चंद्रग्रहण आज, पढ़ें राशिफल

3 राशि वालों के लिए लाभकारी, 9 राशि वालों पर भारी! पढ़ें आज मध्य रात्रि में होने वाले चंद्रग्रहण का समय, सूतक और राशिफल।
साल 2018 का दूसरा चंद्र ग्रहण 27-28 जुलाई (शुक्रवार) की मध्य रात्रि में घटित होने जा रहा है। सबसे खास बात है कि यह सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण है। यह दुर्लभ संयोग है कि यह चंद्रग्रहण 104 साल बाद घटित हो रहा है। यह पूर्ण चंद्रग्रहण होगा, जो कि भारत समेत संपूर्ण एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत, हिन्द तथा अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा। 

चंद्र ग्रहण- 27-28 जुलाई 2018
समयप्रकारदृश्यता
23:56:26 से 03:48:59 बजे तक (भारतीय समयानुसार)पूर्ण चंद्रग्रहणभारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिणी अमेरिका, एशिया, यूरोप के देशों में

विशेष: ग्रहण का सूतक 27 जुलाई को दोपहर 12:27 बजे से प्रारंभ हो जाएगा और ग्रहण समाप्ति पर खत्म होगा।

आज गुरु पूर्णिमा का पर्व भी मनाया जा रहा है। हालांकि चंद्रग्रहण के सूतक की वजह से गुरु पूर्णिमा पर होने वाला पूजन और अन्य धार्मिक अनुष्ठान दोपहर 12.27 बजे से पहले करना सही होगा। क्योंकि ग्रहण का सूतक लगने के बाद मूर्ति पूजा और मूर्ति स्पर्श वर्जित माना जाता है।

ग्रहण का ज्योतिषीय प्रभाव


इस चंद्रग्रहण का देश-दुनिया और मानव जीवन पर गहरा असर देखने को मिलेगा। ग्रहण के आषाढ़ मास में घटित होने से नदी और तालाबों का जल स्तर कम हो जाएगा और कुछ हिस्सों में सूखा व अकाल पड़ने की संभावना बनेगी। अफगानिस्तान के कांधार, भारत में कश्मीर और चीन समेत कई देश और प्रदेशों में राजनीतिक उथल-पुथल, प्राकृतिक प्रकोप से जन व धन हानि हो सकती है। 

यह चंद्रग्रहण मकर राशि और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के अंतिम चरण में प्रारंभ होकर श्रवण नक्षत्र में समाप्त होगा। जिस राशि या नक्षत्र में ग्रहण घटित होता है उस राशि व नक्षत्र से संबंधित लोगों को कष्ट होने की संभावना रहती है। इससे बचने के लिए हिन्दू धर्म में हवन, शांति, दान और मंत्र जप आदि उपाय बताये गये हैं। अतः इस चंद्रग्रहण में प्रभावित होने वाली राशि के जातकों के लिए विशेष रूप से चंद्र-राहु तथा राशि स्वामी शनि का जप और दान करना कल्याणकारी होगा।

शुक्रवार को चंद्रग्रहण


चंद्रग्रहण शुक्रवार को घटित होने से चांदी, मोती के भाव में तेजी आएगी। वहीं सफेद वस्त्र, चीनी, घी, चने और रुई के भाव भी बढ़ेंगे। 

ग्रहण का नक्षत्रफल


यह ग्रहण उत्तराषाढ़ा और श्रवण नक्षत्र में घटित हो रहा है, इसलिए वैदिक कर्म करने वाले ब्राह्मण, ईश्वर भक्त और कुश्ती व मल्ल करने वालों को कष्ट पहुंचा सकता है।

ग्रहण योग फल


इस चंद्रग्रहण के ‘प्रीति’ योग में घटित होने से दोस्तों-रिश्तेदारों में मनमुटाव, मंत्रिमंडल में तालमेल का अभाव देखने को मिल सकता है।


पढ़ें चंद्र ग्रहण का राशिफल-

मेष: पारिवारिक सुखों में कमी आएगी और परेशानियां उत्पन्न होंगी...आगे पढ़ें

वृषभ: किसी बात को लेकर चिंता बढ़ सकती है...आगे पढ़ें

मिथुन: विरोधियों से सावधान रहने की आवश्यकता है...आगे पढ़ें

कर्क: वैवाहिक जीवन में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है...आगे पढ़ें

सिंह: धन हानि होने की संभावना है। शारीरिक कष्ट होने से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है...आगे पढ़ें

कन्या: आय की तुलना में खर्चों में अधिक बढ़ोत्तरी होगी...आगे पढ़ें

तुला: हर काम में निपुणता आएगी और लाभ प्राप्त होगा...आगे पढ़ें

वृश्चिक: नौकरी व व्यवसाय में प्रगति होगी और धन लाभ होने से आर्थिक स्थिरता आएगी...आगे पढ़ें

धनु: धन हानि होने की संभावना है। कुछ कारणों से यात्राएं करनी पड़ेगी...आगे पढ़ें

मकर: वाहन सावधानी से चलाएं, क्योंकि चोट लगने की संभावना है...आगे पढ़ें

कुंभ: धन हानि होने की संभावना है। व्यर्थ की चिंता से मानसिक तनाव बढ़ेगा...आगे पढ़ें

मीन: छोटी दूरी की यात्राएं होंगी। भाई-बहनों के लिए समय अच्छा रहेगा...आगे पढ़ें

ग्रहण का सूतक


चूंकि यह चंद्रग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए यहां पर इसका सूतक और धार्मिक महत्व माना जाएगा। चंद्रग्रहण का सूतक 27 जुलाई को दोपहर 12:27 बजे से प्रारंभ होगा और 28 जुलाई को रात्रि 03:48 पर ग्रहण समाप्ति के साथ ही खत्म हो जाएगा। चूंकि 27 जुलाई को गुरु पूर्णिमा भी है इसलिए पूजा संबंधी सभी धार्मिक कार्य 12:27 बजे से पहले कर लें। 

  • सूतक और ग्रहण काल के दौरान मूर्ति पूजा, मूर्ति स्पर्श और खाना-पीना आदि वर्जित माना गया है। 
  • सूतक और ग्रहण काल के समय मंत्र जप विशेष लाभकारी माना गया है। 
  • ग्रहण के बाद घी और खीर से हवन करें इससे आपको लाभ और लंबे रोग से छुटकारा मिलेगा। यदि आपकी कुंडली में चंद्रमा निर्बल है तो “ॐ चन्द्राय: नमः” मन्त्र का जप करें |
  • सूतक के नियम असहाय,गर्भवती महिलाएं, बुज़ुर्ग , बच्चे और बीमार व्यक्ति पर यह लागू नहीं होते है।
  • सूतक में भोजन ना करे | बहुत ही आवश्यक होने पर दूध , फल, जूस या सात्विक भोजन ले सकते है | सूतक में भोजन ना बनाये | 

ग्रहण के समय क्या करें, क्या न करें


मान्यता है कि ग्रहण के समय वातावरण में नकारात्मक शक्तियां प्रबल हो जाती हैं। जिनका मानव समुदाय पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए कुछ कार्य अवश्य रूप से करना चाहिए और कुछ कार्य बिल्कुल नहीं करने चाहिए।

  • चंद्र ग्रहण के घटित होने से पहले दूध-दही और बने हुए भोजन में तुलसी के पत्ते डाल दें। ऐसा करने से इन पदार्थों पर ग्रहण का असर नहीं होता है।
  • ग्रहण से पहले भोजन कर लें और ग्रहण के दौरान कुछ न खाएं।
  • ग्रहण के समय पूजन, भगवान की मूर्ति और तुलसी व शमी के पौधे का स्पर्श न करें।
  • गर्भवती स्त्रियां ग्रहण के दौरान काटने, छीलने और सिलने का कार्य करने से बचें।
  • चाकू, कैंची और सुई का उपयोग भूलकर भी न करें।
  • ग्रहण के समय जितना अधिक से अधिक हो सके चंद्र मंत्र और ईश्वर का ध्यान करें।

ग्रहण समाप्ति के बाद करें ये काम


  • ग्रहण समाप्ति पर स्वयं स्नान करे और भगवान की मूर्तियों को स्नान कराएं।
  • तुलसी व शमी के पौधे में गंगाजल का छिड़काव करें।
  • ग्रहण के बाद गरीबों को दान और दक्षिणा दें। 

ग्रहण का असर हर राशि पर पड़ता है लेकिन गर्भवती स्त्री और उसके होने वाले बच्चे के लिए चंद्र ग्रहण का प्रभाव 108 दिनों तक रहता है। ऐसे में गर्भवती महिला को लेकर ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है। माना जाता है कि जो गर्भवती महिलाएं ग्रहण को देख लेती हैं उनके शिशु को शारीरिक या मानसिक हानि हो सकती है। हालांकि आधुनिक विज्ञान में इस बात का कोई आधार नहीं है। लेकिन जो चंद्रमा समुद्र में ज्वार भाटा लाने में सक्षम होता है, उसके ग्रहण का प्रभाव मानव जीवन पर अवश्य ही पड़ता है। क्योंकि मनुष्य के शरीर में 70% भाग में पानी होता है। 

एस्ट्रोसेज की ओर से उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ!

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