सूर्य ग्रहण, गुप्त नवरात्रि आज से प्रारंभ

पढ़ें ग्रहण का राशिफल, गुप्त नवरात्रि पूजा विधि! आज यानि 13 जुलाई को घटित हो रहा है साल 2018 का दूसरा सूर्य ग्रहण, साथ ही जानें आज से शुरू हो रहे आषाढ़ नवरात्र का महत्व।


आषाढ़ गुप्त नवरात्रि आज यानि 13 जुलाई 2018 से प्रारंभ हो गई है और 21 जुलाई को इसका समापन होगा, इसे गायत्री नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। आज ही साल का दूसरा सूर्य ग्रहण भी घटित हो रहा है। हालांकि यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए यहां पर इसका सूतक और धार्मिक महत्व मान्य नहीं होगा।

सूर्य ग्रहण- 13 जुलाई 2018
समयअवधिदृश्यता
सुबह 07:18:23 से 09:43:44 तक2 घंटे 25 मिनटदक्षिण ऑस्ट्रेलिया, पेसिफिक, हिन्द महासागर



हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से गुप्त नवरात्रि शुरू होती है। हिन्दू धर्म में प्रतिवर्ष 4 नवरात्रि मनाई जाती है। इनमें चैत्र और शरद नवरात्रि व पौष और आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि होती है। चैत्र और शरद नवरात्रि अधिक उल्लास के साथ मनाई जाती है। जबकि गुप्त नवरात्रि तंत्र साधना के लिए विशेष फलदायी मानी गई है। गुप्त नवरात्रि में माता काली के गुप्त स्वरुप की पूजा करने का विधान है। तंत्र साधना के लिए की जाने वाली पूजा कठिन होती है, इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है।

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2018 मुहूर्त
घटस्थापना मुहूर्त8:17 से 10:09 बजे तक
अवधि1 घंटा 52 मिनट

नोट: घटस्थापना मुहूर्त अमावस्या तिथि में होगा। वहीं प्रतिपदा सुबह 8:19 के बाद प्रारंभ होगी। घटस्थापना के लिए जानें अपने शहर का पंचांग

घटस्थापना की पूजा विधि


● मिट्टी के बर्तन में सप्त धान्य (सात प्रकार के अनाज) को रखें

● अब एक कलश में जल भरें और उसके ऊपरी भाग (गर्दन) में कलावा बाँधकर उसे उस मिट्टी के पात्र पर रखें

● अब कलश के ऊपर अशोक अथवा आम के पत्ते रखें

● अब नारियल में कलावा लपेट लें

● इसके उपरान्त नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर कलश के ऊपर और पल्लव के बीच में रखें

● घटस्थापना पूर्ण होने के बाद देवी का आह्वान करें


आषाढ़ गुप्त नवरात्रि पर बन रहे हैं विशेष योग


गुप्त नवरात्रि की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी और 21 जुलाई को इसका समापन भी सर्वार्थ सिद्धि योग में होगा। इस योग को शुभ फल प्रदान करने वाला माना गया है इसलिए इस योग में देवी शक्ति की पूजा का विशेष फल प्राप्त होगा।

गुप्त नवरात्रि का महत्व


आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में भी आम नवरात्रि की तरह माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। इस नवरात्रि में तांत्रिक सिद्धियों के लिए विशेष पूजा और साधना की जाती है। गृहस्थ साधकों को गुप्त नवरात्रि के इन नौ दिनों में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए। इसके प्रभाव से घर-परिवार में धन-धान्य व सुख-समृद्धि आती है।

गुप्त नवरात्रि में क्या न करें


  • इन 9 दिनों में माता की साधना करने वाले जातकों को काले कपड़े नहीं पहनना चाहिए।
  • गुप्त नवरात्रि के दौरान व्रत व अनुष्ठान करने वाले भक्तों को दिन में नहीं सोना चाहिए।
  • देवी आराधना के इस पर्व में किसी नारी का अपमान नहीं करना चाहिए।
  • इन नौ दिनों में बाल और नाखून नहीं काटना चाहिए।
  • प्याज, लहसुन, मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।

चैत्र और शरद नवरात्रि की तरह ही आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का भी बहुत महत्व है। क्योंकि ये नौ दिन देवी शक्ति की आराधना के दिन है और इन दिनों में माता की भक्ति से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

एस्ट्रोसेज की ओर से सभी पाठकों को आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुभकामनाएँ!

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