4 फरवरी, 2019 (सोमवार)
फरवरी 3, 2019 को 23:53:56 से अमावस्या आरम्भ
फरवरी 5, 2019 को 02:34:50 पर अमावस्या समाप्त

माघ अमावस्या यानी मौनी अमावस्या इस बार 4 फरवरी 2019 को पड़ रही है। इसी दिन कुंभ में तीसरे शाही स्नान का आयोजन भी किया जाएगा, क्योंकि माघ अमावस्या के शुभ दिन पवित्र संगम में स्नान करने का अपना एक विशेष महत्व होता है। 

मौनी अमावस्या का महत्व 


पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान मनु का भी जन्म इसी दिन हुआ था। ज्योतिष विषेशज्ञों की माने तो इस दिन जो भी लोग व्रत रख पाने में असमर्थ होते हैं उन्हें इस दिन केवल मीठे भोजन का सेवन ही करना चाहिए। मौनी अमावस्या जैसा नाम से ही स्पष्ट होता है, इस दिन मौन रहकर व्रत रखने का विधान है। इस दिन पवित्र जलाशय, नदियों और कुण्ड में स्नान व पितरों का तर्पण करने से उन्हें शांति तो मिलती ही है। साथ ही इसका आपको भी कई गुना पुण्य मिलता है। 
माना जाता है कि इस दिन मौन व्रत रखने से वाक् सिद्धि की प्राप्ति होती है। इसी चलते मौनी अमावस्या को कई जगह पर गूंगी अमावस्या भी कहा जाता है। जहाँ इस दिन कुछ लोग स्नान से पहले मौन रहते हैं तो कुछ व्रत रखकर और मौन रहकर इस दिन का फल प्राप्त करते हैं। इस दिन सूर्य नारायण को अर्घ्य देने का भी विशेष महत्व है क्योंकि विद्वानों अनुसार ये देखा गया है कि इस दिन ऐसा करने से घर की गरीबी और दरिद्रता दूर होती है।

मौनी अमावस्या व्रत और धार्मिक कर्म

  • हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का हमेशा से ही बहुत महत्व रहा है। ऐसे में माघ अमावस्या के दिन किये जाने वाले हर धार्मिक कर्म और व्रत करने का भी एक विधिपूर्वक नियम बनाया गया है, जो इस प्रकार हैं-

  • मौनी अमावस्या के दिन प्रातः काल उठकर स्नान कर साफ़ वस्त्र पहनें और पूजा करें। ऐसा करने से घर में शांति आती है। 
  • यदि इस दिन कोई धार्मिक यात्रा या पवित्र नदी अथवा पवित्र कुंड में स्नान किया जाए तो ये लाभकारी सिद्ध होता है। 
  • स्नान कर सूर्य देव को जल चढ़ाए, इससे पूर्वजों को मोक्ष और शांति मिलती है।
  • मौनी अमावस्या पर मौन व्रत रखने का भी विशेष महत्व है। ये माना गया है कि यदि इस दिन मौन व्रत रखा जाए तो प्रतिफल काफी अनुकूल होता है। 
  • इस दिन गरीब-भूखे व ब्राह्मणों को भरपेट भोजन खिलाना शुभ होता है। 
  • इस दिन 9 कन्याओं को घर पर भोजन खिलाएं और उन्हें दान करें। ऐसा करने पर अच्छे फल की प्राप्ति होती है। 
  • इस दिन पितरों को जल या दूध से अर्पण दें। दूध में यदि काले तिल और एक चम्मच शुद्ध देसी घी या शहद डाल दिया जाए तो बहुत अच्छा होगा। 
  • अनाज, गर्म वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग, घी, शहद और गौ शाला में गाय के लिए भोजन का दान करना भी शुभ होता है। 
  • सुबह भूखे पेट यानी कुछ खाने से पहले गाय को ताजे आटे की रोटी खिलाएं व काले कुत्ते को भी इस दिन रोटी खिलाएं।

माघ अमावस्या के दिन बरतें ये सावधानियां 

  • अमावस्या की रात सबसे घनी काली रात होती है और इस समय खासतौर पर अशुभ क्रियाएँ, भूत-प्रेत, ओत-प्रोत और कारात्मक शक्तियाँ बेहद सक्रिय रहती हैं। इसी लिए अमावस्या की रात को किसी सुनसान जगह पर जाने से बचना चाहिए। इस रात भूल से भी शमशान घाट, कब्रिस्तान आदि के आस-पास न जाएँ। 
  • पूर्वज, मृत लोग व आत्माएँ भी इस दिन काफी सक्रिय रहती हैं। इसलिए पीछे से आवाजें सुनाई देना और कोई अदृश्य काला साया दिखाई देना भी इस दिन के अवगुण हैं। ऐसे में बच्चों को इस दिन अपनी नजरों के सामने ही रखें, उन्हें अकेले कही न जाने दें। 
  • अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद सूर्य देवता को जल चढ़ाना चाहिए, क्योंकि इस दिन देर तक सोना अशुभ होता है। 
  • अमावस्या वाले दिन घर में आने वाले लोगों का अनादर भूल से भी ना करें। अथवा घर में लड़ाई-झगड़े से भी बचें। अमावस्या वाले दिन घर में तामसिक भोजन पकाने से परहेज करें। माना गया है कि इससे घर में भूत प्रेत के आने का डर रहता है। इस दिन मदिरापान भी न करें। 
  • इस दिन पति-पत्नी शारीरिक संबंध बनाने से परहेज करें। मान्यता है कि इस दिन पैदा होने वाली संतान जीवन भर दुखी रहती है और उसका मानसिक वि​कास भी सामान्य बच्चों की तुलना में कम ही होता है।
  • इस दिन बच्चों को किसी रिश्तेदार के घर न भेजें।

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