बुद्ध पूर्णिमा पर जानिए खुशहाल जीवन के 5 नियम

भगवान बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति, और महानिर्वाण - यह तीनों एक ही दिन यानि पूर्णिमा के दिन ही हुए थे। ऐसा किसी अन्य महापुरुष के साथ आज तक नहीं हुआ है। उन्होंने अहिंसा और शांति का मार्ग अपनाते हुए मानवता को प्रेम से रहने की शिक्षा दी थी। आइये जानते हैं आज बुध पूर्णिमा पर भगवान बुद्ध की वो शिक्षा जिन्हें अपना कर आप अपनी ज़िन्दगी में सफलता की नई सीढ़ियां चढ़ेंगे। पढ़िए यह लेख… 

Buddha Purnima par safalta pane ke 5 tarike janiye abhi


वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इसी दिन उन्हें बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और इसी दिन उन्होंने अपना शरीर त्यागा था अथवा निर्वाण प्राप्त किया था। इसलिए इस दिन को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। 


बुद्ध के बताए हुए जीवन जीने के 5 नियम 


किसी भी प्रकार की बुरी आदत हमें अपने मार्ग से भटकाती है और गलत कार्य करने को प्रेरित करती है। भगवान बुद्ध ने अपनी शिक्षाओं में इन सारी चीज़ों से दूर रहने को कहा है। 

  1. पाणातिपाता वेरमाणी सिक्खापदं समादियामि। (हत्या न करें)
  2. आदिन्नादाना वेरमाणी सिक्खापदं समादियामि। (चोरी न करें)
  3. कामेसु मिच्छाचारा वेरमाणी सिक्खापदं समादियामि। (काम-वासना से दूर रहें)
  4. मुसावदा वेरमाणी सिक्खापदं समादियामि। (झूठ-फ़रेब में न फसें) 
  5. सुरा मेरिय मज्जपमादट्ठाना वेरमाणी सिक्खापदं समादियामि। (किसी भी प्रकार का नशा न करें)

हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि गौतम बुद्ध भगवान विष्णु के नौवें अवतार हैं। इस वजह से हिन्दुओं के लिए भी यह दिन काफ़ी पवित्र माना गया है। बौद्ध धर्म के अनुसार आज के दिन भगवान बुद्ध की पूजा की जानी चाहिए। उसके अलावा बौद्ध धर्म में ग्रंथों का पाठ भी होता है। बौद्ध धर्म के अनुयायी आज घरों को सजाते हैं और पूरे घर में दीपक जला कर रौशनी करते हैं। 

बुद्ध पूर्णिमा के साथ जुड़ी कुछ पौराणिक घटनाएँ 


आज वैशाख पूर्णिमा भी है जो एक बेहद पवित्र तिथि मानी गई है। आज के दिन दान-पुण्य और धर्म-कर्म के अनेक कार्य किए जाते हैं। आज के दिन मिठाई, सत्तू, वस्त्र दान देने और पितरों को संतुष्ट करने से अनंत पुण्य की प्राप्ति हो सकती है। 

‘सत्य विनायक पूर्णिमा’ भी आज के दिन ही मनाई जाती है। श्री कृष्ण के बचपन के मित्र सुदामा जब द्वारिका उनसे मिलने पहुंचे तो उनकी ग़रीबी को देखकर श्री कृष्ण ने उनको सत्य विनायक व्रत का विधान बताया था। इस व्रत के प्रभाव से सुदामा की सारी दरिद्रता दूर हो गई और वह धनवान और सर्वसुख संपन्न हो गए थे। 

बुद्ध पूर्णिमा/वैशाख पूर्णिमा पर किए जाने वाले पुण्य कर्म और उनसे होने वाली प्राप्ति 


  • पांच या सात ब्राह्मणों को मीठे तिल का दान देने से सब पापों का अंत हो जाता है। 
  • आज के दिन एक ही वक़्त खाना खाकर सत्यनारायण का व्रत करें तो सुख और संपत्ति की प्राप्ति होती है। 

भगवान बुद्ध अपने जीवन में सत्य, अहिंसा और मानवता के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने सभी को शांति से रहने का संदेश दिया। आइए भगवान बुद्ध के सभी संदेशों और शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारें और अपने जीवन को सफल बनाएँ। 

आप सभी को बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएँ 

आपका दिन शुभ रहे

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