हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के पहले दिन यानि प्रतिपदा की शुरूआत बेहद ही शानदार तरीक़े से होती है। आज का दिन इसलिए इतना ख़ास हो जाता है क्योंकि आज लोग अन्नकूट पूजा, राजा की पूजा, इन्द्र पर भगवान कृष्ण की विजय का जश्न और गुजराती नूतन वर्ष मनाते हैं । तो आइए इस दिन के ख़ास मुहूर्त के बारे में चर्चा करते हैं।
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गोवर्धन पूजा मुहूर्त 2015
प्रातःकाल में पूजा का मुहूर्त: 06:41 से 08:51 बजे तक
सायंकाल में पूजा का मुहूर्त: 03:20 से 05:30 बजे तक
गोवर्धन पूजा विधि
- गाय के गोबर और स्वच्छ मिट्टी से भगवान कृष्ण की प्रतिमा बनाएँ
- प्रतिमा को मुकूट, बाँसूरी और आभूषण से सजाएँ
- गन्ना, मिठाई, गाय का कच्चा दूध और दही अर्पण करें
- चावल और सिन्दूर से एक थाली सजाकर उसमें घी के दीये जलाएँ
- अब प्रतिमा के चारो ओर परिक्रमा करें
- अब आरती के साथ पूजा का समापन करें
बली प्रतिपदा
बहुत से लोग आज के दिन को बली प्रतिपदा के रूप में मनाते हैं। यह ख़ासकर महाराष्ट्र में मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु ने आज ही के दिन वामन रूप में राजा बली का पाताललोक में पहुँचाया था। उन्होंने राजा को वरदान दिया कि बली प्रतिपदा के दिन वे अपनी प्रजा से भेंट कर सकते हैं। इसलिए महाराष्ट्र के लोग आज के दिन उनके स्वागत की तैयारी बड़े ही धूम-धाम से करते हैं।
गुजराती नूतन वर्ष
2015 में, आज ही के दिन गुजराती संवत् 2072 शुरू हो रही है। आज के दिन गुजरात में नई बही-ख़ाते की पूजा करते हैं और पुरानी बही-ख़ाते को बंद कर देते हैं। नई बही-ख़ाते की शुरूआत लक्ष्मी पूजा के साथ होती है।
हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी। इन्हीं आशाओं के साथ आप सभी को गोवर्धन पूजा की ढेर सारी शुभकामनाएँ।
आपका दिन मंगलमय हो!
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