श्रीसंत का अब क्या होगा?

पंडित हनुमान मिश्रा

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मैदान से ज्यादा बाहरी दुनिया में चर्चा में रहने वाले भारतीय क्रिकेटर श्रीसंत, आजकल बड़ी सुर्खियों में हैं। खेल के प्रति जुनून के अलावा श्रीसंत में नई बातों को सीखने का गजब का जज्बा भी था। कभी इंटरव्यू के लिए फोन पर बात करते वक्त मलयालम बोलने वाला गेंदबाज जब अचानक फर्राटेदार हिन्दी बोलने लग जाता, तो अचंभा होता लेकिन यह उनकी शख्सियत है। लेग स्पिनर बनने की चाह रखने वाले श्रीसंत बाद में तेज गेंदबाज बन गए और वह भी ऐसे तेज गेंदबाज कि कई बार भारत के लिए गेंदबाजी की ओपनिंग तक की।

क्रिकेट के लिए सब कुछ झोंक देने का दावा करने के बावजूद श्रीसंत को उनकी किसी पारी या गेंदबाजी के लिए नहीं, बल्कि उलटे सीधे हरकतों के लिए याद किया जाता है। कभी सचिन तेंदुलकर के खिलाफ स्लेजिंग किया, तो कभी मैथ्यू हेडन और एंड्रयू साइंमड्स के खिलाफ. कभी अचानक चौका छक्का जड़ने के बाद गेंदबाजों को चिढ़ाने के लिए मैदान पर ही डांस करने लगना। श्रीसंत को आखिरी मौके तक दम लगा देने वाले खिलाड़ी के तौर पर जाना जाता रहा है। आखिरी ओवरों में पसीने से तर बतर गेंदों पर नियंत्रण करने की कोशिश करने वाले गेंदबाज या पुंछल्ले बल्लेबाज के तौर पर अचानक छक्का जड़ देने वाले श्रीसंत का नाम मैच फिक्सिंग से जुड़ना न केवल उनके प्रसंशको बल्कि हर एक क्रिकेट प्रेमी को परेशान करता है। यह जान कर और हैरानी होती है कि साल दो साल पहले भी उन पर शक गया था। शायद श्रीसंत के लिए आइ.पी.एल. शुभदायी नहीं है, तभी तो 2008 के आईपील के दौरान हरभजन सिंह के साथ उनका झगड़ा हुआ। मीडिया के सामने रोते हुए आना, इससे पहले तक का सबसे बड़ा स्कूप था। कहा गया कि तब पंजाब एलेवन के लिए खेलने वाले श्रीसंत ने मुंबई इंडियंस के भज्जी से बदतमीजी की और गुस्से में भज्जी ने उन्हें ड्रेसिंग रूम में थप्पड़ जड़ दिया। इसके बाद तरह तरह की बातें हुईं, सच्चाई किसी को पता नहीं थी, सिर्फ श्रीसंत का गाल पकड़ कर रोते हुए चेहरा सबको याद रहा। य थप्पड़ वाले मामले के बाद सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बन रहा है श्रीसंत मैच फिक्सिंग से जुड़ना। क्या वाकई कुसूरवार हैं श्रीसंत? आइए जानते हैं ज्योतिष के नजरिए से-

भारतीय क्रिकेटर श्रीसंत, जिनका पूरा नाम “शान्ताकुमारन श्रीसंत” है का जन्म 6 फरवरी 1983  को  सिंह लग्न और वृश्चिक राशि में हुआ। लग्नेश सूर्य छठे भाव में मंगल के नक्षत्र में स्थित होना सीधा इस बात का संकेतक है कि इनका विवादों से एक गहरा नाता रहेगा।  लग्न पर मंगल की दृष्टि भी क्रोध और विवाद से सम्बंध दर्शा रही है लेकिन लग्न पर शुक्र की दृष्टि इन्हें ग्लैमर की दुनिया से भी जोड़ती है। कुण्डली में कई अच्छे तो कुछ बुरे योग भी हैं। इस समय की घटना के मद्देनजर जो योग उल्लेखनीय है वह है “जेल” या शासन प्रशासन के कोपभाजन होने से सम्बंधित योग।

इनकी कुण्डली में पास योग है। जब कुण्डली में राहु-केतु को छोड़ सारे ग्रह पांच भावों में होते हैं तो पास योग होता है। इस योग के जहां सभी अच्छे फल बताए गए हैं वहीं इसे जेल जाने वाला योग भी कहा गया है। कहा गया है कि पास योग में जन्म लेने वाला जातक जेल जाने वाला, कार्य में दक्ष, प्रपन्ची, बहुत बोलने वाला, शील रहित, अनेक सेवक तथा विशाल परिवार वाला होता है।

ये तो रही योग की बात, आइए अब कुण्डली में अन्य ग्रहीय स्थितियों पर ध्यान दिया जाय। कुण्डली के बारहवें भाव जे जेल का विचार किया जाता है। वहां का स्वामी है चंद्रमा। वह नीच का होकर चतुर्थ भाव में अष्टमेश बृहस्पति के साथ स्थित है। यहां चंद्रमा पापकर्तरी योग में भी है। यहां पर चंद्रमा और गुरु दोनो ही शनि के नक्षत्र में हैं। गुरु और शनि दोनो ही द्वादश भाव को देख रहे हैं। इसप्रकार चतुर्थ और द्वादश का सम्बंध इस बात का इशारा तो कर ही रहा है कि  जातक को कभी न कभी जेल यात्रा तो करनी पड़ेगी।

आइए अब वर्तमान में ग्रहों की और दशाओं की स्थति पर गौर किया जाय। वर्तमान में इन पर शुक्र की महादशा में शुक्र की ही अंतरदशा का प्रभाव है। शुक्र इनका दसमेश है और सप्तम भाव में राहु के नक्षत्र में स्थित है। अत: इसके परिणामों कुछ नकारात्मकता का होना स्वाभाविक है। राहु के प्रभाव के कारण किसी शार्टकट से पैसे बनाने की ओर झुकाव होना स्वाभाविक है। राहु षडयंत्र का भी कारक होता है अत: वर्तमान परिपेक्ष्य में यह कहना उचित होगा कि श्रीसंत लम्बे लपेटे में आ गए हैं। क्योंकि शुक्र की महादशा लम्बें समय तक रहने वाली है अत: बहुत मुमकिन है कि इसका दुष्प्रभाव इनके क्रिकेट करिअर पर पड़े। हां क्रिकेट के स्थान पर अब इन्हें ग्लैमर की दुनिया से जरूर कुछ लाभ मिल सकता है। लेकिन इस घटना से इनका क्रिकेट करिअर समाप्ति के कगार पर आ सकता है, हालांकि अक्टूबर 2014 के बाद सूर्य की दशा में इनका खोया हुआ सम्मान वापस मिल सकता है। बहुत मुमकिन है कि उस समय कोई ऐसा फ़ैसला आए जिसमें ये कहा जाय कि इस प्रकरण में श्रीसंत का हाथ नहीं था या इनका बहुत कम कुसूर है।

दूसरा सवाल है कि क्या श्रीसंत के लिए सटोरिए वास्तम में लड़कियां सप्लाई करते थे?  श्रीसंत की कुण्डली में सप्तम भाव में शुक्र मंगल की युति है। ज्योतिष की माने तों सप्तम भाव में इस युति वाला व्यकित कामातुर होता है। दशाएं भी सप्तम भाव में बैठे शुक्र की हैं। अत: लोगों के इस आरोप में बड़ा दम नजर आ रहा है। बहुत मुमकिन है कि आने वाले दिनों में श्रीसंत का किसी स्त्री से जुड़ा कोई और मामला प्रकाश में आए। वर्तमान दशाओं और गोचर को देखकर ऐसा कहा जा सकता है कि जुलाई महीने तक श्रीसंत को इस प्रकरण में अधिक आराम मिलता नजर नहीं आ रहा है।

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