आज 9 नवंबर 2015 को पूरे देश भर में धन के स्वामी कुबेर की पूजा-अराधना की जा रही है। आज के दिन गहने-जेवरात और धातु के नए बर्तन ख़रीदना बेहद ही शुभ माना गया है। आइए इस अवसर पर जानते हैं कि आख़िर धनतेरस का शास्त्रों में क्या महत्व बताया गया है और भगवान कुबेर को कैसे प्रसन्न किया जा सकता है।
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धनतेरस शब्द दो शब्दों ‘धन’ और ‘तेरस’ से मिलकर बना है। जिसका अर्थ क्रमशः ‘धन’ और ‘तेरस’ मतलब तेरह होता है। धनतेरस की पूजा दिवाली से 2 दिन पूर्व की जाती है और इस दिन भगवान कुबेर की पूजा करने का विधान है। क़ारोबारी वर्ग में धनतेरस के दिन विशेष तौर पर पूजा-अर्चना करते हैं। आज के दिन सोने, चांदी, हीरे और अन्य धातु के सामान ख़रीदना बेहद ही शुभ माना गया है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार कुबेर को पालनकर्ता कहा गया है। उन्हें ब्रह्माण्ड में सबसे धनी देवता की उपाधी दी गई है। कुबेर को दानवों का देवता भी कहा गया है।
ऐसी मान्यता है कि भगवान कुबेर ने भगवान वेंकेटेश्वर का विवाह पद्मावती से कराने के लिए धन दिया था। इसी मान्यता के अनुसार लोग तिरूपती मंदिर के वेंकेटेश्वर दान पात्र में दान डालते हैं, ताकि कुबेर के ऋण से उन्हें मुक्ति मिल सके। भारत में धनतरेस का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। आज के दिन ख़रीदे गए धातु के सामान, गहने, बर्तन, इत्यादि की पूजा दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा के साथ ही की जाती है। धनतेरस के दिन सच्चे मन से भगवान कुबेर की पूजा करने वालों के घर में पूरे साल किसी प्रकार की कोई कमी नहीं होती है।
एस्ट्रोसेज की ओर से आप सभी को कुबेर पूजा और धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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मुहूर्त
प्रदोष मुहूर्त
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शाम 05:31:43 से 08:09:14
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धनतेरस पूजा मुहूर्त
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शाम 05:57:58 से 07:07:57
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धनतेरस के दिन निम्नलिखित मंत्र से भगवान कुबेर की पूजा करें
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये।
धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
कुबेर धन प्राप्ति यंत्र की पूजा इस मंत्र से करें
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥
कुबेर अष्टलक्ष्मी यंत्र पूजा मंत्र
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
धनतेरस शब्द दो शब्दों ‘धन’ और ‘तेरस’ से मिलकर बना है। जिसका अर्थ क्रमशः ‘धन’ और ‘तेरस’ मतलब तेरह होता है। धनतेरस की पूजा दिवाली से 2 दिन पूर्व की जाती है और इस दिन भगवान कुबेर की पूजा करने का विधान है। क़ारोबारी वर्ग में धनतेरस के दिन विशेष तौर पर पूजा-अर्चना करते हैं। आज के दिन सोने, चांदी, हीरे और अन्य धातु के सामान ख़रीदना बेहद ही शुभ माना गया है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार कुबेर को पालनकर्ता कहा गया है। उन्हें ब्रह्माण्ड में सबसे धनी देवता की उपाधी दी गई है। कुबेर को दानवों का देवता भी कहा गया है।
ऐसी मान्यता है कि भगवान कुबेर ने भगवान वेंकेटेश्वर का विवाह पद्मावती से कराने के लिए धन दिया था। इसी मान्यता के अनुसार लोग तिरूपती मंदिर के वेंकेटेश्वर दान पात्र में दान डालते हैं, ताकि कुबेर के ऋण से उन्हें मुक्ति मिल सके। भारत में धनतरेस का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। आज के दिन ख़रीदे गए धातु के सामान, गहने, बर्तन, इत्यादि की पूजा दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा के साथ ही की जाती है। धनतेरस के दिन सच्चे मन से भगवान कुबेर की पूजा करने वालों के घर में पूरे साल किसी प्रकार की कोई कमी नहीं होती है।
एस्ट्रोसेज की ओर से आप सभी को कुबेर पूजा और धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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