मॉं कात्यायनी की कृपा से मिलेगी कामयाबी! जानें देवी दुर्गा के कात्यायनी रूप की महिमा, साथ ही पढ़ें आज से शुरू हो रहे दुर्गा पूजा उत्सव का महत्व।
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कल शरद नवरात्रि की षष्ठी तिथि है। इस दिन माँ कात्यायनी की पूजा की जाती है। यह माँ दुर्गा का छठा रूप है। माँ के इस रूप से वरदान पाने के लिए पढ़े यह ब्लॉग और जानें माँ कात्यायनी की व्रत कथा एवं पूजा विधि।
माँ कात्यायनी
माँ दुर्गा का छठा अवतार कात्यायनी देवी का है। पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है कि कात्यायन ऋषि की पुत्री होने के कारण माँ दुर्गा का नाम कात्यायनी पड़ा था। यदि माँ की आराधना सच्चे मन पूर्ण विधि-विधान के साथ की जाए तो भक्तों के सभी रोग-दोष दूर हो जाते हैं।
जानिए माँ कात्यायनी की व्रत कथा एवं पूजा विधि: नवरात्रि षष्ठी - माँ कात्यायनी
माता कात्यायनी का स्वरूप
माँ कात्यायनी की चार भुजाएँ हैं। जिसमें बायीं तरफ माँ के हाथ में कमल और दूसरे हाथ में तलवार है, जबकि माँ ने दायीं ओर के एक हाथ में वर एवं दूसरे हस्त में अभय मुद्रा धारण किया हुआ है। माँ लाल वस्त्र पहनें हुए हैं और शेर पर सवार हैं।
पूजा विधि
- सूर्योदय से पूर्व पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें
- स्वच्छ वस्त्र धारण कर माँ कात्यायनी का मन में ध्यान करते रहें
- ॐ देवी कात्यायन्यै नमः मंत्र का जाप करें
- फिर माँ कात्यानी को रोली, हल्दी व चावल का तिलक लगाएं
- उसके बाद माँ के समक्ष घी का दिया जलाएं
- माँ को शहद अत्यंत प्रिय होता है इसलिए उन्हें शहद का भोग लगाएं
- पूजा के अंत में माँ की आरती गाएं और फिर प्रसाद का बांटे।
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ज्योतिष महत्व
ज्योतीषीय महत्व के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि माँ कात्यायनी बृहस्पति ग्रह को नियंत्रित करती हैं, जिससे भक्तों की कुंडली में से इस ग्रह के बुरे प्रभाव दूर होते हैं और उन पर गुरु की कृपा बरसती है।
दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत
पश्चिम बंगाल, असम, ओडिशा और इन राज्यों के आसपास के क्षेत्रों में दुर्गा पूजा उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। दुर्गा पूजा की विधिवत शुरुआत षष्ठी यानि नवरात्रि के छठे दिन से प्रारंभ होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन देवी दुर्गा धरती पर आई थीं। षष्ठी के दिन बिल्व निमंत्रण पूजन, कल्पारंभ, अकाल बोधन, आमंत्रण और अधिवास की परंपरा होती है।
विस्तार से पढ़े: दुर्गा पूजा कल्परम्भ 2017
एस्ट्रोसेज की ओर से शरद नवरात्रि 2017 की हार्दिक शुभकामनाएँ! हम आशा करते हैं कि इस शरद नवरात्रि में माँ कात्यायनी की कृपा आप पर बरसे।
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