आज बेहद शुभ संयोग के साथ आई है शनि जयंती। इस बार शनि जयंती और सोमवती अमावस्या का योग एक ही दिन पड़ रहा है जो आपके जीवन से हर मुश्किल का अंत कर देगा। ऐसे में शनि संबंधी दोषों से छुटकारा न मिले ऐसा तो हो ही नहीं सकता। तो पढ़िए इस लेख को और जानिए उन उपायों को।
शनि ग्रह ज्योतिष के मुताबिक नौ मुख्य ग्रहों में से एक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार शनि के जन्म के विषय में काफ़ी कुछ बताया गया है। शनि देव का जन्म ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या को हुआ था इसलिए इस दिन शनि जयंती मनाई जाती है। शनि देव को खुश करने से व्यक्ति को परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है।
शनि जयंती का पौराणिक महत्व
पौराणिक कथाओं के मुताबिक सूर्य देव का विवाह संज्ञा से हुआ था जिनसे उन्हें तीन संतानें हुईं। संज्ञा ज़्यादा वक़्त तक सूर्य के तेज़ को सहन नहीं कर सकी और अपनी छाया को पति की सेवा में छोड़कर चली गर्ईंं। बाद में छाया से शनि देव का जन्म हुआ। जन्म के समय शनि देव काले रंग, लंबे शरीर, बड़ी आंखों वाले और बड़े केशों वाले थे।
जिन लोगों की साढ़े साती, शनि की दशा, महादशा, अंतरदशा चल रही है, उनके लिए दान का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। शनि के प्रकोप से वात, कफ रोग, कैंसर जैसे रोग होने लगते हैं। शनिदेव की कृपा किसी जातक पर हो जाए तो उसे विजय, धन, सुख, और आरोग्यता की प्राप्ति होती है।
शनि देव जयंती पर इन 5 उपायों द्वारा पाएँ कष्टों से छुटकारा
- शनि यंत्र की स्थापना करके उसका पूजन करना अति फलदायक माना गया है। रोज़ाना इस यंत्र की विधिपूर्वक पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
- सूर्यास्त के बाद हनुमानजी की पूजा करना अच्छा कहा गया है। पूजन में सिंदूर, तेल, और नीले रंग के फूल का प्रयोग करें। इस उपाय का उपयोग आप हर शनिवार कर सकते हैं।
- पाँच लोहे की वस्तुएँ, अन्न, और तेल आज के दिन निर्धन व ज़रूरतमंद व्यक्ति को दान में अवश्य दें।
- भोजन में तिल के लड्डू, उड़द की दाल, मीठी पूड़ी बनाकर शनिदेव को भोग लगाएँ। गाय, कुत्ते, व कौओं को खिलाएँ और खुद भी ग्रहण करें।
- सोमवार के दिन चाँदी की कटोरी में खीर को छत पर रखने से सभी कष्टों से छुटकारा मिल सकता है।
इसके अलावा हम आपको कुछ बेहद सरल उपाय बताने जा रहे हैं, जिनसे शनि जयंती पर शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए आपको और मदद मिलेगी - शनि के प्रकोप से बचने के ५ सरल उपाय जानें अभी
इस बार सोमवती अमावस्या का भी है संयोग
सोमवार के दिन जब भी अमावस्या का योग बनता है तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। शादीशुदा महिलाओं के द्वारा इस दिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखना अच्छा माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से गौ दान के बराबर का फल मिलता है। सोमवार को भगवान शिव जी का दिन भी माना जाता है, और सोमवती अमावस्या तो वैसे भी शिव जी को समर्पित है। इस दिन नदियों में स्नान को काफ़ी पवित्र माना गया है। ऐसा प्रचलित है कि महाभारत में भीष्म ने युधिष्ठिर को इस दिन का महत्व समझाते हुए कहा था, ‘आज के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने वाला मनुष्य स्वस्थ और सभी प्रकार के कष्टों से मुक्त रहेगा।
यदि आपके मन में इस दिन को लेकर कोई और सवाल है तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिख दीजिए।
आपको शनि जयंती और सोमवती अमावस्या की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
Mujhe apne business ke sambandh me jankari chaiye mera vyapar is samay accha nahi chal raha hai. Meri detail hai. Dob-23 Jan 1986,time -04.21 am;agra
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