149 साल बाद गुरु पूर्णिमा के दिन लगेगा चंद्र ग्रहण, सभी राशियों पर होगा इसका असर। पढ़ें 16-17 जुलाई की मध्य रात्रि में होने वाले चंद्र ग्रहण का समय, सूतक और 12 राशियों पर उसका प्रभाव।
ज्योतिषीय दृष्टि से चंद्र ग्रहण एक महत्वपूर्ण घटना होती है और इसको लेकर लोगों के मन में भी एक प्रकार की उत्सुकता देखने को मिलती है। खगोल विज्ञान के मुताबिक, जब सूर्य और चंद्रमा के बीच धरती आ जाती है तो उसकी छाया चंद्रमा पर पड़ती है और यही स्थिति चंद्र ग्रहण कहलाती है। वहीं पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि राहु और केतु जब चंद्रमा को निगल जाते हैं तो उस घटना को चंद्र ग्रहण कहते है। हालाँकि इसके पीछे समुद्र मंथन से जुड़ी एक रोचक एवं पौराणिक कथा है। यूँ तो चंद्र ग्रहण, सूर्य ग्रहण की तरह ही हर साल घटित होते हैं, जिस दौरान उनकी संख्या कभी दो होती है तो कभी तीन। अगर साल 2019 की बात करें तो इस वर्ष कुल 2 चंद्र ग्रहण घटित होने थे, जिसमें पहला पूर्ण चंद्रग्रहण 21 जनवरी को घटित हुआ था, जबकि दूसरा चंद्र ग्रहण 16 व 17 जुलाई की मध्य रात्रि में दिखाई देगा। हालांकि भारत वासियों के लिए इसे ही पहला चंद्र ग्रहण कहा जाएगा क्योंकि 21 जनवरी को घटित हुआ पूर्ण चंद्र ग्रहण भारत में नहीं देखा गया। जिस कारण इसका सूतक भी यहाँ मान्य नहीं था। लेकिन आज रात घटित होने वाला चंद्र ग्रहण भारत में भी दृश्य होगा, जिसके चलते यहाँ ग्रहण का सूतक भी लगेगा।
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आज देश भर में गुरु पूर्णिमा का पर्व भी मनाया जा रहा है। गौरतलब है कि इस चंद्र ग्रहण के सूतक की वजह से गुरु पूर्णिमा पर होने वाला हर प्रकार का पूजन और अन्य धार्मिक अनुष्ठान सूतक काल से पहले ही यानी दोपहर 3 बजकर 54 मिनट से पहले करना शुभ है। क्योंकि ये देखा गया है कि ग्रहण का सूतक लगने के बाद मूर्ति पूजा और मूर्ति को स्पर्श करना वर्जित होता है।
चंद्र ग्रहण 16-17 जुलाई 2019
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समय
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प्रकार
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दृश्यता
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25:32:35 से 28:29:50 बजे तक (भारतीय समयानुसार, 01:32:35 से 04:29:50 बजे तक)
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आंशिक चंद्र ग्रहण
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भारत और अन्य एशियाई देश, दक्षिण अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया
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चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक काल की अवधि
यह चंद्रग्रहण भारत में भी दिखाई देगा, इसलिए यहां पर इसका सूतक और धार्मिक महत्व दोनों ही मान्य होंगे। चंद्र ग्रहण का सूतक 16 जुलाई को दोपहर 03:54 बजे से प्रारंभ होगा जो अगली सुबह 17 जुलाई, बुधवार को 04:29:50 बजे ग्रहण समाप्ति के साथ ही खत्म हो जाएगा। चूंकि 16 जुलाई को गुरु पूर्णिमा भी है इसलिए पूजा संबंधी सभी धार्मिक कार्य दोपहर 03:54 बजे से पहले ही कर लें।
चंद्र ग्रहण का ज्योतिषीय प्रभाव
इस आंशिक चंद्र ग्रहण का प्रभाव लोगों के जीवन पर विशेष रूप से देखने को मिलेगा। चूँकि ये ग्रहण आषाढ़ मास में घटित हो रहा है जिसके चलते नदी और तालाबों का जल स्तर कम हो जाएगा। साथ ही देश के कई राज्यों में सूखा व अकाल पड़ने की भी आशंका बनेगी। चंद्र पर लग रहे इस ग्रहण के चलते भारत के कश्मीर और चीन से सटे राज्यों में कुछ सियासी उथल-पुथल या प्राकृतिक प्रकोप से जन-धन की हानि होने की आशंका है।
यह चंद्र ग्रहण उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में लगेगा और सबसे ज्यादा इसका असर धनु व मकर दोनों राशि के जातकों पर को मिलेगा। जिसके अनुसार इस ग्रहण के दौरान साफ़ तौर से इन राशि व नक्षत्र से संबंधित लोगों को सबसे अधिक कष्ट होने की संभावना होगी। हालांकि ये लोग इस संभावना से बचने के लिए हिन्दू धर्म में सुझाए गए हवन, शांति, दान और मंत्र जप आदि उपाय कर सकते हैं। अतः इस चंद्र ग्रहण से प्रभावित होने वाली राशि के सभी जातकों को विशेष रूप से चंद्र-राहु तथा शनि और गुरु बृहस्पति का जप और इन ग्रहों से संबंधित वस्तुओं का दान करने की सलाह दी जाती है।
- खुदरा बाज़ार पर चंद्र ग्रहण का असर
चंद्र ग्रहण मंगलवार को घटित होने से चांदी, मोती के भाव में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनेगी। वहीं सफ़ेद वस्तुएं जैसे चावल, घी और तेलवान वस्तुओं में मंदी आएगी। इसके अलावा अनाजवान व दलहन वस्तुओं में तेजी आने की सम्भावना है।
- ग्रहण का राशिफल
चूँकि यह ग्रहण उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में घटित हो रहा है, जो सूर्य का नक्षत्र है इसलिए सूर्य से प्रभावित जातकों को इस ग्रहण के दौरान कष्ट पहुँच सकता है। साथ ही धनु और मकर राशि में ग्रहण पड़ने के कारण इन्हे भी सावधान रहने की ज़रूरत होगी। हालाँकि ग्रहण का प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ेगा।
चलिए अब जानते है इस ग्रहण का राशिफल हर राशि के अनुसार :-
मेष: इस ग्रहण के दौरान आपके पारिवारिक सुखों में कमी आएगी और परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं।
वृषभ: जीवन में किसी बात को लेकर चिंता बढ़ सकती है। जिसका सीधा असर आपके पारिवारिक जीवन पर नज़र आएगा।
मिथुन: इस दौरान आपको विशेष तौर से विरोधियों से सावधान रहने की आवश्यकता होगी।
कर्क: इस समय आपको वैवाहिक जीवन में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
सिंह: चंद्र ग्रहण से आपको धन हानि होने की संभावना है। इसके आलावा आपको इस दौरान शारीरिक कष्ट होने से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
कन्या: आय की तुलना में ख़र्चा अधिक है और यह आपकी परेशानी का विषय हो सकता है।
तुला: आपके ज्यादातर हर कार्य में निपुणता आएगी और लाभ प्राप्त होगा। इसलिए आपके लिए ये ग्रहण लाभकारी साबित होगा।
वृश्चिक: आपको अपनी नौकरी व व्यवसाय में प्रगति मिलेगी और दौरान आपको धन लाभ होने से आर्थिक स्थिरता आएगी।
धनु: आपकी ही राशि में ग्रहण घटित होने पर आपको धन हानि होने की संभावना है। कुछ कारणों से यात्राएं करनी पड़ सकती हैं, लेकिन अगर संभव हो तो इसे अपनी टालना आपके लिए सही रहेगा।
मकर: आपकी भी राशि में चंद्र को ग्रहण लग रहा है, इसलिए आपको वाहन सावधानी से चलाना होगा, अन्यथा चोट लगने की संभावना है।
कुंभ: आपको इस समय धन हानि होने की संभावना है। व्यर्थ की चिंता से मानसिक तनाव बढ़ेगा।
मीन: आपको छोटी दूरी की यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। भाई-बहनों के लिए समय अच्छा रहेगा, उनसे संबंधों में सुधार आएगा।
सूतक के दौरान बरतनी चाहिए ये सावधानियाँ
विशेषज्ञों अनुसार, माना गया है कि ग्रहण के सूतक के दौरान किसी भी तरह का कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इस साल का ये दूसरा चंद्र ग्रहण एक दुर्लभ योग बना रहा है। इससे पहले यह योग वर्ष 1870 में 12 जुलाई को यानी आज से लगभग 149 साल पहले बना था। जब गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण हुआ था और उस समय भी केतु के साथ चंद्र भी धनु राशि में स्थित था। जबकि सूर्य, राहु के साथ मिथुन राशि में स्थित था और इस वर्ष भी कुछ ऐसा ही नज़ारा दिखाई देने वाला है। अब जानते हैं सूतक काल के दौरान किन बातों का ध्यान रखना अनिवार्य होता है:-
- सूतक और ग्रहण काल के दौरान विशेष रूप से मूर्ति पूजन, मूर्ति स्पर्श और कुछ भी खाना या पीना वर्जित माना गया है।
- तुलसी के पौधे का स्पर्श करने से भी परहेज करें।
- सूतक और ग्रहण काल के समय कुछ मंत्रों का जप करना विशेष लाभकारी माना गया है।
- सूतक काल के समय सभी गर्भवती महिलाएं काटने, छीलने या सिलने का कार्य बिल्कुल न करें।
- हालांकि कई लोग मानते हैं कि सूतक के ये नियम असहाय,गर्भवती महिलाएं, बुज़ुर्ग, बच्चे और बीमार व्यक्ति पर यह लागू नहीं होते है।
ग्रहण के समय क्या करें या क्या न करें
विशेषज्ञों की माने तो ग्रहण से वातावरण में नकारात्मक शक्तियाँ बहुत प्रबल हो जाती हैं। जिनका सीधा बुरा असर मानव समुदाय पर देखने को मिलता है। इसलिए धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के हर प्रकार के बुरे प्रभावों से बचने के लिए या इन्हे कम करने के लिए कुछ कार्य सुझाए गए हैं, जिन्हे अवश्य रूप से करना चाहिए और कुछ कार्य करने से परहेज करना चाहिए।
- चंद्र पर ग्रहण लगने से पहले दूध-दही और बने हुए भोजन में तुरंत तुलसी के कुछ पत्ते आवश्यक ही डाल दें। माना गया है कि ऐसा करने से इन पदार्थों पर ग्रहण का असर खत्म हो जाता है।
- ग्रहण से पहले ही भोजन कर लें और ग्रहण के दौरान उपवास रखें।
- ग्रहण के समय पूजन, भगवान की मूर्ति और तुलसी व शमी के पौधे का स्पर्श पर्ने से परहेज करें।
- गर्भवती स्त्रियां ग्रहण के दौरान कुछ भी धारदार वास्तु का उपयोग जैसे:- चाकू, कैंची, सुई, आदि न करें।
- ग्रहण के समय जितना अधिक से अधिक हो सके चंद्र मंत्र का जप करें और ईश्वर का ध्यान करें।
ग्रहण समाप्ति के बाद तुरंत करें ये काम
- ग्रहण की समाप्ति पर तुरंत स्नान करे और भगवान की मूर्तियों को भी गंगाजल से शुद्ध करें।
- तुलसी व शमी के पौधे को भी गंगाजल से शुद्ध करें।
- ग्रहण के बाद हवन और गरीबों को दान और दक्षिणा दें।
ये देखा गया है कि ग्रहण का असर हर राशि पर पड़ता है लेकिन माना गया है कि गर्भवती स्त्री और उसके होने वाले बालक के लिए ग्रहण का प्रभाव 108 दिनों तक रहता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को इसको लेकर बहुत ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। ऐसा कहते हैं कि जो गर्भवती महिलाएं ग्रहण को नग्न आँखों से देख लेती हैं तो इसके प्रभाव से उनके शिशु को शारीरिक या मानसिक हानि हो सकती है। हालांकि आधुनिक विज्ञान में इस तथ्य का कोई आधार नहीं मिलता है।
आशा करते हैं आंशिक चंद्र ग्रहण पर आधारित यह लेख आपको पसंद आया होगा। एस्ट्रोसेज की ओर से उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएँ!
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