बुध का सिंह राशि में गोचर (अगस्त 12, 2014) - लाभ उठाने लिए तैयार हो जाइये

बुध, अगस्त 12, 2014, को सिंह राशि में प्रवेश कर रहा है। बुध का यह गोचर आपके जीवन में किस प्रकार के बदलाव लाएगा। आइये जाने बुध के सिंह राशि में गोचर के आप के जीवन पर होने वाले प्रभाव निपुण ज्योतिषी ‘रेखा कल्पदेव’ द्वारा।

 बुध का सिंह राशि में गोचर और उसके प्रभाव।

नवग्रह ब्रह्माण्ड में एक स्थान पर स्थिर न रहकर गतिशील हैं। इनमें से कुछ ग्रह तीव्र गति से अपनी राशि बदलते हैं, तो कुछ को एक राशि से दूसरी राशि में जाने में २ वर्ष से ज़्यादा का समय लग जाता है। सभी ग्रहों में चन्द्रमा सबसे अधिक तीव्रगामी ग्रह है। यही कारण है कि इनकी तुलना व्यक्ति के मन से भी की जाती है। चन्द्रमा एक राशि में सवा दो दिन से अधिक नहीं टिक पाते हैं। जबकि सूर्य को ३० अंश की एक राशि पार करने में ३० दिन अर्थात एक माह लग जाता है। बुध सूर्य से कुछ कम गति से और चन्द्र की तुलना में कुछ अधिक गति से राशि परिवर्तित करते हैं। बुध को लगभग २२-२४ दिन का समय लग जाता है। मंगल सामान्यता ४५ दिन में यह कार्य पूरा कर लेते हैं। परन्तु वक्री होने पर राशि में इनकी समय अवधि बढ़ जाती है। व गुरु पूरे एक साल में राशि चक्र पूरा करते हैं। शुक्र २६-२७ दिन का समय लेते हैं और सबसे मंद गति ग्रह शनि है। जो एक राशि से दूसरी राशि में जाने में ढाई साल का समय लगा देते हैं।

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बुध १२ अगस्त २०१४, २१:०४ रात्रि में कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में आने वाले हैं। सूर्य की राशि सिंह में बुध का निवास २९ अगस्त २०१४ तक रहेगा। बुध बुद्धि, चातुर्य, व्यापार, वाणी और बौद्धिक योग्यता के कारक ग्रह हैं। बुध व्यापार और बुद्धि का स्वामी हैं इसीलिए निर्णय शक्ति को भ्रमित कर देते हैं | बुध का राशि परिवर्तन व्यापारियों और छात्रों के साथ-साथ सभी वर्गों के लिए कुछ खास होता है। इसकी प्रतीक्षा सभी लोग बड़ी बेसब्री से कर रहे होते हैं। बुध जन्मकालीन राशि से 2, 4, 6, 8, 10 और 11 वें भाव में शुभ फल देता है। शेष भावों में अशुभ फल देता है। १२ अगस्त को बुध राशि बदलने वाले हैं, बुध के बदलाव का आपके जीवन पर क्या प्रभाव रहने वाला है - आइये आप सभी को इससे अवगत कराते हैं।

यह राशिफल आपकी जन्म राशि (चन्द्र राशि) को ध्यान में रखते हुए लिखा गया है।

आइये जाने कि बुध का सिंह राशि में जाना आपके लिये कैसा रहेगा:

मेष:
मित्रता प्रेम संबंधों में बदल सकती है, नाज़ुक स्थिति है, संभल कर निर्णय करें, शनि की कुदृष्टि इस विषय में परेशानियाँ खड़ी कर रही है। क्रोध पर कमी करना श्रेयकर रहेगा। वैवाहिक रिश्तों में तनाव न हो इसके लिए जीवन साथी की हाँ में हाँ मिलाने की प्रवृति अपनाना समझदारी होगी। माता के स्वास्थ्य की कमी को अनदेखा करने से बचें। तथा परिवार और माता के व्ययों में बढ़ोतरी हो सकती है। इसके अतिरिक्त कार्यक्षेत्र में नेतृत्व क्षमता दिखाने का आपको भरपूर अवसर प्राप्त होगा।

वृषभ:
शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों की मेहनत और लगन बनी हुई है। छात्राओं की पठन पाठन में रूचि जागृत होगी, एकाग्रचित्त होकर एकांत में अध्ययन से शुभता और बढ़ेगी, इससे इस अवधि में खोया आत्मविश्वास वापस प्राप्त करना सहज होगा। अन्न-धन वस्त्र का लाभ आपको बुध राशि परिवर्तन से हो सकता है। कुटुम्ब जनों से मधुर संबंध बनेंगे। मित्रों से स्नेह बढ़ेगा। प्रेमियों का अपने साथी पर अत्यधिक विश्वास करना, स्वयं की भावनाओं को चोट पहुंचा सकता है। परिवार के साथ यात्राओं पर जाने के कार्यक्रम बन सकते हैं। व्ययों की अधिकता आपके संचय में कमी करेगी।

मिथुन:
पुरुषार्थ व मनोबल को ऊँचा रखने से स्थिति में और सुधार किया जा सकता है। आपकी रूचि मित्रों से मिलने, घूमने-फिरने और शौक पूरे करने में अधिक रहेगी पर कुछ कारणों से यह संभव नहीं हो पायेगा। अत्यधिक साहस व जोखिम से किये गये कार्यो में कष्ट प्राप्त हो सकते हैं, यात्राओं को स्थगित करना लाभकारी रहेगा। यात्राओं से लाभ होने की संभावनाएं कम हैं। भूमि तथा वाहन सम्बन्धी लेन-देन के लिये ये गोचर अनुकुल नही रहेगा। भाग-दौड़ और कार्यों की अधिकता के चलते, शारीरिक और मानसिक सुख में कमी हो सकती है। कार्यक्षेत्र में सहयोगियों और वरिष्ठजनो से बातचीत में मधुरता का भाव बनाये रखेंं, इससे आपके सम्बन्ध मज़बूत होंगे।

कर्क:
इस समय में बुध आपकी राशि से दूसरे भाव में रहेंगे। व तीन अन्य ग्रह आपकी राशि पर ही गोचर कर रहे हैं। उच्च के गुरु, शुक्र और सूर्य की स्थिति आपकी जन्म राशि पर होने के फलस्वरूप आपके स्वभाव में विनम्रता, शिष्टता, शालीनता और आत्मविश्वास की अधिकता रहेगी। ये गुण आपको जीवन के कई क्षेत्रों में सहायक सिद्ध होंगे। कार्यों का विस्तार होगा, जिम्मेदारियाँ बढ़ सकती है। एक साथ कई प्रोजेक्टों पर कार्य भी करना आपको पड़ सकता है। और आप अपने दायित्वों का कुशलता से निर्वाह करेंगे। मित्रों की संख्या में कमी हो सकती हैं।

सिंह:
स्वभाव में संशय का भाव बना हुआ है, बड़े निर्णय लेने में दुविधा की स्थिति बनी रहेगी। सही समय पर बौद्धिक सहयोग ना मिलने से हाथ आए अवसर हाथ से निकल सकते है। कार्यों के साथ-साथ आप अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखेंं। ऐसा न हो की कोई रोग आप पर प्रभावशाली हो जाए। इसके अलावा व्यवसायिक यात्रायें लाभदायक रहेगी। वाणी में संयम बनाये रखें तथा शिष्ट शब्दों का प्रयोग करें। अन्य बड़े ग्रहों के प्रभाव से अशुभता कुछ कम मात्रा में मिलेगी। व्यवसायिक यात्राओं पर जाना पड़ सकता है। आजीविका कार्यों से विदेश गमन की योजनाओं पर भी निर्णय लिया जा सकता है। साथ ही छात्र विदेश में उच्च शिक्षा के लिए प्रयास कर सकते हैं। इस विषय में समय की शुभता बनी हुई है। प्रेम सम्बन्धो के लिए समय विपरीत है।

कन्या:
स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहे, और कुछ दिन पूर्ण आराम भी करना पड़े तो अपनी सेहत को ध्यान में रखते हुए, यह भी करें। नींद न आना और मानसिक तनाव के कारण यह समय आपके लिए परेशानियों वाला रहेगा। व्यवसायिक कार्यो के लिये नए ऋण लेने से बचें। सहयोगियों की ओर से कुछ दिक्कतों का सामना आपको करना पड़ सकता है। आय क्षेत्रों में भाग्य भी अपना कार्य कर रहा है। प्यार -मोहब्बत में नाराजगी की स्थिति होने से आप कुछ समय के लिए परेशान हो सकते हैं। विदेश यात्राओं से आय स्त्रोतों में बढ़ोतरी हो सकती है।

तुला:
व्यय में कमी की स्थिति बनी हुई है। स्थान परिवर्तन, पदोन्नति और नया काम आपके पक्ष में है। विदेश में किसी प्रकार का कोई प्रोजेक्ट कार्य चल रहा हो तो वहाँ से उत्तम आय प्राप्ति हो सकती है। संतान पक्ष से सुख-सहयोग बना रहेगा। तथा शिक्षा क्षेत्र में छात्रों का परिणाम आशा के अनुकूल रहने की सम्भावना बन रही है। नया व्यापार या अपने कार्य का आरम्भ कर सकते है। मेहनत की अपेक्षा लाभ कुछ कम होने पर निराश न हो, आंशिक समय के लिए यह योग बने हुए है। माह अंत तक स्थिति आपके पक्ष में हो जाएगी।

वृश्चिक:
बुध गोचर में बिगड़ता स्वास्थ्य आपके व्ययों को बढ़ायेगा। प्रयास करने पर भी मनोकूल आय प्राप्त न होने की संभावना बन रही है। आय में कमी की चिंता आपके मानसिक कष्टों को बढ़ा सकती है। समय विशेष में दायित्वों में कमी से स्वयं को भारमुक्त महसूस करेंगे। दाम्पत्य जीवन सुखमय रहेगा। स्नेह-सहयोग से रिश्तों में प्रगाढ़ता बनी रह सकती है। माता-पिता के सहयोग से कार्य पूर्ण करने में मदद मिलेगी। रोग - ऋण पर नियंत्रण बनाये रखना हितकारी रहेगा।

धनु:
पिता से सम्बन्धों में घनिष्टता आयेगी। गुरु और आदरणीय व्यक्तियों के संपर्क में आने के पर्याप्त अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही पिता का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। भाग्य पक्ष में नहीं है इसलिए पुरुषार्थ और कर्मठता में किसी प्रकार की कमी करना अनुकूल नहीं होगा। गृहस्थ जीवन में सुख-सहयोग बना हुआ है। जीवन साथी के साथ मिलकर पारिवारिक कार्यों को पूरा करने में सहयोग करेंगे। इससे पूर्व चले आ रहे विवादों का भी अंत होगा। आय क्षेत्र बाधित हो रहा है, बाधाओं को दूर करने में मित्र और छोटे भाई-बहन उपयोगी भूमिका निभा सकते है। नए सम्बन्धो और नए अनुबंधों के लिए समय शुभ बना हुआ है। सम्मान और स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें। विपरीत परिस्थितियों का सामना साहस के साथ करेंगे। और शत्रु पक्ष परास्त रहेंगे।

मकर:
समय में अनुकूलता की कमी है। दाम्पत्य जीवन के सुखों में वृद्धि होगी, बशर्ते की आपसी रिश्तों में अहंकार भाव न आने दें। कार्यक्षेत्र में आपको अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बहुत संघर्ष करना पड़़ सकता है। छोटे भाई-बहनो से सहयोग कम ही मिल पायेगा, व्ययों की अत्यधिक बढ़ने के योग हैं। शत्रु आपकी योजनाओं को प्रभावित कर सकते हैं। गुप्त शत्रु भी इस समय में अधिक प्रभावी हो रहे हैं। इस माह के आखिरी दिनों से स्वास्थ्य आपके अनुकुल हो जायेगा। आजीविका क्षेत्र में विशेष शुभता बनी होने के कारण, एक ओर जहाँ अधीनस्थों से रिश्ते पहले से बेहतर होंगे, वहीं दूसरी ओर आपको भी अपनी योग्यता दिखाने के अवसर मिलेंगे।

कुम्भ:
बुध गोचर में आपको अपने सभी विशेष कार्यों में भाग्य का सहयोग प्राप्त होगा। कार्यों के प्रति आपकी लगन और पुरुषार्थ भी बना हुआ है। फिर भी ध्यान रखें की शीघ्र धन प्राप्ति के साधनो में धन का विनियोजन न करें, शेयर बाज़ार, लॉटरी और सट्टे आदि विषयों से दूरी बनाये रखना हानि से बचाएगा। इस समय में किये गए प्रयास आपको बाद में शुभ परिणाम देंगे। पारिवारिक विषयों में मन अधिक लगेगा। जीवन साथी से आंशिक अनबन को समय देकर दूर कर दें। आय क्षेत्रों की गति मंद रहेगी। प्यार को विवाह बंधन में बांधने के लिए समय शुभ बना हुआ है। अत्यधिक साहस और जोखिम न लें। संयम से काम लेने से परिणाम बेहतर प्राप्त होंगे।

मीन:
मन अशांत और विचलित रहेगा। अवधि विशेष में किसी विषय पर अत्यधिक सोच-विचार न करें, नहीं तो निर्णय लेते समय आप दुविधा में पड़ सकते है। मित्रों के साथ भ्रमण और पर्यटन के सुखद कार्यक्रम बनेगे। परिवार में कोई विवाद जन्म न ले, इसके लिए आपको सहनशीलता का परिचय देते हुए, विषयों को सहजता से सुलझाना होगा। उत्तेजना और क्रोध से स्थिति बिगड़ सकती है। संचित धन में वृद्धि के योग बने हुए है। स्वास्थ्य सुख उत्तम बना हुआ है। अधिक तीखे भोजन का सेवन न करें। विपरीतलिंग की ओर आपका आकर्षण बढ़ेगा। नौकरी में बदलाव करने का विचार सफल होगा। समस्याओं को साथ के साथ सुलझाते चले, आगे भविष्य में दिक्कत नहीं होगी।

जीवन में जिस प्रकार रोग ग्रस्त होने पर हम चिकित्सक के द्वारा बताई गई औषधियों और परहेज़ का पालन करने से फिर से आरोग्यता प्राप्त करते है, ठीक उसी प्रकार किसी ग्रह विशेष की अशुभता में कमी करने और शुभता को बढ़ाने के लिए ज्योतिषीय उपायों का सहारा लिया जाता है। ज्योतिषीय उपाय ग्रहों की अशुभता को पूर्ण रूप से नष्ट तो नहीं कर सकते, परन्तु इनकी अशुभता में कमी कर सकते है व साथ ही इनके अशुभ समय को बाद के लिए टाल सकते हैं। बुध की अशुभता में कमी करने के लिए आप कुछ सहज - सरल उपायों का सहारा ले सकते हैं। उपाय सरल है पर अचूक फल देने वाले हैं। आशा है श्रद्धा और विश्वास में किसी प्रकार की कमी न करते हुए आप इन उपायों से लाभ प्राप्त करेंगे।

१) स्नान के पानी में साबुत चावल के दाने डालकर स्नान करें।

२) बुध को प्रस्सन करने के लिए "ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम:" का जप करना चाहिए। इस मंत्र का एक माला अर्थात 108 बार जाप करने से बुध ग्रह की शान्ति होती है। बुध ग्रह जब गोचर में व्यक्ति के अनुकुल फल नहीं दे रहा हो तो इस मंत्र का जाप प्रतिदिन करना चाहिए।

३) बुध यंत्र को धारण करना। या पूजा घर में स्थापित कर नियमित पूजन-दर्शन करें।

रेखा कल्पदेव

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