जैसा कि सभी लोग जानते हैं कि करवा चौथ पति-पत्नी के अटूट रिश्तों का प्रतीक है, लेकिन किसी भी पूजा या व्रत का सफल होना इस बात पर निर्भर करता है कि अनुष्ठान का मुहूर्त क्या है? तो आइए जानते हैं करवा चौथ की व्रत विधि और पूजा मुहूर्त के बारे में…
पूजा मुहूर्त
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सायंकाल 05:38 से 06:56 बजे तक
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दिल्ली में चंद्रोदय
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रात 08 बजकर 21 मिनट
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जैसा कि 14 फरवरी को वैलेंटाइन-डे प्रेमी-जोड़ें मनाते हैं, उसी प्रकार आज यानि 30 अक्टूबर 2015 को करवा चौथ का व्रत विवाहित महिलाएँ बड़ी धूम-धाम और श्रद्धापूर्वक करेंगी। ‘करवा’ का अर्थ मिट्टी के बर्तन‘ और ‘चौथ’ का अर्थ चार होता है। यह कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को धूम-धाम से मनाया जाता है।
करवा चौथ के व्रत के अनुष्ठान एक नज़र में
करवा चौथ पति और पत्नी के रिश्ते के बीच के अटूट बंधन और प्रेम को दर्शाता है। पत्नियाँ अपने पति की दिर्घायु के लिए पूरे दिन निर्जला उपवास और भगवान से प्रार्थना करती हैं। सास अपनी बहु को सरगी (पाँच से सात प्रकार के खाने वाले व्यंजनों से सजी थाली) देती हैं जिसे बहु सूर्योदय से पहले खाती है। बदले में बहु के मायके से सास के लिए भी बाया (उपहार और खाने का सामान) आता है।
पारंपरिक परिधानों से बनाएँ त्यौहार को ख़ास
करवा चौथ ही एक ऐसा दिन है जब आप खु़द को चाँद से भी ख़ूबसूरत साबित कर सकती हैं। इसके लिए पारंपरिक कपड़े जैसे साड़ी और गहने पहनें। संभव हो तो सोलह शृंगार करें और अपने पति को बताएँ कि मैं चाँद से किसी भी मायने में कम नहीं हूँ।
सोलह शृंगार की बात करें तो इसमें निम्नलिखित शृंगार की वस्तुएँ शामिल हैं:
(1.) माँग टीका (2.) मंगलसूत्र (3.) मेहंदी (4.) बिंदी (5.) बाजुबंद (6.) बिछिया (7.) चुड़ियाँ (8.) सिन्दूर (9.) काजल (10.) कमरबंद (11.) नाक की बाली (12.) कान की बाली (13.) अंगूठी (14.) फूलों का गजरा (15.) पायलl (16.) इत्र
करवा चौथ पूजा विधि
- सायंकाल में पूजा स्थल पर एकत्र होकर वहाँ का स्थान साफ करके मिट्टी से लीपें।
- देवी पार्वती की मूर्ती पूजा स्थल पर रखें।
- किसी बुजूर्ग महिला के मुख से करवा चौथ की व्रत कथा ध्यानपूर्वक सुनें।
- अब करवा और पूजा थाली, जल, दीप, चावल, रोली, मठरी को एक जगह व्यवस्थित करें।
- अब इस थाली को पारंपरिक गीत गाते हुए गोलाकार रूप में बैठकर एक दूसरी महिलाओं की ओर बढ़ाएँ।
- उस थाली को घर के बड़े सदस्य को दें और सुख-समृद्धि के लिए उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
- चंद्रोदय के बाद चलनी (छलनी) से अपने पति का दिदार करें उसके बाद चाँद की ओर देखते हुए पति के दिर्घायु और सफलता के लिए प्रार्थना करें।
- इसके बाद पति अपनी पत्नियों को मिठाई और पानी पिलाकर उपवास को खोलें।
करवा चौथ के दिन गाया जाने वाला गीत
पहले छः फेरी के लिए इन पंक्तियों को गाएँ:
वीरो कुड़िये करवडा
सर्व सुहागन करवडा
ए कट्टी नया अटेरी ना खुम्ब चरख्रा फेरी ना
आर पैर पायीं ना
रुठ्दा मनियें ना
सुथडा जगाईं ना
ले वीरा कुरिय करवाडा
लै सर्व सुहगन करवाडा
सातवीं फेरी के लिए इन पंक्तियों को गाएँ:
वीरो कुड़िये करवडा
सर्व सुहागन करवडा
ए कट्टी नया अटेरी नी
खुम्ब चरख्रा फेरी भी
आर पैर पायीं भी
रुठ्दा मनियें भी
सुथडा जगाईं भी
ले वीरा कुरिय करवाडा
लै सर्व सुहागन करवाडा
इस करवा चौथ दें अपनी पत्नी को ख़ास उपहार
एक बार फिर से अपनी पत्नी को शृंगार की ढेर सारी वस्तुएँ और उपहार स्वरूप उनकी पसंद का ख़ास गिफ़्ट देकर बता दें आप ही दुनिया के सबसे अच्छे पति हैं।
आपके पति भी हैं उपहार के हकदार
आपको यह नहीं भूलना चाहिए कि आपके पति आपकी ख़ुशियों के लिए क्या-क्या करते हैं ताकि आप ख़ुश रहें। इसलिए इस करवा चौथ उनके लिए भी कोई विशेष उपहार ख़रीदें या ख़ुद ही तैयार करें और उन्हें इस बात का अहसास करा दें कि आप भी उनका बहुत ख़्याल रखती हैं।
इन्हीं जानकारियों के साथ आप सभी को एस्ट्रोसज की ओर से करवा चौथ की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ। आपके दाम्पत्य जीवन में अपार ख़ुशियाँ आएँ यही हमारी प्रभु से कामना है।
आपका दिन मंगलमय हो!
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