ब्रिटिश शाही परिवार का उत्तराधिकारी

पंडित हनुमान मिश्रा
राजकुल में जन्म लेकर भी राजाओं जैसे योग वाली नहीं है प्रिंस विलियम के लाडले की कुण्डली!!
प्रिंस विलियम की पत्नी केट मिडलटन ने 22 जुलाई 2013 को भारतीय समयानुसार सोमवार रात 9:54 बजे वेस्ट लंदन के सेंट मैरीज अस्पताल में बेटे को जन्‍म दिया है। यहां विशेष बात यह है कि 31 साल पहले राजकुमारी डायना ने अस्पताल में प्रिंस विलियम को जन्म दिया था। हालांकि ज्योतिष जगत से जुडे लोगों के लिए यह इत्तिफ़ाक बहुत उल्लेखनीय नहीं है लेकिन यह सुखद घटना लंदन वासियों के लिए जरूर उल्लेखनीय है।

पूरा ग्रेट ब्रिटेन शाही परिवार के नए सदस्य का स्वागत कर रहा है और खुशियां मना रहा है। हमारे भारतवर्ष के लोग भी इस संदर्भ में अधिक से अधिक जानकारियां खोजने में लग गए हैं। करें भी क्यों न हम सभी तो “वसुधैव कुटुम्बकम” की अवधारणा पर विश्वाश करने वालों में से हैं। हमारे पाठकों की जिज्ञासा को शांत करने का दायित्त्व हम पर भी है अत: प्रिंस विलियम और केट मिडलटन के लाडले की कुण्डली पर चर्चा करना स्वाभाविक है।

जन्म तारीख: 22 जुलाई 2013
जन्म समय:  16:24 BST
जन्म स्थान:  Paddington, West London

उपरोक्त विवरण के आधार पर वृश्चिक लग्न की कुण्डली बन कर सामने आ रही है।


वृश्चिक लग्न में जन्म होने के कारण बालक सामान्य कद काठी वाला होगा। रंग गोरा, नेत्र चमकदार और बाल सघन होंगे कुल मिलाकर राजकुमार का व्यक्तित्व आकर्षक होगा। लेकिन वृश्चिक लग्न और ऊपर लग्नेश का अष्टम में होना इन्हें दम्भी व हठी भी बना सकता है। लग्नेश के अष्टम में होने के कारण बालक को स्वाथ्य से सम्बंधित परेशानियां भी रह सकती हैं। इन्हें गले, छाती, गर्मी, वायु तथा कब्ज जैसे रोगों का भय रहेगा। क्रोध जल्दी आएगा और इनके स्वभाव में बड़बोलापन अधिक रहेगा।

द्वादस भाव में स्थित शनि भी इसी बात का संकेत कर रहा है कि भले ही इनकी बातों में सच्चाई रहे लेकिन इनकी भाषाशैली से लोगों के आहत होने की प्रबल संभावना बन रही है। यह युवराज कई बार अपनी विवादित छवि के कारण चर्चा का विषय बनेगा। इनके दाम्पत्य जीवन की कलह भी जगजाहिर होगी। फ़िर भी बड़े घर में जन्म होने के कारण जीवन विलासितापूर्ण बना रहेगा। ये अपने अनुशासन के लिए भी चर्चित होंगे  इनकी जान पहचान का क्षेत्र काफी बड़ा होगा।

यदि इनकी कुंडली में स्थित योगों की बात की जाय तो कुंडली में कई शुभ योग उपस्थित है लेकिन साथ ही कुछ अशुभ योग भी हैं। आइए एक एक करके उनके बारें जानें-

मुसल योग: इस योग वाला जातक मानी ज्ञानी, राजप्रिय, धन सम्पत्ति से युक्त, विख्यात और स्थिर स्वभाव का होता है लेकिन जातक जिद्दी और शीघ्र निर्णय लेने में असमर्थ होता है।

पाश योग: इस योग वाला जातक बहुत बोलने वाला, प्रपन्ची, शील रहित, अनेक सेवक तथा विशाल परिवार वाला होता है।

अधम योग: ऐसे जातक को शुभ फलों की प्राप्ति में बाधा आती है।

उभयचर योग: इस योग वाला जातक विभिन्न प्रकार के सुखों का उपभोग करता है और बड़े सम्राज्य का अधिकारी होता है।

केन्द्र त्रिकोण राजयोग: राजसी सम्मान, सभी प्रकार के वैभवों की प्राप्ति होती है।

इसके अलावा विपरीत राजयोग संज्ञक योग हर्ष और सरल योग भी इस कुण्डली में उपस्थित हैं अत: सारांश यह निकल रहा है कि निसंदेह जातक को बहुत सारे राजसी सुखों के भोगने का मौका मिलेगा लेकिन इनका जीवन बहुत सरल नहीं होगा। जीवन में कई बार विसंगतियों का सामना करना पड़ेगा।

नवम्बर 2014 तक का समय इनके स्वास्थ्य के लिए अधिक अनुकूल नहीं है। लेकिन पिता के स्थान में बैठे पिता के कारक सूर्य की दशा में पैदाइस फ़िलहाल पिता के लिए शुभ संकेत कर रही है।

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