मंगल का तुला राशि में गोचर (जुलाई 14, 2014) - इसके आप पर होने वाले प्रभाव

मंगल जुलाई 14 2014, को तुला राशि में प्रवेश कर रहा है। क्या आप जानते हैं मंगल का यह गोचर आपके जीवन में कुछ ना कुछ बदलाव लाने वाला होगा। जानिये मंगल का तुला राशि में गोचर और आप के जीवन पर प्रभाव ‘प. हनुमान मिश्रा’ द्वारा।


जैसा कि हमने एस्ट्रोसेज पर इसी साल जनवरी के अंतिम दिनों में आपके समक्ष मंगल के तुला राशि में गमन के संदर्भ में अपना आलेख रखा था। आशा है आप उसके माध्यम से लाभान्वित हुए होंगे। अब एक बार फिर से मंगल उसी स्थिति में जा रहा है। जी हाँ, भचक्र के तीसरे ग्रह मंगल ने 4 फ़रवरी 2014 की शाम 14:25 पर कन्या राशि से तुला राशि में प्रवेश किया था। 25 मार्च 2014 तक मंगल तुला में ही रहा और इसी रात वक्र गति से पुन: कन्या राशि में प्रवेश कर गया और तब से अभी तक यह कन्या राशि में है।

14 जुलाई को मंगल पुन: तुला राशि में जा रहा है। यहाँ पर मंगल की युति शनि से होने जा रही है। अत: कुछ मामलों में यह समय बहुत ही विध्वंसक रह सकता है। देश में कोई दंगा फ़साद फिर से सिर उठा सकता है। विशेषकर दक्षिण या पश्चिमी राज्य इससे अधिक प्रभावित हो सकते हैं। यही हाल दक्षिण या पश्चिमी देशों का भी रह सकता है। स्त्रियों पर होने वाले अत्याचार की ख़बरें फिर से ज़ोर पकड़ सकती हैं। ज़बरदस्त राजनीतिक उठा पटक देखने को मिल सकती है। राजनेता न केवल मौखिक आग उगल सकते हैं बल्कि कई जगहों पर कार्यकर्ताओं या नेताओं पर हमले की खबरें भी आ सकती हैं । यह समय किसी वरिष्ठ राजनेता के स्वास्थ्य को बिगाड़ने वाला भी साबित हो सकता है, खाद्यानों में तेज़ी भी देखने को मिल सकती है। लेकिन मंगल के इस परिवर्तन का आपकी राशि पर क्या असर होगा, आइए जानते हैं।


मंगल के इस गोचर का विभिन्न राशियों पर क्या असर होगा आइए जानते हैं-

मेष:
मंगल का गोचर आपकी कुंडली के सातवें भाव में रहेगा। अत: यात्राओं के लिए समय अधिक अनुकूल नहीं रहेगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य के कारण आप चिन्तित रह सकते हैं। सहयोगियों तथा भागीदारों से विवाद होने की संभावना है। लेकिन न्यायालय से संबंधित समस्याओं के निराकरण होने के योग हैं। किसी निवेश से लाभ हो सकता है और रुका हुआ धन वापस मिल सकता है।

वृषभ:
मंगल का गोचर आपकी कुंडली में छठवें भाव में रहेगा। शत्रु स्वयमेव परेशान रहेंगे। इस अवधि में आप काफ़ी सुखी रहेंगे। प्रचुर लाभ होने की संभावना है। पारिवारिक वातावरण भी सुखद रहेगा। नौकरी के हालात सुधरेंगे। अड़चनें और बाधाएँ दूर होंगी। लेकिन वाद-विवाद न करें। अदालती मामलों में फँसने से बचें, साथ ही निवेश के मामलों में विशेष सावधानी रखें।

मिथुन:
मंगल का गोचर आपकी कुंडली में पाँचवे भाव में रहेगा। अत: मंगल के कारण आर्थिक परेशानियों का निपटारा होने की सम्भावनाएँ हैं। शत्रुओं पर विजय मिलेगी। यह समय आपकी उलझनों को सुलझाने के लिए श्रेष्ठ है। लेकिन स्वास्थ्य एवम् पारिवारिक सदस्यों के कारण परेशानी पैदा हो सकती है। प्रेम प्रसंगों में किसी भी प्रकार की ज़िद ठीक नहीं रहेगी।

कर्क:
मंगल का गोचर आपकी कुंडली में चौथे भाव में रहेगा। अत: घर-परिवार तथा मित्रों का सहयोग तो मिलेगा लेकिन इन्हीं मामलों को लेकर चिंताएँ भी रहेंगी। इन मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही उचित नहीं रहेगी। परोपकार के बदले कुछ परेशानी देखनी पड़ सकती है। ख़र्चे भी अधिक रह सकते हैं। फिर भी किसी बड़े कार्य को करने में आप सफ़ल हो सकते हैं।

सिंह:
मंगल का गोचर आपकी कुंडली में तीसरे भाव में रहेगा। अत: यात्राएँ सफ़लतादायक रहेंगी। संचार माध्यमों के शुभ समाचार प्राप्त होंगे। नया कारोबार मिलने की संभावनाएँ हैं। आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलेगी। नई योजनाएँ प्राप्त होने की संभावनाएँ हैं। विरोधी आपका सामना भी नहीं कर पायेंगे। प्रयत्नों में सफ़लता सुनिश्चित रहेगी। आपका जोश व आत्मविश्वास बेहतर रहेगा।

कन्या:
मंगल का गोचर आपकी कुंडली में दूसरे भाव में रहेगा। अत: आर्थिक लाभ के लिये यह समय अच्छा नहीं है। परिवार के सदस्यों के कारण तनाव पैदा हो सकता हैं। कोई बड़ा बदलाव होने की संभावनाएँ काफ़ी कम हैं। छोटी-छोटी बातों से बड़े विवाद हो सकते हैं, अत: वाणी पर नियंत्रण रखें। शांति और धैर्य के साथ कार्य करते रहें। अष्टम में मंगल के प्रभाव के कारण वाहन आदि सावधानी से चलाना होगा।

तुला:
मंगल का गोचर आपकी कुंडली में प्रथम भाव में रहेगा। अत: यह समय आपके लिए सावधान रहने का है। कुछ उलझनें सामने आ सकती हैं। स्वास्थ्य भी कमज़ोर रह सकता है। चोट लगने का भय रहेगा। जोखिम उठाने या सट्टेबाज़ी के लिये यह समय ठीक नहीं है। दूसरों के कार्यों में दख़ल देने से भी बचना ज़रूरी होगा। किसी नए काम से जुड़ने या कार्य विस्तार के लिए यह बहुत उचित समय नहीं है।

वृश्चिक:
मंगल का गोचर आपकी कुंडली में बारहवें भाव में रहेगा। अत: इस अवधि में हमेशा सावधान रहना ज़रूरी होगा। दूर की यात्राओं से बचें। विवादों और मुक़दमेबाज़ी से भी बचना होगा। इस समय आपको अपने स्वास्थ्य का ख़याल रखना ज़रूरी होगा। इस समय बेकार के ख़र्चे आपको परेशान कर सकते हैं। आमदनी के स्रोत कमज़ोर रह सकते हैं। संतान की ओर से कुछ समस्या भी हो सकती है।

धनु:
मंगल का गोचर आपकी कुंडली में ग्यारहवें भाव में रहेगा। अत: मित्रों और सहयोगियों से आपको लाभ मिलेगा। रुके काम बनेंगे और स्थाई संपत्ति की प्राप्ति होगी। बहु प्रतीक्षित इच्छाओं और आंकाक्षाओं की पूर्ति होगी और लम्बी यात्राएँ सफ़लतादायक रहेंगी। नए वाहनों की प्राप्ति संभव है। पारिवारिक वातावरण सुखद रहेगा। लेकिन वाणी पर संयम रखते हुए प्रियजनों से विवाद से बचना होगा।

मकर:
मंगल का गोचर आपकी कुंडली में दसवें भाव में रहेगा। अत: आपको शुभ समाचारों की प्राप्ति होगी। ज़मीन एवं कोर्ट संबंधी मामलों में सफ़लता मिलेगी। व्यापार का विस्तार होगा। नवीन व्यापार प्रारंभ होने के योग बन रहे हैं। विपरीत परिस्थितियों को कुशलता से झेलने के लिये आपमें प्रचुर आत्मविश्वास रहेगा। लेकिन क्रोध व वरिष्ठों से बेवजह उलझने से स्वयं को बचाना होगा।

कुम्भ:
मंगल का गोचर आपकी कुंडली में नौवें भाव में रहेगा। अत: आमदनी बढ़ेगी और आय के नये स्रोत प्राप्त होंगे। सुदूर स्थलों तक की गई लम्बी यात्राएँ सफ़लतादायक सिद्ध होंगी। आर्थिक परेशानियों का हल मिलेगा। ज़मीन-जायदाद के मामलों में विशेष सफ़लता मिलेगी। लेकिन पिता व गुरुजनों से मतभेद करने से स्वयं को बचाना होगा। साथ ही इनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतन जरूरी होगा।

मीन:
मंगल का गोचर आपकी कुंडली में आठवें भाव में रहेगा। मंगल की यह ग्रह स्थिति आपकी संपत्ति से संबंधित समस्याओं का हल करवाएगी। लेकिन परिवार के सदस्यों से संबंध बिगड़ने की संभावना है। इस समय आपको अपने स्वास्थ्य का ख़याल रखना ज़रूरी होगा। आपकी भाषा शैली में कठोरता आ सकती है। इस समय वाहन आदि भी सावधानी से चलाना होगा।

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