वक्री बुध का राहु के साथ हुआ मेल! जानें राशि के अनुसार होने वाले इस गोचर के लाभ और हानि! 30 जुलाई 2019 को वक्री बुध मिथुन राशि में गोचर कर चुका है। पढ़ें इस गोचर का संपूर्ण राशिफल!
ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क शक्ति, गणित, अनुसंधान, सांख्यिकी और यात्रा का कारक माना जाता है। सामान्यतः ज्यादातर ग्रहों का वक्री होना वैदिक ज्योतिष में यूँ तो शुभ नहीं माना जाता है लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जाता कि वक्री ग्रह हमेशा अशुभ परिणाम नहीं देते हैं। क्योंकि कभी-कभी ग्रहों का वक्री होना भी जातकों के लिए अत्यंत लाभकारी होता है।
अगर बुध ग्रह की बात करें तो वो उत्तर दिशा पर अपना अधिपत्य रखता है और अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती इसके मुख्य नक्षत्र माने जाते हैं। इसके साथ ही सूर्य, शुक्र और राहु इनके मित्र ग्रह हैं तो वहीं चंद्रमा इनके शत्रु होते है। इसके अलावा इनका वक्री और मार्गी होना काफी महत्वपूर्ण परिवर्तन लेकर आता है क्योंकि इसका सीधा प्रभाव हमारी तर्क शक्ति, व्यापार और संवाद शैली पर पड़ता है। कुंडली में बुध की स्थिति अच्छी न हो तो जातक के जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होने की संभावना रहती है। बुध ग्रह की मजबूती के लिए ज्योतिषी जातकों को पन्ना अथवा चार मुखी रुद्राक्ष पहनने की सलाह देते है।
वकी बुध का प्रभाव
समस्त ग्रहों में बुध ग्रह की चाल सबसे तेज होती है। इसलिए ये सबसे बड़ा कारण है कि यह अन्य ग्रहों की तुलना में अधिक बार वक्री चाल चलता है। जैसा हमने ऊपर बताया कि बुध ग्रह वाणी, बुद्धि और संचार आदि का कारक है, इसलिए अपनी वक्री चाल के समय इसके प्रभाव से जातक की वाणी, संचार कौशलता एवं बुद्धिमत्ता सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। अपनी वक्री चाल में बुध मजबूत स्थिति में होता है। अतः इसके परिणाम भी सामान्य रूप से अच्छे होते हैं। ये भी देखा गया है कि वक्री के दौरान बुध व्यक्ति के करियर जीवन और व्यक्तित्व पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
ज्योतिष के अनुसार वक्री गति के दौरान यदि बुध देव किसी अग्नि तत्व की राशि में विराजमान हो जाएं तो यह उस जातक की बौद्धिक शक्ति को बढ़ाने में मदद करते हैं। जिसके प्रभाव से जातक के अंदर रचनात्मक विचार पैदा होते हैं। जबकि इनके पृथ्वी तत्व की राशि में होने पर जातक को धन की समस्या परेशान करती है। वहीं वायु तत्व की राशि में इसकी उपस्थिति संवाद कौशल को मजबूत बनाने के काम आती है और पानी तत्व की राशि में होने पर यह जातक में भावुकता का स्वभाव उत्पन्न कर देता है।
पाप ग्रह की युति देगी अशुभ फल
वैदिक ज्योतिष में माना जाता है कि बुध के वक्री होने के दौरान जातक की छठी इंद्रीय जाग सकती है। क्योंकि बुध की प्रकृति तटस्थ है। लेकिन इस बात को भी ध्यान में रखना चाहिए कि यह बुरे ग्रहों के साथ मिलकर हमेशा जातक को बुरा ही प्रभाव देता है जबकि शुभ ग्रहों के साथ संगति करने पर यह शुभ हो जाता है। बुध वक्री के समय जातक को विशेष तौर पर नौकरी में बदलाव, स्थान परिवर्तन एवं यात्रा आदि करने से परहेज करना चाहिए।
वक्री बुध के गोचरकाल का समय
पिछले माह 21 जून 2019 को बुध देव ने कर्क राशि में प्रवेश किया था जहां 8 जुलाई को यह वक्री गति प्रारंभ कर चुका है। इसी वक्री अवस्था में चलते हुए अब बुध देव 30 जुलाई मंगलवार दोपहर 12:25 बजे मिथुन राशि में प्रवेश कर चुके हैं जो यहाँ 1 अगस्त को मार्गी होने के बाद पुनः 3 अगस्त शनिवार सुबह 5:44 बजे कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे। बुद्धि और व्यापार के कारक ग्रह बुध का कुंडली में वक्री होना कई तरह की शक्तियां प्रदान कर सकता है।
वक्री बुध करेंगे अपनी राशि में गोचर
बुध ग्रह को सनातन धर्म में देवता के रुप में पूजा जाता है। बौद्धिक कार्यों में सफलता पाने के लिए और कारोबार की स्थिति को सुधारने के लिए भी बुध ग्रह की ही पूजा-अर्चना करने का विधान है। हिंदु शास्त्रों के अनुसार बुध हमारी प्रज्ञा के देवता माने गए हैं, इसीलिए यदि बुध कुंडली में शुभ ग्रहों के साथ विराजमान हैं तो जातक को जीवन में समृद्धि मिलती है। वहीं आपकी कुंडली में बुध अगर अनुकूल अवस्था में न हों तो आपको बुध से जुड़े उपाय करने चाहिए। ऐसा करने से जीवन में आ रही कई परेशानियां दूर हो जाती हैं। ऐसे में इस बार बुध देव वक्री होते हुए मिथुन राशि में गोचर कर रहे हैं, जो उनकी ही राशि है। ऐसे में ये स्थिति उन्हें बेहद शक्तिशाली बनाएगी। इस स्थिति के कारण बुध हर राशि को अच्छी अवस्था में बेहद अच्छे और बुरी अवस्था में बेहद बुरे परिणाम देंगे।
राहु के साथ बनेगी वक्री बुध की युति
चूँकि वक्री बुध अपनी स्वराशि मिथुन में गोचर करेंगे जिससे वहां पहले से मौजूद राहु के साथ उनकी युति होगी। इस युति के कारण ही प्रभावशाली वक्री बुध राहु के प्रभावों को अत्यधिक बढ़ा देगा। जिससे इस वक्री गोचर का महत्व भी बेहद विशेष हो जाएगा।
छात्रों पर वक्री बुध के गोचर का असर
अगर छात्रों की बात करें तो उनके लिए बुध की स्थिति का अच्छा होना अति आवश्यक होता है, क्योंकि बुध को बुद्धिदाता ग्रह माना जाता है। खासकर वो छात्र जो गणित से संबंधित विषयों का अध्ययन कर रहे हैं, उन्हें बुध की स्थिति को मजबूत करने के लिए हरे वस्त्र पहनने चाहिए और बुध यंत्र स्थापित कर बुध बीज मंत्र का जाप करना चाहिए।
मंत्र- “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः!”
वक्री बुध के गोचर का देश पर कैसा होगा असर?
वक्री बुध की राहु के साथ युति और मिथुन राशि में गोचर होना देशभर के नेताओं और राजनीति के नज़रिये से अहम माना जा रहा है। इस दौरान संभावना है कि नेताओं में बड़-बोलापन आए, जिससे वो जनता से बड़े-बड़े लुभावने वादे कर सकते हैं। हालांकि ये वायदे पूरे नहीं हो पाएंगे, जिससे उनकी छवि पर साफ़तौर पर बुरा असर पड़ेगा।
संचार माध्यमों में आएगा बड़ा बदलाव
संचार माध्यमों में भी इस वक्री गोचर से बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। सम्भावना है कि दूरसंचार नियामक ट्राई कोई नया फैसला ले सकती है। जिससे देश में नया बदलाव आएगा। साथ ही ये भी आशंका है कि कम्युनिकेशन माध्यमों में बड़ी-बड़ी तकनीकों का इस्तेमाल बड़े स्तर पर किया जा सकता है, जिससे दुनिया भर में देश का नाम होगा।
चलिए अब जानते हैं वक्री बुध के मिथुन राशि में गोचर कर जाने पर विभिन्न राशियों पर पड़ने वाला प्रभाव-
यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। चंद्र राशि कैल्कुलेटर से जानें अपनी चंद्र राशि
मेष
आपकी राशि के लिए बुध तीसरे और छठे भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान वक्री अवस्था में बुध आपके तृतीय भाव में गोचर करेगा। तीसरा भाव हमारे संचार का भाव है, इसके साथ-साथ इसके द्वारा हमारे….आगे पढ़ें
वृषभ
जीवनसाथी के स्वास्थ्य में उतार चढ़ाव की स्थिति बनेगी। अपनी शिक्षा के माध्यम से भी आप धन अर्जित कर पाएंगे। संतान की ओर से संतुष्टि का भाव रहेगा और आर्थिक रुप से संतान का सहयोग भी आपको प्राप्त होगा। इस दौरान आप अपनेथा….आगे पढ़ें
मिथुन
वक्री बुध के इस भाव में गोचर करने से आपके व्यक्तित्व में बुध की छाप देखने को मिलेगी। यानी कि आप थोड़े बातूनी हो जाएंगे और अपनी बातों को बढ़ा-चढ़ा कर प्रस्तुत करेंगे। किसी एक बात को बार-बार कहना आपकी आदत बन जाएगी….आगे पढ़ें
कर्क
सुदूर यात्रा अथवा विदेश जाने का मौका मिल सकता है लेकिन आसानी से नहीं उसके लिए कुछ कष्ट भी झेलने पड़ेंगा। इस दौरान आपके निवास स्थान में परिवर्तन हो सकता है, हालांकि काम के सिलसिले में की गई यात्राएं आपके लिए अनुकूल साबित होगी और….आगे पढ़ें
सिंह
लंबे समय से अटके हुए काम जिसके लिए आपने काफी जोर लगाया था पूरे हो जाएंगे और इससे आपका मन प्रसन्न होगा और आप ख़ुशियाँ मनाएंगे। आपके सामाजिक जीवन में वृद्धि होगी और नए….आगे पढ़ें
कन्या
इस गोचर के दौरान आपको सीखने को मिलेगा। कार्यस्थल पर आप बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगे लेकिन काम के साथ-साथ आराम करना भी आवश्यक रहेगा। आपके फैसलों से आपकी….आगे पढ़ें
तुला
गोचर की अवधि में आपके मान सम्मान में वृद्धि होगी और आपका सामाजिक दायरा भी बढ़ेगा। समाज में नाम और विद्वान लोगों में आपकी तारीफ होगी। प्रसिद्धि मिलने की भी संभावना रहेगी….आगे पढ़ें
वृश्चिक
बुध के वक्री अवस्था में गोचर करने के कारण आपका मन गुप्त और छुपी हुई चीजों के प्रति खोजबीन करने की कोशिश करेगा। इस सब में कुछ धन का खर्च भी सम्मिलित होगा। आपको अपनी प्रशंसा सुनना बहुत पसंद है लेकिन इस दौरान स्तिथि इसके विपरीत होने की उम्मीद है….आगे पढ़ें
धनु
संचार के माध्यमों में सुधार आएगा, वहीं जीवन साथी के साथ किसी बात को लेकर गहन बातचीत हो सकती है। करियर के परिप्रेक्ष्य में आपके लिए यह गोचर अनुकूल साबित होगा। आपको सामाजिक रूप से….आगे पढ़ें
मकर
कार्यस्थल पर अपने हक के लिए आपको बहस भी करनी पड़े तो करनी चाहिए। हालांकि आपके प्रदर्शन में सफलता मिलेगी। आप जो मेहनत करेंगे उसका फल आपको प्राप्त अवश्य होगा। दूसरी ओर आपके ख़र्चों में वृद्धि होने की पूरी पूरी संभावना है। इस दौरान जीवनसाथी….आगे पढ़ें
कुंभ
अपने दोस्तों के साथ आप शतरंज, पजल और वीडियो गेम जैसे दिमागी खेल खेल सकते हैं। जो लोग पार्ट टाइम नौकरी करने के इच्छुक हैं, उन्हें इस दौरान सफलता मिल सकती है। इस दौरान आप….आगे पढ़ें
मीन
आप अपने पारिवारिक जीवन में अधिक व्यस्त रहेंगे और आवश्यकतानुसार उसको पर्याप्त समय देंगे। घरेलू कार्य में व्यस्तता आपको परिवार के लोगों का प्रिय बनाएगी और आप इस दौरान कोई नया घर अथवा वाहन खरीदने का विचार भी बना सकते हैं। आपके गृहस्थ जीवन में भी….आगे पढ़ें
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