आज दिनांक 18 अक्टूबर को शरद नवरात्रि 2015 की पंचमी तिथि है। इस दिन माँ पार्वती स्वरूप स्कंदमाता की उपासना होती है। कमल के फूल पर विराजित होने के कारण माँ को पद्मासना देवी भी कहा जाता है। आइए अब जानते हैं इस दिन के बारे में विस्तार से...
आज के दिन पूजा का शुभ समय सुबह 07:49 से दोपहर 12:06 बजे तक है।
प्रार्थना मंत्र
सिंघासनगता नित्यम पद्माश्रितकरद्वया |
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्द माता यशश्विनी ||
माँ स्कंदमाता देवी दूर्गा की पाँचवीं स्वरूप हैं। अपनी तपस्या पूरी होने के बाद देवी स्कंदमाता ने भगवान शिव से विवाह किया था। उसके बाद उन्होंने स्कंद नाम के पुत्र को जन्म दिया। पुत्र स्कंद के नेतृत्व में देवताओं ने दानवों पर विजय प्राप्त की थी। स्कंद को जन्म देने के कारण माँ के इस स्वरूप को स्कंदमाता कहा गया।
देवी स्कंदमाता की पूजा से ज़िन्दगी धन-धान्य से परिपूर्ण होती है और मनुष्य को प्रत्येक क्षेत्र में विजय की प्राप्ति होती है। पूजा में नारंगी रंग की वस्तुएँ और केला अवश्य शामिल करें।
पूजा विधि विस्तार से जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें: शरद नवरात्रि 2015 - पूजा मुहूर्त और विधि
आप सभी को एस्ट्रोसेज की ओर से शरद नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ।
आपका दिन मंगलमय हो!
No comments:
Post a Comment