माँ दुर्गा की आराधना का महापर्व है शारदीय नवरात्रि , जो भारत सहित पूरे विश्व में मनाई जा रही है। 24 सितंबर 2017 को नवरात्रि की चतुर्थी तिथि पड़ रही है। इस दिन माँ दुर्गा के चौथा स्वरूप कूष्माण्डा देवी की आराधना की जाती है। इसलिए इस लेख के माध्यम से हम आपको बता रहे हैं शरद नवरात्रि की चतुर्थी तिथि में माँ कूष्माण्डा देवी को कैसे प्रसन्न करें।
माँ कूष्माण्डा
दुर्गा जी के नौ रूपों में चौथा रूप माँ कूष्माण्डा का है। इन्हें देवी पार्वती का ही स्वरूप माना जाता है। यदि इनके नाम का शाब्दिक अर्थ निकाले तो कूष्माण्डा तीन शब्दों से मिलाकर बना है, जिसमें 'कू' का अर्थ है लघु, 'ऊष्मा' का अर्थ है ऊर्जा एवं 'अण्डा' का अर्थ यहाँ अंडाकार से है। ऐसी मान्यता है कि माँ दुर्गा ने अण्डाकार रूप में ब्रह्माण्ड की उत्पति की थी, इसलिए इन्हें कूष्माण्डा देवी कहा जाता है।
पूजा विधि
- सवेरे जल्दी उठकर स्नान करें
- हरे रंग के वस्त्र अथवा साफ-सुधरे वस्त्र धारण करें
- माँ कुष्मॉंडा का पूजन करें
- पूजन के दौरान माँ को हरी इलाइची, सौंफ और कुम्हड़ा भेंट करें
- 'ॐ कुष्मॉंडा देव्यै नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें
- माँ को मालपुए का भोग लगाएं
- प्रसाद को किसी ब्राह्मण को दान करें और ख़ुद भी खाएं
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ज्योतिष महत्व
वैदिक ज्योतिष के अनुसार कूष्माण्डा देवी सूर्य देव का मार्गदर्शन करती हैं, इसलिए इनकी आराधना करने से सूर्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है और कुंडली में सूर्य दोष का निवारण होता है। इसके साथ ही भक्तों का समाज में मान-सम्मान बढ़ता है और नौकरी में उन्हें उच्च पदों की प्राप्ति होती है।
हम आशा करते हैं कि इस शरद नवरात्रि में माँ कूष्माण्डा की कृपा आप पर बरसे। एस्ट्रोसेज की ओर से शरद नवरात्रि 2017 की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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