सूर्य का मिथुन राशि में गोचर (जून 15, 2014) - क्या होंगे आप पर इसके प्रभाव

सूर्य जून 15 2014, को मिथुन राशि में प्रवेश कर रहा है। सूर्य का यह गोचर आपके जीवन पर कोई न कोई प्रभाव डालने वाला होगा। कैसे होंगे यह प्रभाव? इनके बारे में ज़्यादा जानते हैं पं हनुमान मिश्रा जी से।

Mithun Raashi mein Surya ka pravesh aur raashiyon par uska prabhaav.

15 जून 2014 की सुबह 11:02 पर सूर्य मिथुन राशि में जा रहे हैं और 16 जुलाई 2014 तक मिथुन राशि में ही रहेंगे। सूर्य के इस गोचर के प्रभाव से भारत के उत्तर और पूर्व के राज्यों में राजनैतिक उथल पुथल देखने को मिल सकती है, विशेष कर उत्तर प्रदेश और बिहार अधिक प्रभावी रह सकते हैं। वहीं दक्षिणी राज्यों में बच्चों को कष्ट और कुछ विवादास्पद स्थितियां देखने को मिल सकती हैं। पश्चिमी राज्यों में शांति रहने की उम्मीद है। इसका विभिन्न राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा आइए जानते हैं -
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सूर्य के इस गोचर का विभिन्न राशियों पर क्या असर होगा आइए जानते हैं-

मेष: सूर्य आपके तीसरे भाव में रहेगा, अत: आपके घरेलू जीवन में सुख शांति रहने की उम्मीद है। बड़े दिनों से आप जिन कामों को पूरा नहीं कर पा रहे थे शायद आपकी लगन और मेहनत की वजह से वो काम अब पूरे हो जाएँ। धन लाभ के समाचार प्राप्त करेंगे। पारिवारिक मित्रों और रिश्तेदारों से सामाजिक संबंध और अच्छे होंगे। इस काल में स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। घूमने के मौके मिलेंगे। छोटी यात्राएं भाग्यशाली सिद्ध होंगी और सुखद रहेंगी।

वृषभ: सूर्य आपके दूसरे भाव में रहेगा, अत: आर्थिक मामलों के लिए समय अनुकूल नहीं है। इसलिए धन संबंधी मामलों में काफी सचेत रहने की आवश्यकता है। पारिवारिक जीवन भी प्रभावित रह सकता है। आंखों और मुंह की कोई बीमारी आपको कष्ट दे सकती है। इस समय वाणी पर विशेष संयम रखने की आवश्यकता बनी रहेगी।

मिथुन: सूर्य आपके प्रथम भाव में रहेगा, अत: आपमें क्रोध की अधिकता रह सकती है। बुखार या तापमान से सम्बंधित कोई कष्ट आपको मिल सकता है लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र या सरकार के द्वारा आपको लाभ मिल सकता है। छोटी यात्राएं हो सकती हैं। यदि आपने मेहनत की है तो सफ़लता जरूर मिलेगी। सामाजिक संस्थानों को आप खुलकर दान देंगे। फलस्वरूप आपके मान सम्मान में इजाफ़ा होगा।

कर्क: सूर्य आपके द्वादस भाव में है, अत: खर्चे बढ़े रहेंगे। आप क्षणिक उन्माद में कोई काम न करें। क्योंकि गलत निर्णय के कारण आपका नुकसान भी हो सकता है। व्यापार में समझदारी से काम न लेने की स्थिति में नुकसान हो सकता है। अत: संयम और समझदारी से काम लेते रहें। मित्रों और रिश्तेदारों से संबंध मधुर रखें, अन्यथा आपस में तनाव पैदा हो सकता है। सट्टेबाजी जैसे कामों से भी बचें अन्यथा आर्थिक हानि उठानी पड़ सकती है। यथा संभव दूर की यात्राओं से बचें।

सिंह: सूर्य आपके लाभ भाव में है, अत: आपकी इच्छाएं व महत्वाकांक्षायें पूरी होंगी। बड़े लोगों और उच्चाधिकारियों से आपके संबंध मजबूत होंगे। आप मित्रों और रिश्तेदारों से सहायता पायेंगे। आमदनी में अच्छी खासी वृद्धि होगी। लम्बी यात्राएं सुखद व सफलदायक सिद्ध होगी। इस समय के सौदे सफलदायक सिद्ध होंगे। अनुबन्धों और समझौतों से आपको प्रचुर लाभ मिलेगा। प्रेम एवम् प्रणय संबंधों के लिये भी यह एक श्रेष्ठ समय है लेकिन क्रोध से बचना जरूरी होगा।

कन्या: सूर्य का गोचर आपके दसम भाव में है, अत: सब लिहाज से यह समय काफी संतोषप्रद सिद्ध होगा। यह गोचर न केवल आपके मान सम्मान में बढो़त्तरी करवा सकता है अपितु आर्थिक समस्याओं से छुटकारा भी दिला सकता है। इस अवधि में आप व्यापार या नौकरी में सफलता प्राप्त करेंगे और अपने वरिष्ठ अधिकारियों के कृपाभाजन रहेंगे। व्यापार के कारण सफलदायक यात्राएं करेंगे। इस अवधि में आप बहुत क्रियाशील एवम् व्यस्त भी रहेंगे। यह समय आपकी कर्मठता का समय सिद्ध होगा।

तुला: सूर्य आपके नवम भाव में है अत: इस अवधि में मिले जुले फल मिलेंगे। धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण स्थलों का भ्रमण करेंगे। उच्च पद प्रतिष्ठा प्राप्त लोगों से भेंट होगी और उनकी कृपा रहेगी। साख अच्छी रहने से काम भी खूब मिलेगा। रूपये पैसे के लिहाज से भी यह समय अच्छा है। लेकिन लम्बी यात्राएं सफलदायक नहीं रहेंगी। माता पिता का स्वाथ्य कमजोर रह सकता है। अत: विशेषकर पिताजी के स्वास्थ्य का खयाल जरूरी होगा।

वृश्चिक: सूर्य आपके अष्टम भाव में है, यह गोचर की अच्छी स्थिति नहीं मानी गई है, अत: अचानक समस्यायें खड़ी हो सकतीं हैं। इस समय वाहन आदि चलाते समय विशेष सावधानी जरूरी होगी। स्वास्थ्य का ख्याल रखें। संबंधियों से व्यवहार अच्छा रखें। अनैतिक कार्यों तथा सन्देहास्पद सौदों से बचें। महत्वपूर्ण कागजों पर दस्तखत करने से पहले कागज अच्छी तरह पढें।

धनु: सूर्य आपके सप्तम भाव में है, यहां पर सूर्य के गोचर को अच्छा नहीं माना गया है। यह आपके दैनिक रोजगार और दाम्पत्य जीवन का भाव है। अत: घरेलू मामले विशेषकर जीवन साथी के साथ विवाद करने से बचें। इस समय कड़ी मेहनत का अच्छा फल नहीं मिलेगा। व्यवसायिक या व्यापार के साथी नुकसान करेंगे अथवा आपके लिये समस्यायें पैदा कर देंगे। आप मानसिक रूप से तनावग्रस्त या बीमार भी हो सकते हैं। अत: स्वास्थ्य का खयाल रखें।

मकर: सूर्य का गोचर आपके छठे भाव में है अत: इस अवधि में आप जो भी करेंगे उसमें सफल रहेंगें। विवादों में विजय मिलेगी। काम सफल होगा और नौकरी करने के हालातों में सुधार भी होगा। प्रतिष्ठा एवम् पद वृद्धि की संभावना है। आपको मान्यता मिलेगी और पदोन्नति भी। सम्मान एवम् साख भी प्राप्त करेंगे। समस्याओं का समाधान होता रहेगा। यद्यपि सभी हिसाब से यह एक सफलतादायक समय रहेगा फिर भी अदालती मामलों के लिए तो विशेषकर अच्छा रहेगा।

कुम्भ: सूर्य का गोचर आपके पंचम भाव में है, यहां पर सूर्य के गोचर को बहुत अच्छा नहीं माना गया है अत: इस अवधि में आप जीवन का बड़े उत्साह और उल्लास से स्वागत तो करेंगे लेकिन प्रणय प्रेम संबंधों के लिये यह समय श्रेयस्कर नहीं है। लेकिन यदि आप अपने प्रेम संबंध को विवाह का स्वरूप देना चाह रहे हैं तो समय आपके लिए मददगार हो सकता है। अचानक यात्रा की संभावना भी हो सकती है। बहुत अधिक सोच विचार हानिकर हो सकता है इसलिये इससे बचें।

मीन: सूर्य का गोचर इस समय आपके चौथे भाव में है, अत: माता पिता का स्वास्थ्य आपको चिन्ता ग्रस्त रख सकता है। अत: इस समय विशेषकर माता जी के स्वास्थ्य का खयाल जरूरी होगा। इस अवधि में आपको मेहनत करनी पड़ेगी, जो आप कर नहीं पायेंगे। लगातार किया गया कड़ा परिश्रम आपको जल्दी थका सकता है। इस समय आपको चाहिए कि वाहन बहुत तेजी से न चलाएं।

पं हनुमान मिश्रा

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