बुरा न मानो होली है!

आज यानि की 6 मार्च 2015 को होली का रंगों भरा त्यौहार है। क्या आप जानते हैं यह रंग हमारे जीवन में क्या सन्देश लाते हैं? कैसे वो हमें ज़िंदादिली और ख़ुशियों का सन्देश देते हैं? इस त्यौहार के बारे में अधिक जानने के लिए पढ़ें यह लेख। 

Holi rangon or khushiyon ka tyohar hai.

होली मस्ती, ख़ुशियों और रंगों का त्यौहार है। यह त्यौहार जीवन के जोश का जश्न मनाता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन महीने की अंतिम पूर्णिमा को यह त्यौहार मनाया जाता है, जो कि मार्च के महीने में आती है। 

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होली का दिन पुराने विवादों को भुला कर भाईचारे, प्रेम और दोस्ती का प्रचार करने के लिए है। यह ना सिर्फ प्रेम का सन्देश देता है, बल्कि बुराई पर अच्छाई की जीत को भी दर्शाता है। इसके साथ ही सर्दी के मौसम का समापन भी हो जाता है। 

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होली 2015: शुभ मुहूर्त 


होली के त्यौहार की शुरुआत होलिका दहन के साथ ही हो जाती है, जो कि होली से एक दिन पहले ही होता है। 

मार्च 6, 2015 के शुभ तथा अशुभ समय:

शुभ समय 

  • लाभ चौघड़िया: 08:09 से 09:36
  • अमृत चौघड़िया: 09:36 से 11:04
  • शुभ चौघड़िया: 12:32 से 14:00
  • अभिजीत मुहूर्त: 12:09 से 12:56

अशुभ समय 

  • राहु काल: 11:04 से 12:32

होली 2015: पौराणिक कथाएँ 


देखें होली की पौराणिक कथाएँ:

प्रहलाद और हिरण्यकश्यप: यह कहानी बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाती है। होलिका दहन के दिन हिरण्यकश्यप ने अपने बेटे और भगवान विष्णु के महान भक्त प्रहलाद को ज़िंदा आग में जलाने का प्रयत्न किया। लेकिन भगवान विष्णु ने प्रहलाद की रक्षा की और हिरण्यकश्यप का वध कर दिया। 

भगवान कृष्ण और राधा: भगवान कृष्णा और राधा अपने प्यार का जश्न मनाने के लिए और चारों और ख़ुशियाँ बिखेरने के लिए अलग अलग रंगों से होली खेलते थे। इसी कारण से यह मथुरा-वृन्दावन का सबसे बड़ा त्यौहार है। 

होली 2015: समारोह 


होली का समारोह ख़ुशियों और रंगों से भरा होता है। बाज़ार में अलग अलग तरह के रंग उपलब्ध होते हैं जैसे गुलाल, पानी वाले रंग, प्राकृतिक रंग और भी बहुत कुछ। 

  1. लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को अलग अलग रंग लगाते है कहते हैं कि “बुरा ना मानो होली है”। 
  2. संगीत भी होली के समारोह का एक महत्वपूर्ण अंग है। 
  3. होली के रंग नए सम्बन्ध बनाते हैं और पुराने संबंधों को और मज़बूत करते हैं। 
  4. त्यौहार का और मज़ा लेने के लिए घरों पर अलग अलग प्रकार के व्यंजन बनाये जाते हैं। 
  5. भगवान कृष्ण से सम्बंधित धरती होने के कारण मथुरा वृन्दावन में होली का जश्न बहुत ही ज़ोरो-शोरो से मनाया जाता है। इस समय के दौरान दुनिया भर से लोग यहाँ आते हैं और होली का मज़ा उठाते हैं। यहाँ की होली को अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है जैसे ब्रिज होली, बरसाना होली, लठमार होली और गोकुल होली। 
साल 2015 में पूरे जोश के साथ होली मनाएँ और जीवन के अलग-अलग रंगों का मज़ा लें। 

आपको होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!


आज का पर्व!

आज डोलयात्रा का त्यौहार भी मनाया जाता है। यह त्यौहार पश्चिम बंगाल में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। लोग भगवान कृष्ण और राधा की पूजा करते हैं और रंगों के साथ खेलते हैं।

आपका दिन शुभ हो!

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