2017 में पहला सूर्य ग्रहण आज, जानें समय और सावधानी

ग्रहण के दौरान ना करें ये काम वरना बिगड़े जाएंगे बनते काम। क्या है साल 2017 के पहले सूर्य ग्रहण का महत्व? आइये जानते हैं 26 फरवरी रविवार को हो रहे सूर्य ग्रहण का आपके ऊपर क्या प्रभाव होगा...




विज्ञान के अनुसार ग्रहण एक खगोलीय घटना है लेकिन हिंदू धर्म और वैदिक ज्योतिष में ग्रहण का बड़ा महत्व है। जिस नक्षत्र और राशि में ग्रहण लगता है उससे जुड़े लोगों पर ग्रहण के अच्छे और बुरे दोनों तरह के प्रभाव पड़ते हैं। ज्योतिष प्रभाव से पहले जानते हैं इस सूर्य ग्रहण का समय, प्रकार और दृश्यता...

सूर्य ग्रहण का समय: शाम 5:39 से रात्रि 11:04 बजे तक

ग्रहण का प्रकार: कंकण सूर्य ग्रहण

दृश्यता: यह सूर्य ग्रहण दक्षिणी-पश्चिमी अफ्रीका, दक्षिणी अमेरिका के देशों पेरु, ब्राजील, बेल्विया, परागुए, अर्जेंटीना, चिली में दिखाई देगा। यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इस वजह से सूर्य ग्रहण का धार्मिक महत्व और सूतक मान्य नहीं होगा। इसके अलावा यूरोप, उत्तरी अमेरिका और एशिया महाद्वीप के देशों में भी सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा।


भारतीय समयानुसार सूर्य ग्रहण का प्रारंभ और समाप्तिकाल इस प्रकार होगा:

ग्रहण प्रारंभ शाम 5 बजकर 39 मिनट पर
कंकण प्रारंभ शाम 6 बजकर 44 मिनट पर
परमग्रास (मध्य अवधि) रात्रि 8 बजकर 26 मिनट पर
कंकण समाप्त रात्रि 10 बजकर 00 मिनट पर
ग्रहण समाप्त रात्रि 11 बजकर 04 मिनट पर


यह सूर्य ग्रहण शतभिषा नक्षत्र में लग रहा है, जो राहु का नक्षत्र है। इस वजह से यह सूर्य ग्रहण सामान्यत: हानिकारक प्रतीत हो रहा है। हालांकि हर राशि पर ग्रहण का अलग-अलग प्रभाव होगा। इस सूर्य ग्रहण के फलस्वरूप भूकंप, किसी बड़े राजनेता की मृत्यु, सत्ता परिवर्तन, आगजनी और आतंकी घटनाएं हो सकती हैं। 

आइये जानते हैं इस सूर्य ग्रहण का आपकी राशि पर क्या असर होगा –

यह राशिफल आपकी चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें। 

मेष: वाणी में कड़वाहट बढ़ सकती है, व्यापार में परेशानियां उत्पन्न होने की संभावना, छोटे भाई-बहनों से लाभ मिलेगा।

वृषभ: प्रॉपर्टी या वाहन से लाभ मिलने के योग, मां को होगी लाभ की प्राप्ति, पिता को करना पड़ सकता है समस्या का सामना।

मिथुन: कार्यक्षेत्र में मान-सम्मान बढ़ेगा, पारिवारिक जीवन से दूर रहना पड़ सकता है। आध्यात्मिकता में वृद्धि होगी।

कर्क: शत्रुओं से परेशानी और कोर्ट संबंधी हानि की संभावना है। मानसिक तनाव और शारीरिक समस्या हो सकती है। हालांकि मनोबल में वृद्धि होगी।

सिंह: वैवाहिक जीवन में बाधा और जीवन साथी के साथ मनमुटाव की संभावना। बिज़नेस पार्टनरशिप में आ सकती है परेशानी, लंबी दूरी की यात्रा के योग।

कन्या: अचानक से किसी चीज की प्राप्ति होगी, मनोबल में वृद्धि होगी। शत्रुओं का दामन होगा, स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

तुला: संतान पक्ष को हो सकता है कष्ट, गर्भवती महिला को अत्यंत सावधान रहने की ज़रुरत। पढ़ाई में अड़चनें आ सकती है। आर्थिक लाभ के योग हैं।

वृश्चिक: वाहन या संपत्ति से हो सकती है हानि। आय में वृद्धि और यात्रा के योग। मां के स्वास्थ्य में गिरावट की संभावना।

धनु: छोटे भाई-बहनों को समस्या, साहस में वृद्धि होगी। सामाजिक स्थिति में सुधार होगा, मान-सम्मान बढ़ेगा।

मकर: मानसिक और शारीरिक समस्या से परेशानी हो सकती है। धन हानि और परिजनों के साथ मनमुटाव की आशंका। लंबी यात्रा के बन रहे हैं योग।

कुंभ: विदेश या विदेशी संबंधों से लाभ की संभावना। धन लाभ और मनचाही इच्छा पूरी होगी।

मीन: शारीरिक हानि और अचानक से कष्ट की आशंका। ससुराल पक्ष से हो सकता है मनमुटाव। धन लाभ के बन रहे हैं योग।

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सूर्य ग्रहण के दौरान करें मंत्र जप  

ग्रहण के दौरान मंत्र उच्चारण का विशेष महत्व बताया गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार ग्रहण के समय मंत्र जप करने से ग्रहण के नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सकता है। इसलिए सूर्य ग्रहण के दौरान इस मंत्र का जप अवश्य करें।

"ॐ आदित्याय विद्महे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात्॥"


ग्रहण के दौरान क्या करें, क्या ना करें...

हिंदू धर्म और वैदिक ज्योतिष में ग्रहण का बड़ा महत्व है। मान्यता है कि ग्रहण के प्रभाव से वातावरण अशुद्ध हो जाता है, जिसका मानव जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। हालांकि ज्योतिष उपाय, दान-धर्म और साधना के द्वारा ग्रहण के नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सकता है। 

ग्रहण के दौरान ध्यान, भजन-कीर्तन, धार्मिक पुस्तकें और मंत्र का जप करना चाहिए।

देवी-देवताओं की मूर्ति और तुलसी के पौधे का स्पर्श नहीं करना चाहिए। ग्रहण समाप्त होने के बाद देवी-देवताओं की मूर्तियों को स्नान कराना चाहिए।

ग्रहण के दौरान भोजन बनाना और खाना वर्जित होता है। साथ ही ग्रहण से पहले घर में रखे भोज्य पदार्थों में तुलसी के पत्ते डाल देना चाहिए। ग्रहण समाप्ति पर नहाने के बाद भोजन करना चाहिए। 

ग्रहण के दौरान सोना नहीं चाहिए। स्त्री-पुरुष को शारीरिक संबंध और शृंगार नहीं करना चाहिए।

ग्रहण के समाप्त होने पर घर में गंगा जल का छिड़काव करना चाहिए।

गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान बाहर नहीं निकलना चाहिए। इसके अलावा काटने, छीलने और सिलने के लिए चाकू, कैंची व सुई आदि का प्रयोग करने से बचना चाहिए।

बुज़ुर्ग, बच्चे और रोगियों पर ग्रहण के सूतक का कोई प्रभाव नहीं होता है। 

ग्रहण का मानव जीवन पर अच्छा और बुरा दोनों तरह का प्रभाव पड़ता है लेकिन धार्मिक और ज्योतिष उपायों की मदद से आप इसके बुरे प्रभाव से बच सकते हैं।

हम आशा करते हैं कि यह लेख आपके लिए लाभकारी हो और इन उपायों की मदद से आप ग्रहण के बुरे प्रभावों से दूर रहेंगे।

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