पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ़ को स्थापित करने वाले इमरान ख़ान पाकिस्तान ही नहीं बल्कि दुनिया भर में एक जाना-माना नाम हैं। उन्होंने पाकिस्तान को क्रिकेट विश्व-कप जितवाकर एक नई ऊँचाई पर पहुँचाया। 1992 में पाकिस्तान टीम ने जब विश्वकप जीता तब कोई भी पाकिस्तान को उस दौड में नहीं मानता था। यह इमरान ख़ान का नेतृत्व ही है जिसने पाकिस्तान की सामान्य-सी टीम को बड़ी-बड़ी टीमों को परास्त करने का हौसला दिया और विश्व कप में जीत दिलाई।
पाकिस्तान क्रिकेट को ऊँचाइयों पर पहुँचाकर 1996 में इमरान ख़ान ने तहरीक-ए-इ्ंसाफ़ नाम की पार्टी का गठन किया। उनकी स्वयं की प्रसिद्धी के बावजूद शुरुवात में उन्हें कुछ ख़ास सफलता नहीं मिली। अब 2013 में पाकिस्तान में फिर चुनाव हैं और यह देखना होगा कि अब उनकी पार्टी को कितनी सफलता मिलती है। उससे पहले आइये एक नज़र डालते हैं इमरान ख़ान की कुण्डली पर -
कुण्डली पर नज़र डालने पर कई योग परिलक्षित होते हैं। साहस का कारक मंगल लग्नेश और ऊर्जा का कारक सूर्य लग्न में है जो इमरान खान को साहसी और ऊर्जावान व्यक्तित्व देते हैं। लग्नेश मंगल का उच्च होना और उपाच्य भाव में स्थित होना कुण्डली को बहुत ही शक्ति प्रदान करता है। मंगल और तृतीय भाव का खेल में सफलता के लिए विशेष महत्व है। उच्च के मंगल का राहु के साथ तृतीय भाव में होना एक महान खिलाड़ी की कुण्डली दिखाता है। साथ ही तृतीयेश या चतुर्थेश शनि का उच्च एवं वर्गोत्तम होना शक्तिशाली राजयोग का निर्माण करता है। बारहवें भाव में शनि शत्रुओं पर विजय दिलाता है। मंगल ने जहाँ उन्हें खिलाड़ी बनाया, वहीं शनि ने उन्हें एक विजेता बनाया। मंगल ने जहाँ उन्हें ख़ुद को हमेशा प्रेरित रखने की सीख दी, वहीं शनि ने टीम को प्रेरित करना सिखाया।
सूर्य ग्रह मण्डल का राजा है और उसकी लग्न पर स्थिति ने ही उन्हें कप्तान बनाया। लग्नेश मंगल होने के कारण उन्होंने टीम को ऐसी लीडरशिप दी जो शायद ही पाकिस्तानी क्रिकेट के इतिहास में कोई दे पाया हो। इसमें कोई शक नहीं की इमरान पाकिस्तान क्रिकेट के सबसे सफल कप्तान हैं। मंगल सूर्य की इतनी शक्तिशाली स्थिति की वजह से ही वे पाकिस्तान की बिखरी हुई टीम को न सिर्फ एकजुट कर सके, परन्तु उन्हें विश्वविजेता बना सके।
सूर्य सरकार का भी कारक है। सूर्य का लग्न में होना उन्हें सरकार के करीब भी लाता है। कभी कभी यह स्थिति उन्हें थोड़ा घमण्ड भी देती है जो कि राजनीतिक सफलता के लिए अच्छा नहीं है। अन्यथा यह स्थिति बहुत ही उत्तम है। उनका चंद्र भी नवमेश होकर चतुर्थ में स्थित होकर पाराशरीय राजयोग का निर्माण कर रहा है। सूर्य और लग्न की उत्तम स्थिति उनके राजनीतिक जीवन की ओर संकेत देते हैं।
जैसा कि किसी भी कुण्डली में होता है, हर कुण्डली में कुछ न कुछ परेशानियां होती ही हैं। हर इंसान को ग्रहों के अच्छे और बुरे दोनों प्रभावों को जीना ही पड़ता है। उदाहरण के तौर पर विवाह का कारक शुक्र कुण्डली में विवाह के भाव का स्वामी भी है। ऐसा शुक्र न सिर्फ नीच नवांश का है बल्कि पाप ग्रहों के मध्य है यानि कि पापकर्तरी दोष से ग्रस्त है। साथ ही शुक्र पर शनि की दृष्टि भी है। इसलिए इसमें कोई आश्चर्य नहीं की इमरान खान को अपने वैवाहिक जीवन में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा। शुक्र विदेश के बारहवें घर का स्वामी भी है और बारहवें घर में बैठे शनि से देखा जा रहा है। इसलिए इमरान का विवाह विजातीय और दूसरे देश की महिला से हुआ। शुक्र के कमज़ोर होने की वजह से दुर्भाग्यवश यह विवाह ज़्यादा सफल न हो सका।
ख़ैर, 2013 का समय पाकिस्तान की राजनीति और इमरान ख़ान दोनों के लिए ही बहुत महत्वपूर्ण है। अपनी वर्तमान सरकार में पाकिस्तान ने अपने सबसे बुरे समय को देखा है और पाकिस्तान के लोग इमरान ख़ान से बहुत उम्मीद रखते हैं। ज़रा देखेते हैं कि राजनीति के दृष्टिकोण से इमरान का समय कैसा चल रहा है। 1997 में इमरान की पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली। उस समय चर दशा के हिसाब से मेष राशि की दशा चल रही थी। मेष राशि छठवें भाव में पड़ी है और वहाँ गुरु स्थित है। गुरु शनि ओर मंगल दो पाप ग्रहों से दृष्ट होने की वजह से बहुत कमज़ोर है। कोई आश्चर्य नहीं की उनकी पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली। उस समय तुला की अन्तर्दशा भी चल रही थी जो कि बारहवें भाव में स्थित है।
2002 में दूसरे चुनाव में उन्हें काफी उम्मीदें थीं। लेकिन उस समय मीन राशि की दशा चल रही थी। मीन राशि में ग्रह नहीं होने के कारण कमजोर है और साथ ही मीन राशि का स्वामी भी बहुत कमजोर है। 2002 में उनकी पार्टी नें सिर्फ एक सीट जीती वह भी उनकी स्वयं की।
अब 2013 के चुनाव के वक्त उनकी कुंभ की दशा चल रही होगी। कुंभ राशि चतुर्थ भाव में स्थित है और चंद्र भी उस राशि में है। कुंभ का स्वामी शनि न सिर्फ उच्च है बल्कि वर्गोत्तम भी है। इतनी शक्तिशाली कुण्डली इमरान ख़ान और तहरीक-ए-इंसाफ़ की जीत की ओर इशारा करती है। शनि की वजह से उन्हें जनता का व्यापक समर्थन मिलेगा। जो भीड़ और जनसमर्थन इमरान को मिलेगा वह पाकिस्तान के लिए अप्रत्याशित होगा। ग्रह इमरान को प्रधानमंत्री पद के सबसे प्रबल दावेदान बताते हुए प्रतीत होते हैं।
2013 का समय इमरान के लिए सबसे उत्तम समय में से एक है। हालांकि 2013 का अन्त आते आते इमरान की परेशानियां भी बढ़ती जाएंगी। परन्तु अभी 2013 के शुरुवात का समय है इसलिए 2013 के बाद की चर्चा अभी नहीं करेंगे।
इस लेख को में यह कहते हुए खत्म करना चाहूंगा कि इमराम में भविष्य का पाकिस्तान का प्रधानमंत्री नजर आता है। इमरान पाकिस्तानी जनता की 2013 में पहली पसंद होंगे और यह पाकिस्तान के लिए नया इतिहास गढेगा। इमरान खान और उनकी पार्टी तहरीक ए इंसाफ़ को शुभकामनाएँ देना चाहूंगा ओर उम्मीद करूंगा की वे पाकिस्तान को तरक्की के पथ पर लेकर जाऐंगे और भारत पाकिस्तान के रिश्ते मज़बूत करने का भी प्रयास करेंगे।
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