इस बार चैत्र नवरात्रि में द्वितीया और तृतीया दोनों एक ही दिन यानी 9 अप्रैल को मनाई जाएँगी। चलिए अब हम आपको इस लेख के ज़रिए दोनों तिथियों और मुहूर्त के बारे में बताते हैं।
चैत्र नवरात्रि 2016: द्वितीया-तृतीया तिथि का पंचांग
द्वितीया तिथि: 8 अप्रैल दोपहर 1:07:02 से 9 अप्रैल सुबह 09:24:30 बजे तक
तृतीया तिथि: 9 अप्रैल सुबह 09:24:31 बजे से 10 अप्रैल प्रातः 05:57:34 बजे तक
नोट: ऊपर दिया गया समय दिल्ली के लिए है। अपने शहर का शुभ समय जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें: एस्ट्रोसेज दैनिक पंचांग
तृतीया तिथि का आरंभ 9 अपैल को 09:24:31 बजे हो रहा है और इसकी समाप्ति 10 अप्रैल को प्रातः 05:57:34 बजे होगी। ऐसी स्थिति में तृतीया तिथि के दिन की जाने वाली माँ चंद्रघण्टा की पूजा द्वितीया तिथि के दिन ही होगी। अतः 9 अप्रैल को देवी ब्रह्मचारिणी और देवी चंद्रघण्टा दोनों की पूजा होगी।
माँ ब्रह्मचारिणी और देवी चंद्रघण्टा के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें: ब्रह्मचारिणी और चंद्रघण्टा
गंगौर पूजा
9 अप्रैल को गंगौर पूजा भी की जाएगी। इसे गौरी तृतीया या गौरी पूजा के नाम से भी जाना जाता है। यह उत्तर भारत (विशेषकर राजस्थान) के कई क्षेत्रों में धूम-धाम से मनाई जाती है।
चेटीचंड/झूलेलाल जयंती
इसी दिन यानी 9 अप्रैल को संत झूलेलाल के जन्मदिन के उपलक्ष्य में चेती चाँद या झूलेलाल जयंती मनाई जाएगी। सिंधी लोगों के बीच यह नववर्ष का प्रतीक है। चैत्र माह के दूसरे दिन को चेटीचंड के रूप में जाना जाता है। यह भारत के साथ-साथ पाकिस्तान में भी लोकप्रिय है।
उपरोक्त जानकारियों से हम आशा करते हैं आपको माँ ब्रह्मचारिणी और चंद्रघण्टा की असीम कृपा प्राप्त होगी।
नवरात्रि की ढेरों शुभकामनाएँ!
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