छठ पूजा एवं सूर्य और बुध का वृश्चिक में गोचर आज

17 नवंबर वर्ष 2015 का बहुत ही मंगलकारी दिन है, क्योंकि आज ही भगवान सूर्य को समर्पित छठ पूजा है और साथ ही सूर्य और बुध का वृश्चिक में गोचर भी हो रहा है। तो आइए जानते हैं कि आपके लिए आज का दिन कितना शुभ है।


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छठ पूजा मुहूर्त 2015


आज छठ पूजा का सबसे विशेष दिन है। आज सभी व्रती सूर्यास्त के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य देंगे और फिर कल सूर्योदय के साथ सूर्य-अर्घ्य देने के बाद व्रत का समापन करेंगे। छठ पूजा के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें - छठ पूजा मुहूर्त 2015

17 नवंबर को सूर्यास्त का समय: शाम 5:27 बजे
18 नवंबर को सुर्योदय
: प्रातः 6:45 बजे

नोट: उपरोक्त समय दिल्ली के लिए है। अपने शहर का समय जानने के लिए अभी डाउनलोड करें हमारी एस्ट्रोसेज एॅप: एस्ट्रोसेज कुंडली

आज का गोचर


आजे के दिन सूर्य और बुध एक साथ वृश्चिक राशि में गोचर कर रहे हैं। तो आइए देखते हैं कि आपकी राशि पर इस गोचर का क्या प्रभाव पड़ने वाला है।

दोनों गोचर की भविष्यवाणी विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें: सूर्य का वृश्चिक में गोचर और बुध का वृश्चिक में गोचर

मेष


इस अवधि में आपको कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है और कार्यभार में वृद्धि हो सकती है।

वृष


दोस्तों के साथ समय बिताकर ख़ुशियाँ मिलेंगी। प्रेम-संबंधों को भी सुधारने के लिए समय अनुकूल है।

मिथुन


वैसे तो भाग्य का सहयोग कम ही है, लेकिन क़ारोबारियों को अवश्य ही लाभ होगा।

कर्क


नौकरी-पेशा लोगों की पदोन्नती हो सकती है। सट्टेबाज़ी से दूर ही रहें तो बेहतर होगा।

सिंह


इस समय आपको प्रसिद्धि मिल सकती है। कॅरियर के लिहाज से लिए समय शानदार है।


कन्या


समय वास्तव में आपके अनुकूल है, ख़ासकर निजी और पेशेवर ज़िन्दगी के लिए।

तुला


यह अवधि आपके लिए किसी उपहार से कम नहीं है। दोस्तों का भरपूर सहयोग प्राप्त होगा।

वृश्चिक


प्रेम-संबंधों में मधुरता आएगी, लेकिन विवाहित लोगों को अपने जीवनसाथी के साथ समय बिताने की कोशिश करनी चाहिए।

धनु


इस अवधि में आपको मिले-जुले परिणाम मिलेंगे, हालाँकि ख़र्चों पर नियंत्रण लगाने की दरकार है।

मकर


आपका चहुमुखी विकास होगा और कुछ नए दोस्त भी बनेंगे।

कुंभ


नौकरी में सफलता मिलेगी और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

मीन


आपके और आपके पिता को बेहतर लाभ प्राप्त होगा। भगवान विष्णु की पूजा अराधना करना आपके लिए शुभदायक होगा।

19 नवंबर को देश में कई जगह गोपाष्टमी की पूजा होगी। गोपाष्टमी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनायी जाती है। विशेषकर यह त्यौहार बृज के लोग मनाते हैं। आज के दिन गाय की पूजा उसकी रक्षा के उद्देश्य से की जाती है। इस दिन लोग गाय और उसके बछड़े को नहलाकर उसकी सींग में घी लगाते है और उसके बाद माथे पर तिलक लगा, गुड़ खिलाकर आरती उतारते हैं।

उपरोक्त जानकारियों के साथ हम आशा करते हैं कि आपको पूरी जानकारी देने में हम कामयाब हों, फिर भी यदि कोई कमी रह गई हो तो हमें ज़रूर सूचित करें। आपके सुझावों से हमें और बेहतर करने की प्रेरणा मिलती है।

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