पंडित हनुमान मिश्रा
लगभग सभी बडे त्यौहारों के मौके पर लोग अपने जानकारों को कुछ न कुछ उपहार देना चाहते हैं। खासकर दिवाली के मौके पर उपहारों के आदान प्रदान का सिलसिला जोरों पर होता है। हम यहां पर कुछ ऐसे उपहारों का जिक्र करने जा रहे हैं जो न केवल आपके अपनों और मित्रों के लिए यादगार रहेंगें बल्कि उनके लिए सौभाग्य दायक भी रहेंगे।
दीवावली पंचपर्वों का त्यौहार है यानी इस समय एक नहीं बल्कि पांच-पांच त्यौहार मनाए जाते हैं। इन त्यौहारों की शुरुआत धनतेरस से होती है और भइयादूज तक उत्सव मनाने का सिलसिला चलता रहता है। अत: हम धनतेरस के दिन के दिन दिए जाने वाले उपहारों से शुरू करते हैं-
लगभग सभी बडे त्यौहारों के मौके पर लोग अपने जानकारों को कुछ न कुछ उपहार देना चाहते हैं। खासकर दिवाली के मौके पर उपहारों के आदान प्रदान का सिलसिला जोरों पर होता है। हम यहां पर कुछ ऐसे उपहारों का जिक्र करने जा रहे हैं जो न केवल आपके अपनों और मित्रों के लिए यादगार रहेंगें बल्कि उनके लिए सौभाग्य दायक भी रहेंगे।
दीवावली पंचपर्वों का त्यौहार है यानी इस समय एक नहीं बल्कि पांच-पांच त्यौहार मनाए जाते हैं। इन त्यौहारों की शुरुआत धनतेरस से होती है और भइयादूज तक उत्सव मनाने का सिलसिला चलता रहता है। अत: हम धनतेरस के दिन के दिन दिए जाने वाले उपहारों से शुरू करते हैं-
धनतेरस यानी कि कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि इस दिन को चीजों को खरीदने और नया व्यापार शुरू करने के लिए शुभ माना जाता है। धनतेरस का दिन व्यापारी समुदाय के लिए विशेष महत्व का होता है। ऐसे में इस दिन यदि आप अपने घर-परिवार के लोगों, रिश्तेदारो या फिर मित्रों को कुछ देना चाह रहे हैं तो उन्हें उपहार स्वरूप एक लक्ष्मीयंत्र अथवा कुबेर यंत्र दें। जो न केवल उनके व्यवसाय बल्कि उनके सौभाग्य को बढाने में भी सहायक सिद्ध होगा।
धनतेरस के अगले दिन नरक चतुर्दशी होती है जिसे लोग न छोटी दीवाली के रूप में भी मनाते हैं। वैदिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान श्रीकृष्ण नरकासुर नामक असुर को मारा था। इसतरह देखा जाय तो यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक हुआ। अत: इस दिन यदि आप अपने घर-परिवार के लोगों, रिश्तेदारो या फिर मित्रों को कुछ देना चाह रहे हैं तो उन्हें श्री यंत्र या पारद दुर्गा उपहार स्वरूप भेंट करें। यह उपहार उनके जीवन में उन्नतिदायक सिद्ध होगा।
तीसरा पर्व दिवाली का होता है जो इस पंचपर्वों में सबसे महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन जब महालक्ष्मी जो धन की देवी कही गई हैं उनकी पूजा आराधना की जाती है। अत: इस दिन यदि आप अपने घर-परिवार के लोगों, रिश्तेदारो या फिर मित्रों को कुछ देना चाह रहे हैं तो लक्ष्मी यंत्र, गणपति यंत्र, पारद गणेश और पारद लक्ष्मी उपहार स्वरूप भेंट करें जो उनके भाग्योत्कर्ष कें सहायक सिद्ध होगा।
दीपावली से अगला दिन गोवर्धन पूजा का होता है। यह दिन हमें यह संदेश देता है कि प्रकृति की सुरक्षा में ही हमारी रक्षा का मंत्र समाहित है। अत: इस दिन का उपहार स्वरूप आप जो सौभाग्यदायक चीजें अपने स्वजनों को भेंट करें वे प्राकृतिक होनी चाहिए। अत: इस दिन यदि आप अपने घर-परिवार के लोगों, रिश्तेदारो या फिर मित्रों को कुछ देना चाह रहे हैं तो एक तुलसी माला या एक कमल गट्टा माला भेंट करें ये चीजें सौभाग्य व धन समृद्धि लाने में सहायक सिद्ध होंगी।
पंचपर्वों का पाँचवां और अंतिम दिन भाई दूज के रूप में जाना जाता है। भाई दूज भाइयों और बहनों को एक दूसरे के लिए अपने प्यार और स्नेह की अभिव्यक्ति का दिन माना गया है। अत: इस दिन यदि आप अपने घर-परिवार के लोगों, रिश्तेदारो या फिर मित्रों को कुछ देना चाह रहे हैं तो एक पारद दुर्गा, तुलसी माला या एक श्री यंत्र उपहार स्वरूप भेंट करें। यह उपहार उनके लिए भाग्यशाली साबित हो सकता है।
तो इस दिवाली आप अपने घर-परिवार के लोगों, रिश्तेदारो या फिर मित्रों को सौभाग्य, धन, स्वास्थ्य और समृद्धि का विशेष उपहार देकर उनकी उन्नति में सहायक बनें।
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