क्या आपके परिवार में सुख-शांति की कमी है? व्यवसाय में वृद्धि नहीं हो रही है? कहीं आपकी कुण्डली में कालसर्प दोष तो नहीं है? जानने के लिए पढ़ें विस्तार से।
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नागपंचमी का त्यौहार श्रावण के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। इस दिन नाग की पूजा करने की परंपरा है। नागपंचमी से जुड़ी बहुत सारी कथाएँ हैं,जिसे आप सभी लगभग जानते ही होंगे, लेकिन नागपंचमी के दिन कालसर्प दोष का निवारण कैसे करें? यह कितने प्रकार का होता है? इससे आप शायद ही भलिभाँति परिचित होंगे। आइए जानते हैं कालसर्प दोष के बारे में विस्तार से।
कई लोगों द्वारा कालसर्प दोष को बहुत ख़तरनाक दोष माना गया है। उनका मानना है कि कालसर्प दोष के कारण इंसान की ज़िन्दगी में काफ़ी परेशानियाँ आ सकती हैं। जैसे - नौकरी-व्यवसाय में घाटा, घर में सुख शांति की कमी, विवाह में रूकावट, अत्यधिक बीमार रहना, अक्सर दुर्घटना का होना इत्यादि। जब जातक की कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच होते हैं तब कालसर्प दोष लगता है। हालाँकि, एस्ट्रोसेज का मानना है कि कालसर्प योग किसी भी अन्य योग की ही तरह है और सिर्फ़ इस योग के होने से कुण्डली में कोई ख़ास फ़र्क़ नहीं पड़ता है। इसलिए इससे अधिक घबराने की आवश्यकता नहीं है।
सावन के महीने में चारों तरफ बारिश का पानी भर जाता है जिससे साँपों को बिल से बाहर निकलना पड़ता है। इस समय किसान भी खेतों में हल जोतते हैं, जिससे खेतों में कीड़ों के साथ-साथ साँपों का भी ख़तरा रहता है। इसी भय के कारण लोग नाग देवता की पूजा करते हैं।
वैसे साँपों को दूध पिलाने की परम्परा है, लेकिन सच तो ये है कि साँप दूध पीते ही नहीं। बल्कि ये दूध उन्हें विवश होकर पीना पड़ता है, जो इनके लिए ज़हर साबित होता है।
भारत के लगभग सभी हिस्सों में नाग की पूजा आम बात है। लेकिन भारत के अलावा कुछ और देश ऐसे हैं जहाँ साँपों की पूजा श्रद्धा-पूर्वक की जाती है।
एस्ट्रोसेज की तरफ़ से नागपंचमी की ढेर सारी शुभकामनाएँ।
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नागपंचमी का त्यौहार श्रावण के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। इस दिन नाग की पूजा करने की परंपरा है। नागपंचमी से जुड़ी बहुत सारी कथाएँ हैं,जिसे आप सभी लगभग जानते ही होंगे, लेकिन नागपंचमी के दिन कालसर्प दोष का निवारण कैसे करें? यह कितने प्रकार का होता है? इससे आप शायद ही भलिभाँति परिचित होंगे। आइए जानते हैं कालसर्प दोष के बारे में विस्तार से।
- नागपंचमी से एक दिन पूर्व देश में कई जगहों पर नाग-चतुर्थी का व्रत भी श्रद्धा-पूर्वक किया जाता है।
- नागपंचमी के दिन कालसर्प दोष का निवारण भी किया जाता है।
- कालसर्प दोष अलग-अलग लोगों की कुण्डली में अलग-अलग प्रकार का होता है।
- शास्त्रों में 12 प्रकार के कालसर्प दोष का वर्णन किया गया है।
क्या है कालसर्प?
कई लोगों द्वारा कालसर्प दोष को बहुत ख़तरनाक दोष माना गया है। उनका मानना है कि कालसर्प दोष के कारण इंसान की ज़िन्दगी में काफ़ी परेशानियाँ आ सकती हैं। जैसे - नौकरी-व्यवसाय में घाटा, घर में सुख शांति की कमी, विवाह में रूकावट, अत्यधिक बीमार रहना, अक्सर दुर्घटना का होना इत्यादि। जब जातक की कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच होते हैं तब कालसर्प दोष लगता है। हालाँकि, एस्ट्रोसेज का मानना है कि कालसर्प योग किसी भी अन्य योग की ही तरह है और सिर्फ़ इस योग के होने से कुण्डली में कोई ख़ास फ़र्क़ नहीं पड़ता है। इसलिए इससे अधिक घबराने की आवश्यकता नहीं है।
नोट - यदि आप भी जानना चाहते हैं कि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है या नहीं और यदि है तो कौन-सा, तो यहाँ क्लिक करें - कालसर्प दोष रिपोर्ट
कालसर्प दोष के प्रकार और उसके निवारण के उपाय
- कुलिक कालसर्प दोषः दो रंगों वाला कंबल और गर्म वस्त्र दान करें।
- वासुकि कालसर्प दोषः नागपंचमी के दिन लाल धागे में तीन रूद्राक्ष (आठ, तीन और नौ मुखी) धारण करें।
- अन्नत कालसर्प दोषः नागपंचमी के दिन एकमुखी, आठमुखी या नौ मुखी रूद्राक्ष धारण करें।
- तक्षक कालसर्प दोषः नागपंचमी के दिन 11 नारियल को बहते हुए जल में प्रवाहित करें। चावल का दान करें।
- कर्कोटक कालसर्प दोषः नागपंचमी के दिन बटुकभैरव मंदिर जाकर पूजा करें और भोग लगाएं। इस दिन शीशे के 8 टुकड़े नदी में प्रवाहित करें।
- शंखचुड़ कालसर्प दोषः नागपंचमी के दिन आठमुखी, नौमुखी रुद्राक्ष पहनें।
- महापद्म कालसर्प दोषः नागपंचमी के दिन हनुमान मंदिर में सुंंदरकांड का पाठ करें।
- शंखपाल कालसर्प दोषः दूध से रुद्राभिषेक करें।
- पद्म् कालसर्प दोषः नागपंचमी से प्रारंभ कर 40 दिनों तक सरस्वती चालिसा का पाठ करें। पीले वस्त्र का दान करें।
- घातक कालसर्प दोषः पीत्तल के बर्तन में गंगाजल भरकर पूजा स्थल पर रखें।
- विषधर कालसर्प दोषः नागपंचमी के दिन परिवार के सदस्यों की संख्या के बराबर नारियल को नदी के बहते हुए जल में प्रवाहित करें।
- शेषनाग कालसर्प दोषः नागपंचमी की पूर्व रात्रि को लाल कपड़े में सौंफ बांधकर सिरहाने रखें और सुबह उठकर उसका सेवन करें।
नागपंचमी सावन में ही क्यों?
सावन के महीने में चारों तरफ बारिश का पानी भर जाता है जिससे साँपों को बिल से बाहर निकलना पड़ता है। इस समय किसान भी खेतों में हल जोतते हैं, जिससे खेतों में कीड़ों के साथ-साथ साँपों का भी ख़तरा रहता है। इसी भय के कारण लोग नाग देवता की पूजा करते हैं।
नागपंचमी का महत्व
- नागपंचमी के दिन नाग के दर्शन करने से सभीं पापों से मुक्ति मिलती है।
- हुिन्दू धर्म में नाग पूजा का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि साँप खेत में मौजूद हानिकारक जीवों को खा जाते हैं, जिससे फसलों की रक्षा होती है।
दूध पीना साँपों की आदत नहीं
वैसे साँपों को दूध पिलाने की परम्परा है, लेकिन सच तो ये है कि साँप दूध पीते ही नहीं। बल्कि ये दूध उन्हें विवश होकर पीना पड़ता है, जो इनके लिए ज़हर साबित होता है।
- वास्तव में साँप दूध नहीं पीते हैं।
- साँप दूध को हज़म करने में सक्षम नहींं होता है।
- दूध पीने से साँप के फेफड़ों में संक्रमण हो जाता है।
- सपेरे साँप को 15-20 दिनों तक भूखे-प्यासे रखते हैं जिसके कारण वह दूध पीने पर विवश हो जाता है।
- दूध पीने के कुछ दिन बाद साँप की मौत हो जाती है।
विदेशों में भी होती है साँप की पूजा
भारत के लगभग सभी हिस्सों में नाग की पूजा आम बात है। लेकिन भारत के अलावा कुछ और देश ऐसे हैं जहाँ साँपों की पूजा श्रद्धा-पूर्वक की जाती है।
- अमेरिका का आदिवासी समुदाय साँप को गुरु मानता है।
- अमेरिका में साँपों की पूजा अर्ध-ईश्वर के रूप में की जाती है।
- आस्ट्रेलिया और अफ़्रीका में साँप को परम पूजनीय माना जाता है।
- आस्ट्रेलिया में साँप को स्वच्छ जल के देवता के रूप में देखा जाता है।
- आस्ट्रेलिया के लोगों का विश्वास है कि ग़लत कार्य करने वाले को साँप देवता दण्डित करते हैं।
एस्ट्रोसेज की तरफ़ से नागपंचमी की ढेर सारी शुभकामनाएँ।
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