गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन करना क्यों है वर्जित? आज देशभर में गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जा रहा है। इस विशेष अवसर पर पढ़ें गणेश चतुर्थी पर हमारा यह विशेष ब्लॉग और जानें इस धार्मिक पर्व की महिमा और उससे जुड़ी पौराणिक कथा।
30%
छूट
छूट
30%
छूट
छूट
30%
छूट
छूट
41%
छूट
छूट
Click here to read in English
गणेश चतुर्थी हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्यौहार है। यह धार्मिक पर्व भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था इसलिए इस चतुर्थी को गणेश चतुर्थी अथवा विनायक चतुर्थी कहा जाता है। इसके अतिरिक्त यह त्यौहार कलंक चतुर्थी के नाम से भी प्रसिद्ध है। कई जगह तो लोग इस पर्व को डण्डा चतुर्थी के नाम से भी मनाते हैं। भारत के पश्चिमी राज्य महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी, गणेश उत्सव के रूप में बड़ी धूम-धाम के साथ मनायी जाती है।
गणेश पूजा के लिए मध्याह्न मुहूर्त
दिनांक
|
समय
|
अवधि
|
25 अगस्त 2017
|
11ः05ः34 से 13ः40ः42 तक
|
2 घंटे 35 मिनट
|
नोटः उपरोक्त शुभ मुहूर्त नई दिल्ली (भारत) के लिए है।
अपने शहर के अनुसार जानें: गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त
चंद्र दर्शन निषेध का समय
दिनांक
|
समय
|
24 अगस्त 2017
|
20ः28ः48 से 20ः42ः59 तक
|
25 अगस्त 2017
|
09ः11ः00 से 21ः18ः59 तक
|
जानिए साल 2017 में पड़ने वाले: त्यौहार एवं उनके शुभ मुहूर्त
गणेश चतुर्थी व्रत व नियम
- प्रातः स्नान ध्यान करने के बाद सोने, तांबे अथवा मिट्टी की गणेश प्रतिमा लें और गणेश जी के सिद्धिविनायक रूप की पूजा करें।
- कोरे कलश में जल भरें और उसके मुंह पर नवीन वस्त्र बांधें। अब उसके ऊपर गणेश जी को विराजमान करें।
- गणेश जी को सिंदूर व दूर्वा अर्पित करें और उन्हें 21 लडडुओं का भोग लगाएं। लडडुओं का प्रसाद ग़रीबों या ब्राह्मणों को बाँटें।
गणेश चतुर्थी पर क्यों नहीं किया जाता है चंद्र दर्शन?
गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन करना निषेध माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन चंद्र दर्शन करने से व्यक्ति को एक साल तक मिथ्या कलंक लगता है। भगवान श्री कृष्णजी को भी चंद्र दर्शन का मिथ्या कलंक लगने के प्रमाण हमारे शास्त्रों में वर्णित हैं। यदि भूल से चन्द्र दर्शन हो जाए तो शास्त्रों में इसके लिए चंद्र दर्शन दोष निवारण मन्त्र का विवरण है। ऐसा होने पर इस मंत्र का 28, 54 या 108 बार जाप करना चाहिए। इसके साथ ही श्रीमद्भागवत के दसवें स्कन्द के 57वें अध्याय का पाठ करने से भी चन्द्र दर्शन दोष समाप्त हो जाता है।
चन्द्र दर्शन दोष निवारण मन्त्र
सिंहःप्रसेनमवधीत् , सिंहो जाम्बवता हतः।
सुकुमारक मा रोदीस्तव, ह्येष स्यमन्तकः।।
हम आशा करते हैं कि गणेश चतुर्थी पर लिखा गया यह विशेष ब्लॉग आपको पसंद आया होगा। एस्ट्रोसेज की ओर से सभी पाठकों को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएँ !
No comments:
Post a Comment