बुध का कर्क राशि में गोचर, जानिए आपकी राशि पर प्रभाव

बुध कर्क राशि में गोचर करते ही सूर्य, मंगल और शुक्र के साथ बनाएगा महायोग! जानें राशि के अनुसार होने वाले इस गोचर का लाभ और हानियां ! इसके अतिरिक्त पढ़ें 3 अगस्त 2019 को बुध के कर्क राशि में प्रवेश करने पर प्राप्त होने वाला संपूर्ण राशिफल!


ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह स्वाभाविक रूप से एक युवा ग्रह है इसे नवग्रह मंडल में राजकुमार की पदवी प्राप्त है। जिस प्रकार एक राजकुमार अपनी आयु के अनुसार अच्छी और बुरी बातें सीखता है उसी प्रकार का स्वभाव बुध ग्रह का भी है। यह जिस प्रकार के ग्रहों के साथ संबंध बनाता है वैसा ही प्रभाव व्यक्ति को प्रदान करता है अर्थात अनुकूल ग्रहों के साथ अनुकूल और प्रतिकूल गुणों के साथ होने पर प्रतिकूल परिणाम प्रदान करता है। ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क शक्ति, गणित, अनुसंधान, सांख्यिकी और यात्रा का कारक माना जाता है। 

वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह को व्यापार,तर्कशक्ति, बुद्धि, वाणी, संचार कौशल और त्वचा का कारक ग्रह माना जाता है। इसके यह यात्रा का भी कारक ग्रह है। अर्थात यदि आपको उपरोक्त किसी भी क्षेत्र से संबंधित कार्य करना हो तो आपके लिए बुध का अच्छी स्थिति में और मजबूत अवस्था में होना आवश्यक है। उत्तर दिशा पर बुध का अधिकार है और अश्लेषा ज्येष्ठा और रेवती इसके मुख्य नक्षत्र हैं। 

अगर ग्रह मैत्री की बात की जाए तो शुक्र, राहु इनके परम मित्र और चंद्रमा शत्रु माने जाते हैं। बुध ग्रह वक्री होना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि बुद्धि और संवाद का कारक बुध वक्री अवस्था में होने पर बड़े-बड़े परिणाम लेकर आता है क्योंकि बुद्धि और व्यापार पर इस पर सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है। अभी कुछ समय पूर्व भी बुध वक्री हुआ था और उसके बाद पुनः एक बार कर्क राशि में प्रवेश करने जा रहा है। 

बुध ग्रह का प्रभाव


किसी भी जातक के लिए बुध का अनुकूल अवस्था में होना अत्यंत ही लाभदायक बन जाता है ऐसी स्थिति में व्यक्ति व्यवहार कुशल होने के साथ-साथ बुद्धिमान भी होता है। व्यापार के क्षेत्र में ऐसा व्यक्ति विशेष रूप से उन्नति करता है और जहां पर भी उसके अपने कौशल दिखाने का मौका मिले वहां वह अपनी पैठ जमा लेता है। इसके विपरीत यदि बुध प्रतिकूल स्थिति में है अथवा बुध काफी कमजोर है तो व्यक्ति को बुद्धि से संबंधित कमी का सामना करना पड़ता है, इसके अतिरिक्त त्वचा संबंधित रोग होने की भी संभावना रहती है। ऐसा व्यक्ति व्यावहारिक नहीं होता और व्यापार में उन्नति नहीं कर पाता। इसलिए बुध को मजबूत करने के लिए उत्तम गुणवत्ता का पन्ना रत्न पहनने की सलाह ज्योतिषी द्वारा दी जाती है। 

यदि रत्न खरीदने की इच्छा ना हो तो बुध की अनुकूलता पाने के लिए चार मुखी रुद्राक्ष धारण किया जा सकता है। 

सभी ग्रहों में बुध का एक अलग वर्चस्व है क्योंकि है सुबह और शाम दोनों समय ऊपर बली होता है और अपनी एक महादशा के दौरान संपूर्ण दशा में परिणाम देता है। केवल इतना ही नहीं यह वात, पित्त और कफ तीनों प्रकार की प्रकृति पर भी अधिकार रखता है, इसलिए बुद्ध से संबंधित स्वास्थ्य समस्याएं अधिक परेशान करने वाली हो सकती है। 

वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में बुध की किसी विशेष राशि में स्थिति व्यक्ति में विशेष गुणों का संचार करती है। सूर्य के साथ स्थित होने पर यह बुधादित्य योग बनाता है जो व्यक्ति को अत्यंत ही विद्वान और निपुण बनाता है। इसके अतिरिक्त यदि बुध किसी जातक की कुंडली में अपनी उच्च राशि कन्या अथवा स्वराशि मिथुन में केंद्र भावों में विराजमान हो तो भद्र नामक पंच महापुरुष योग बनाता है जो जीवन में सभी प्रकार की खुशियों के साथ ऊंचाइयां प्रदान करता है। 

तीन ग्रहों के साथ बुध ग्रह की युति 


इस गोचर के दौरान बुध का मिलन कर्क राशि में पहले से ही मौजूद सूर्य, मंगल और शुक्र से होगा। शुक्र और सूर्य के साथ तो बुध अनुकूल रहता है लेकिन मंगल के साथ होने पर अत्यधिक अशुभ होने की ओर अग्रसर हो जाता है। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि बुध और शुक्र दोनों ही सौम्य ग्रह हैं लेकिन सूर्य और मंगल दोनों ही अग्नि तत्व ग्रह हैं और उनकी यह युति जल तत्व की राशि कर्क में हो रही है। ऐसे में बुध ग्रह मिश्रित परिणाम देगा। विशेष रूप से वाणी दोष के कारण व्यक्ति को अनेक प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। बुद्धि और व्यापार के कारक ग्रह बुध का कुंडली में कमजोर अवस्था में होना व्यक्ति में व्यवहारिकता की कमी और स्वयं को सभी के सामने प्रकट कर पाने में असमर्थता देता है।

बुध के गोचरकाल का समय


कुछ समय पूर्व ही जून 2019 में बुध में कर्क राशि में प्रवेश किया था। लेकिन 8 जुलाई 2019 को यह वक्री गति में आने के कारण 30 जुलाई को मिथुन राशि में प्रवेश कर गया था। इसके पश्चात 1 अगस्त को मार्गी गति प्रारंभ की जिसके कारण एक बार फिर 3 अगस्त 2019 शनिवार की सुबह 5:44 बजे कर्क राशि में प्रवेश करेगा। 


छात्रों पर बुध के गोचर का असर 


अगर छात्रों की बात की जाए तो बुध के इस गोचर का परिणाम मिला जुला असर लेकर आएगा। सूर्य और शुक्र के साथ मिलन करने के कारण बुध व्यक्ति को आध्यात्मिक और व्यवहारिक विषयों में आगे बढ़ाएगा। इंटीरियर डिजाइनिंग, आर्किटेक्चर, मीडिया, लेखन, संपादन, अभिनय आदि के क्षेत्र में अध्ययन कर रहे छात्रों को बुध की स्थिति अनुकूल परिणाम देगी। लेकिन मंगल की उपस्थिति होने के कारण इन्हें बार-बार अपने काम पर फोकस करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा क्योंकि उनकी एकाग्रता भंग होती रहेगी। 


बुध के गोचर का देश पर कैसा होगा असर?


बुध का कर्क राशि में गोचर देश के लिए विशेष परिणाम लेकर आएगा। भारत वर्ष की राशि भी कर्क ही है, इसकी वजह से बुध का गोचर प्रथम भाव में होगा। इसका सबसे अच्छा परिणाम तो यह मिलेगा कि भारत को विदेशी मुद्रा भंडार की प्राप्ति होगी और कुछ मित्र देश भी भारत को यथासंभव सहयोग देंगे। भारत की बात को अनेक देशों द्वारा सराहा जाएगा और मान्यता भी मिलेगी जिससे भारत की पकड़ विदेशों में भी अच्छे स्तर पर बढ़ेगी। इसके अतिरिक्त जनता के कर से प्राप्त धन कुछ विशेष कार्यों में देश के प्रति कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए खर्च किया जाएगा। इसके साथ ही संचार माध्यमों को और बेहतर बनाया जाएगा। 

चलिए अब जानते हैं बुध के कर्क राशि में गोचर कर जाने पर विभिन्न राशियों पर पड़ने वाला प्रभाव-


यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। चंद्र राशि कैल्कुलेटर से जानें अपनी चंद्र राशि

मेष


इस गोचर के दौरान बुध आपकी राशि से चौथे भाव में स्थित होंगे। गोचर की इस अवधि के दौरान आपका पारिवारिक जीवन सुखमय बीतेगा। इस गोचर काल में परिवार में सुख शांति बनी रहेगी और सदस्यों के बीच सामंजस्य स्थापित होगा। लेकिन दूसरी तरफ देखें तो बुध के नकारात्मक प्रभाव से आपके माता पिता की सेहत बिगड़ सकती है जिससे मन अशांत रहेगा। कार्यक्षेत्र की बात करें तो गोचर की इस अवधि के दौरान आपको अपनी मेहनत….आगे पढ़ें

वृषभ


पारिवारिक स्तर पर इस दौरान आप अपने भाई बहनों के लिए आर्थिक रूप से काफी मददगार साबित होंगें। इसके साथ ही आपको अपनी भाषा शैली में भी विशेष सुधार देखने को मिल सकता है। इस गोचर काल के दौरान आपको विशेष सलाह दी जाती है की आप दूसरों पर भरोसा करने से बेहतर खुद पर भरोसा करें। इस दौरान आपको अपने सभी छोटे-छोटे प्रयासों में सफलता हासिल होगी। आपके ये प्रयास….आगे पढ़ें

मिथुन


इस गोचर के दौरान बुध ग्रह आपकी राशि से दूसरे भाव में स्थित होंगें। आपकी राशि में बुध की इस स्थिति के फलस्वरूप आपकी भाषा शैली में मधुरता आ सकती है। इस दौरान आप अपनी संवाद शैली के बल पर दूसरों को आकर्षित करने में भी सफल रहेंगे। इस गोचर काल में आप अपने संपर्क में आने वाले लोगों का मनोबल बढ़ाने का काम कर सकते हैं। आर्थिक रूप से देखें तो ये गोचर काल विशेष रूप से आपको धन….आगे पढ़ें


कर्क


बुध के गोचर की ये अवधि कर्क राशि के जातकों के लिए व्यक्तिगत स्तर पर लाभदायक साबित हो सकती है। इस दौरान पारिवारिक स्तर पर आपको भाई बहनों का भरपूर सहयोग प्राप्त होगा और किसी भी मुसीबत की स्थिति में आप हमेशा उन्हें अपने साथ पाएंगे। इसके साथ ही साथ आप निजी स्तर पर अपने जीवन को लेकर ख़ासा संतुष्ट नजर आएँगे। बात करें कार्यक्षेत्र की….आगे पढ़ें

सिंह


गोचर की इस अवधि के दौरान बुध आपकी राशि से बारहवें भाव में स्थापित होंगें। बुध का ये गोचर आपके लिए आर्थिक रूप से काफी हानिकारक साबित होने वाला है। इस दौरान आपके ख़र्चों में अचानक ही बढ़ोत्तरी हो सकती है, लिहाजा इस गोचर काल में विशेष रूप से अपने ख़र्चों पर काबू रखें और जरूरी चीजों पर ही पैसे खर्च करें। पारिवारिक स्तर पर इस दौरान घर के किसी सदस्य की विदेश यात्रा पर जाने की….आगे पढ़ें

कन्या


इस दौरान आप खुद को बेहद ऊर्जावान और शारीरिक रूप से सबल महसूस करेंगे। इस अवधि के दौरान आप सामाजिक स्तर पर काफी सक्रिय रहेंगे जिस वजह से आपकी सामाजिक सहभागिता में वृद्धि होगी। इस दौरान आप अपने दोस्तों और प्रियजनों के साथ सुकून के पल गुजार पाएंगे। यदि आप प्यार में हैं तो संभव है कि आप अपने पार्टनर के साथ अपनी मर्ज़ी की जगह पर घूमने जा सकते हैं। इस दौरान बौद्धिक और आध्यात्मिक स्तर पर भी आपका विकास हो सकता है, जिससे आपको लाभ की….आगे पढ़ें

तुला


बुध के कर्क राशि में गोचर के दौरान ये आपकी राशि से दसवें भाव में स्थान परिवर्तन करेंगे। गोचर की ये अवधि आपके लिए कुछ शुभ समाचार लेकर आ सकती है। इस दौरान आपको कार्यक्षेत्र और बिज़नेस से जुड़ा कोई ऐसा समाचार मिल सकता है जिससे आपको काफी लंबे अरसे के बाद खुशफहमी का एहसास होगा। कार्यक्षेत्र में आपकी पदोन्नति हो सकती है, या आप अभी तक जिस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं उसमें असीम….आगे पढ़ें

वृश्चिक


गोचर की इस अवधि में बुध आपकी राशि से नौवें भाव में विराजमान होंगे। इस गोचर काल में आपको जीवन में बहुत से उतार चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। हालाँकि इस दौरान बहुत से मामलों में आपको अप्रत्याशित लाभ मिलने की भी संभावना नजर आ रही है। पारिवारिक स्तर पर देखें तो इस गोचर काल में आपको अपनी माता की सेहत का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होगी। इस दौरान उनकी सेहत में….आगे पढ़ें

धनु


गोचर की इस अवधि के दौरान आपकी रुचि धार्मिक और ज्योतिष विषयों की जानकारी प्राप्त करने में बढ़ सकती है। संभव है कि इस दौरान आप किसी विशेष प्रकार के मंत्रों की जानकारी हासिल कर सकते हैं। पारिवारिक स्तर पर देखें तो….आगे पढ़ें

मकर


बुध के कर्क राशि में गोचर के दौरान ये आपकी राशि से सातवें भाव में स्थित होंगें। इस गोचर काल का विशेष प्रभाव आपके करियर पर देखने को मिल सकता है। इस दौरान कार्यक्षेत्र में आपकी तरक्की हो सकती है और पदोन्नति के साथ ही आपकी आय में भी वृद्धि संभव है। स्वास्थ्य के लिहाज से देखें तो इस गोचर काल में आप खुद को अधिक ऊर्जावान और शारीरिक रूप से स्वस्थ्य महसूस करेंगे। पारिवारिक स्तर पर ….आगे पढ़ें

कुंभ


आर्थिक आधारों पर देखें तो इस दौरान आपके ख़र्चों में वृद्धि हो सकती है, लिहाजा अपने ख़र्चों पर काबू रखें अन्यथा आर्थिक मंदी का शिकार होना पड़ सकता है। यदि आपका कोर्ट कचहरी में कोई मामला चल रहा है तो, गोचर की अवधि में फैसला आपके हक़ में आने की पूरी संभावना है। लेकिन दूसरी तरफ बुध का ये गोचर आपकी सेहत के लिहाज से ख़ासा….आगे पढ़ें

मीन 


गोचर की इस अवधि के दौरान बुध आपकी राशि से पांचवें भाव में विराजमान होंगें। इस गोचर काल में आपकी रुचि विशेष रूप से नयी चीजों की जानकारी लेने और सीखने में हो सकती है। मीन राशि वाले छात्रों के लिए गोचर की ये अवधि खासतौर से लाभदायक साबित होने वाले है। छात्रों का ध्यान इस दौरान गणित और वाणिज्य जैसे विषयों में अधिक लगेगा। लिहाजा छात्रों का प्रदर्शन पढ़ाई में खासतौर से अच्छा रहेगा। आर्थिक स्तर पर देखें तो….आगे पढ़ें

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