रक्षाबंधन के बाद भाई-बहनों के अटूट रिश्ते का प्रतीक भाई दूज ही है। आज यानि 13 नवंबर को भाई दूज मनाया जा रहा है। हिन्दू धर्म में कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया यानि दिवाली के दो दिन बाद भाई दूज मानने की परंपरा है। आइए इसके बारे में और विस्तार से जानते हैं।
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तिलक मुहूर्त: दोपहर 01:10 से 03:20 बजे तक
आज ही के दिन यम ने अपनी बहन यमुना को दर्शन दिये थे। अपनी बहन की सेवा से ख़ुश होकर यम ने उनको यह वरदान दिया था कि आज के दिन जो भी यमुना में स्नान करेगा और प्रातःकाल चंद्रदर्शन करेगा उसे यमलोक नहीं ले जाया जाएगा। इसी कारणवश आज के दिन को यम द्वितीया भी कहा जाता है। इसका विवरण स्कंदपुराण में इस प्रकार मिलता है - “ऊर्जे शुक्लद्वितीयायामपराह्णेऽर्चयेद् यमम्:।।” आज के दिन बहन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर आशीष देती है और उसकी दीर्घायु की कामना करती है। आज के दिन बहन के घर भोजन करने का विशेष महत्व है।
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तिलक मुहूर्त: दोपहर 01:10 से 03:20 बजे तक
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आज ही के दिन यम ने अपनी बहन यमुना को दर्शन दिये थे। अपनी बहन की सेवा से ख़ुश होकर यम ने उनको यह वरदान दिया था कि आज के दिन जो भी यमुना में स्नान करेगा और प्रातःकाल चंद्रदर्शन करेगा उसे यमलोक नहीं ले जाया जाएगा। इसी कारणवश आज के दिन को यम द्वितीया भी कहा जाता है। इसका विवरण स्कंदपुराण में इस प्रकार मिलता है - “ऊर्जे शुक्लद्वितीयायामपराह्णेऽर्चयेद् यमम्:।।” आज के दिन बहन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर आशीष देती है और उसकी दीर्घायु की कामना करती है। आज के दिन बहन के घर भोजन करने का विशेष महत्व है।
पूजा विधि
- प्रातःकाल सूर्योदय से पहले उठकर चंद्रदर्शन करें
- उसके बाद शौचकर्म करके यमुना में स्नान करें और भाई को भी कराएँ
- अब शुभ मुहूर्त में एक थाली में रोली, चंदन, अक्षत और मिठाई सजाएँ
- उसके बाद भाई के हाथ पर चावल के घोल का लेप और सिन्दूर लगाकर पान का पत्ता रखें
- अब हाथ पर पाँच बार धीरे-धीरे जल गिराएँ
- अब तिलक लगाकर आरती उतारें और मिठाई खिलाएँ
आपका दिन मंगलमय हो!
आने वाले पर्व
कल जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिन भी है जिसे बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
15 नवंबर 2015 से छठ पूजा की शुरूआत हो रही है। इस दिन सूर्योदय का समय 6:42 और सूर्यास्त का समय 5:27 बजे है।
15 नवंबर को विनायकी गणेश चतुर्थी भी है।
आपका दिन मंगलमय हो!
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