आज 10 नवंबर 2015 को पूरे देश मेंनरक चतुुर्दशी और छोटी दिवाली बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है। नरक चतुर्दशी के दिन ही भगवान कृष्ण और माँ काली ने नरकासुर नाम के राक्षस का वध किया था। आज का दिन अभ्यंग स्नान के लिए भी काफ़ी महत्वपूर्ण है। आइए इस दिन के बारे में और विस्तार से जानते हैं।
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नरक चतुर्दशी और छोटी दिवाली धनतेरस के एक दिन बाद मनाई जाती है। इस चतुर्दशी को लेकर हिन्दू मान्यता यह है कि आज ही के दिन नरकासुर नामक राक्षस का भगवान कृष्ण और माँ काली ने वध किया था। नरकासुर ने काफ़ी लोगों का जीना दूभर कर दिया था। नरक चतुर्दशी सभी प्रकार की बुराइयों से हमें दूर रखती है और पापकर्मों से बचाती है। छोटी दिवाली भी दिवाली की तरह ही मनाई जाती है।
नई दिल्ली में नरक चतुर्दशी के दिन अभ्यंग स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 04:54 से 06:39 के बीच है।
नरक चतुर्दशी के शुभ अवसर पर अभ्यंग स्नान करने की परंपरा है। लोग सुबह-सुबह फूल, चंदन, तिल इत्यादि से बने ऊबटन लगाकर स्नान करते हैं और सूर्यास्त के बाद अपने-अपने घरों को दीप और फूलों से सजाते हैं। ऐसी मान्यता है कि आज के दिन स्नान करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है और मनुष्यों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। अंग्रेज़ी कैलेण्डर के अनुसार कभी-कभी नरक चतुर्दशी के दिन का अभ्यंग स्नान लक्ष्मी पूजा के एक दिन बाद किया जाता है। अभ्यंग स्नान सूर्योदय और चतुर्दशी के दिन चंद्रोदय के बीच की जाती है। वैसे अभ्यंग स्नान दिवाली के अवसर पर चतुर्दशी, प्रतिपदा और अमावस्या के दिन भी की जा सकती है।
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नरक चतुर्दशी और छोटी दिवाली धनतेरस के एक दिन बाद मनाई जाती है। इस चतुर्दशी को लेकर हिन्दू मान्यता यह है कि आज ही के दिन नरकासुर नामक राक्षस का भगवान कृष्ण और माँ काली ने वध किया था। नरकासुर ने काफ़ी लोगों का जीना दूभर कर दिया था। नरक चतुर्दशी सभी प्रकार की बुराइयों से हमें दूर रखती है और पापकर्मों से बचाती है। छोटी दिवाली भी दिवाली की तरह ही मनाई जाती है।
नई दिल्ली में नरक चतुर्दशी के दिन अभ्यंग स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 04:54 से 06:39 के बीच है।
नरक चतुर्दशी के शुभ अवसर पर अभ्यंग स्नान करने की परंपरा है। लोग सुबह-सुबह फूल, चंदन, तिल इत्यादि से बने ऊबटन लगाकर स्नान करते हैं और सूर्यास्त के बाद अपने-अपने घरों को दीप और फूलों से सजाते हैं। ऐसी मान्यता है कि आज के दिन स्नान करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है और मनुष्यों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। अंग्रेज़ी कैलेण्डर के अनुसार कभी-कभी नरक चतुर्दशी के दिन का अभ्यंग स्नान लक्ष्मी पूजा के एक दिन बाद किया जाता है। अभ्यंग स्नान सूर्योदय और चतुर्दशी के दिन चंद्रोदय के बीच की जाती है। वैसे अभ्यंग स्नान दिवाली के अवसर पर चतुर्दशी, प्रतिपदा और अमावस्या के दिन भी की जा सकती है।
आप सभी को एस्ट्रोसेज की ओर से नरक चतुर्दशी और छोटी दिवाली की ढेर सारी शुभकामनाएँ आपका दिन मंगलमय हो!
अति सुन्दर
ReplyDeletePost says early morning 4am to 6am was abhyang sanan. And the post was online at 8:30am.
ReplyDeleteThis website is turning out to be informative rather than useful.
Regards,
H Sharma
The team members are of modern age and not possible for principle to do alone.
ReplyDeleteउत्तम जानकारी के लिए आप बधाई के पात्र हैं।
ReplyDeleteकिन्तु ये एक दिन पूर्व ही दी जानी चाहिए थी।
इस तरह की जानकारी को जो सुबह सुबह ही प्रयोग करने में आये पूर्व संध्या पर ही दी जनि चाहिए।
अन्य दोनों दिवस के अभ्यंग स्नान का समय नही दिया गया है।
उत्तम जानकारी के लिए आप बधाई के पात्र हैं।
ReplyDeleteकिन्तु ये एक दिन पूर्व ही दी जानी चाहिए थी।
इस तरह की जानकारी को जो सुबह सुबह ही प्रयोग करने में आये पूर्व संध्या पर ही दी जनि चाहिए।
अन्य दोनों दिवस के अभ्यंग स्नान का समय नही दिया गया है।