बृहस्पति अस्त (जुलाई 9 & 10, 2014) - बृहस्पति का अस्त होना आपको कैसे प्रभावित करेगा!

बृहस्पति को सभी ग्रहों का गुरु कहा जाता है और यह अपने शुभ प्रभावों के लिए प्रचलित है। लेकिन बृहस्पति का अस्त होना इसके शुभ प्रभावों में अड़चनें ला सकता है। क्या आप सोच रहे हैं कि कैसे होंगे ये प्रभाव। आइये उन्हें विस्तार से जानें ‘पं. हनुमान मिश्रा’ द्वारा बृहस्पति अस्त पर दिया गया लेख पढ़कर।

बृहस्पति 9 व 10 जुलाई 2014 की दरम्यानी रात अस्त हो रहे हैं।

अस्त हो रहे हैं बृहस्पति अगले एक महीने के लिए, देवगुरु बृहस्पति 9 व 10 जुलाई 2014 की दरम्यानी रात अस्त हो रहे हैं, जबकि 8 व 9 अगस्त 2014 की दरम्यानी रात उदय हो रहे हैं। यानी कि 10 जुलाई 2014 से 8 अगस्त 2014 तक ये अस्त ही रहेंगे। जिन लोगो की कुंडली में बृहस्पति शुभ हैं उनके लिए यह स्थिति अच्छी नहीं है, खासकर यदि बृहस्पति की ही दशा या महादशा हो। ऐसे में जिनकी कुण्डली में बृहस्पति पंचम, नवम या लग्न से सम्बंध रखता हो उन्हें अपने अध्ययन और स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना होगा। प्रेम संबंध व संतान को लेकर समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। तीसरे, नवम या एकादश भाव से संबंध होने की स्थिति में लाभकारी यात्राओं में अड़चने आने की सम्भावनाएँ बनेंगी। छठे या बारहवें भाव से सम्बंध होने पर कानूनी अड़चने, स्वास्थ्य पीड़ा व दूर की यात्राओं में भय पैदा हो सकता है। बुरी लत लगने का भय रहेगा। सप्तम से संबंध होने पर दैनिक रोज़गार में विसंगतियाँ या जीवन साथी के साथ कुछ परेशानियाँ सम्भव हैं। अष्टम से सम्बंध होने पर बड़े बुज़ुर्गों का ख़याल रखना होगा। अष्टम या धन भाव से सम्बंध रखने की स्थिति में धन का विशेष ख़याल रखना होगा। चीज़ें गुम या चोरी होने का भय रहेगा। चतुर्थ या दशम से सम्बंध होने पर घर व कार्यस्थल दोनो में सामंजस्य बिठाना ज़रूरी होगा।

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इस पूरे एक महीने के दौरान विवाहादि समस्त शुभ कार्यों की मनाही रहेगी। मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा एवं नए प्रतिष्ठानों के उद्घाटन भी वर्जित हैं। गुरु के कर्क राशि में अस्त होने से उत्तर - पूर्व के हिस्सों में वर्षा के योग बनेंगे तथा मंहगाई में वृद्धि होगी। प्राकृतिक संकटों की सम्भावनाएँ बनी रहेंगी।

कर्क राशि में गुरु के अस्त होने के कारण जनता के मध्य आपसी तनाव विशेषकर उत्तर के राज्यों में तनाव सम्भव है। भारत देश की कुण्डली के तीसरे भाव में गुरु अस्त हो रहा है, अत: पड़ोसी राष्ट्रों से सही सहयोग न मिल पाने के कारण भारत सरकार युद्ध की नीति पर अधिक ध्यान दे सकती है या उस पर कोई योजना बना सकती है।

बृहस्पति अस्त के प्रभाव पढ़ने के लिए, दिए गए लिंक पर जाएँ : बृहस्पति अस्त (जुलाई 9/10, 2014)

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