आज यानि 15 अक्टूबर, 2015 को शरद नवरात्रि का तीसरा (तृतीया तिथि) दिन है। देवी का यह रूप परम शक्तिदायक और कल्याणकारी है। देवी चंद्रघंटा की सच्ची पूजा से सुख, शांति और वैभव की प्राप्ति होती है। आइए अब डालते हैं इस दिन के महत्व पर एक नज़र डालते हैं।
ऊपर दिए गए मंत्र से देवी चंद्रघंटा की पूजा पूरी निष्ठा और सच्चे दिल से करें। माँ आपकी पुकार अवश्य सुनेंगी। शास्त्र में नवरात्रि का दिन माँ की पूजा करने और अपनी बुराईयों का त्याग तथा साधना से अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए काफ़ी महत्वपूर्ण बताया गया है।
शरद नवरात्रि की पूजा विधि जानने के लिए यहाँ क्लिक करें: शरद नवरात्रि 2015 - पूजा मुहूर्त और विधि
मस्तक पर अर्धचंद्र होने के कारण देवी के इस रूप को चंद्रघंटा कहा जाता है। माँ चंद्रघंटा की कृपा से जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और पापों का नाश होता है। माँ को पीला रंग बहुत पंसद है, इसलिए पूजा में पीली और माँ की पंसद की वस्तुएँ जैसै - दूध, फल, खीर, सुगंधित फूल पूजन सामग्री में शामिल करें।
एस्ट्रोसेज की ओर से आपको शरद नवरात्रि की ढेर सारी शुभकामनाएँ, माँ चंद्रघंटा आपकी सभी मुरादें पूरी करें।
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