बृहस्पति उदय (अगस्त ८, २०१४) - क्या बृहस्पति का उदय होना लाभकारी होगा?

यह लेख आपको बृहस्पति उदय के प्रभावों के बारे में ज्ञान देगा। ब्रस्पति उदय का हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा और यह हमें कैसे परिणाम देगा। यह सब जानने के लिए पढ़िए और समझिये बृहस्पति उदय का महत्त्व जिसे ज्योतिषी ‘रेखा कल्पदेव’ द्वारा लिखा गया है। 



गुरु का उदय होना आपके जीवन में किस प्रकार के बदलाव लेकर आने वाला है - आइए जानते हैं

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ज्योतिष शास्त्रों में गुरु और शुक्र को तारे की संज्ञा दी गई है। भारतीय संस्कृति में अनेक मांगलिक कार्यों के लिए गुरु और शुक्र की स्थिति का विचार किया जाता है।गुरु या शुक्र के अस्त होने पर किसी भी प्रकार के हिन्दू संस्कार- विवाह, उपनयन, चौलमुंडन, गृहारम्भ, गृहप्रवेश, शपथ ग्रहण समारोह, नववधू का घर प्रवेश इत्यादि की मनाही है। विशेष रूप से गृहस्थ जीवन से जुड़े शुभ कार्यों के लिए इन्हे उदित अवस्था में होना ही चाहिए। जैसे - गुरु और शुक्र उदित अवस्था में न हो तो, विवाह मुहूर्त पूर्ण शुभ नहीं माना जाता या जिन माह में गुरु, शुक्र अस्त होते हैं, उन माहों में विवाह करना वर्जित होता है। फलदीपिका के अनुसार जिस ग्रह की महादशा चल रही हो वही ग्रह जब गोचरवश अस्त होता है या अनिष्ट राशि में रहता है तब अशुभ फल देता है। इस तरह कहा जा सकता है कि गुरु और शुक्र की महादशा के दौरान जब जब गोचर में आने पर ये ग्रह अस्त अवस्था को प्राप्त होंगे तब तब जातक को कष्टकारक फल प्राप्त होंगे। सरल बोलचाल की भाषा में गुरु या शुक्र का अस्त होना तारा डूबना कहा जाता है।

गुरु कर्क राशि में, पश्चिम दिशा में ११ जुलाई २०१४ को अस्त हुए थे, २९ दिन अस्त रहने के बाद ८ अगस्त २०१४ को पूर्व दिशा में कर्क राशि में उदित हो रहे हैं। विभिन्न पंचांगों में अंतर होने के कारण तिथि में कुछ अंतर हो सकता है। गुरु ग्रह के उदय होने पर शहनाइयों की गूँज फिर से आप अपने आस पास में सुन सकेंगे। पूर्व दिशा में उदित होने के साथ ही गुरु सभी जनमानस के लिए शुभ मांगलिक कार्यों को करने की सूचना के साथ साथ ओर बहुत कुछ अपने साथ लेकर आ रहे है। गुरु का उदय होना आपके जीवन में किस प्रकार के बदलाव लेकर आने वाला है - आईये जानिए

यह राशिफल आपकी लग्न राशि के अनुसार दिया जा रहा है - आपकी जन्मकुंडली का पहला घर (भाव ) लग्न भाव होता है। और इस भाव में लिखी संख्या जन्मराशि बताती है। जैसे -यदि आपकी जन्मकुंडली के पहले भाव में संख्या १ लिखी है तो आपकी मेष लग्न है, २ होने पर वृषभ। इसी प्रकार अन्य। आप अपनी लग्न राशि हमारी वेबसाईट पर बहुत आसानी से जान सकते है। इसके लिए आपको यहाँ क्लिक करें -

मेष राशि

गुरु का उदय आपकी लग्न से चतुर्थ भाव पर हो रहा है। माता के स्वास्थ्य में कमी दूर होकर सेहत में सुधार होगा। गृह प्रवेश, भूमि भवन के क्रय-विक्रय के सौदे लाभ के साथ पूरे हो सकते है। चतुर्थ भाव पर इस समय गुरु के साथ सूर्य, बुध और शुक्र के भी होने से वाणी चातुर्य से सरकारी अनुबंध प्राप्त करने में सहयोग प्राप्त होगा। भाग्य भाव से गुरु का ६-८ की स्थिति में होना भाग्य में बाधाओं के होने का सूचक है। धार्मिक यात्राओं के लिए समय की विशेष शुभता बनी हुई है। भौतिक सुख -सुविधाओं का दायरा बढ़ेगा। लाभ और मान-सम्मान बढ़ेगा। सामाजिक कार्यों में सम्मिलित होने के अवसर प्राप्त होंगे। ग्रहो का आशीर्वाद आपको प्राप्त हो रहा है। 

वृषभ राशि

मिडिया क्षेत्रों में कार्यरत व्यक्ति अत्यधिक पराक्रम और जोखिम से काम लेने से बचे। भाग्य की बाधाएँ दूर होंगी। आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। आय वृद्धि के साथ स्थान परिवर्तन हो सकता है। सगे-सम्बन्धियों के साथ आमोद-प्रमोद के कार्यक्रम बन सकते है। यात्राओं में असुविधा का अनुभव करेंगे। निवास से कुछ समय के लिए दूर रहना पड सकता है। स्वयं पर विश्वास बनाये रखें, और कार्यों में आपकी रूचि कुछ कम हो सकती है। प्रयासों में कमी न करें, तथा निराशा से बचे। संतान पक्ष से वैचारिक मतभेद की स्थिति बन सकती है।

मिथुन राशि

गुरु का उदय आपकी जन्म राशि से दूसरे भाव में हो रहा है। धन सम्बन्धी जो दिक्कते अभी तक बनी हुई थी, वो दूर होंगी। रुका हुआ धन प्राप्त होगा। और जो शुभ कार्य इससे पूर्व निर्धारित हो चुके थे वो संपन्न होंगे। विदेशी संपर्क काम आयेँगे। बैंक, शेयर बाजार से जुड़े व्यक्तियों के कार्यों को सराहा जाएगा। साझेदारी और जीवन साथी से संबंधों में मिठास बढ़ेगी। व्यवसायिक विस्तार के लिए ऋण की व्यवस्था सहजता से हो सकती है। घर -परिवार में कोई बड़ा कार्य होने के शुभ संकेत प्राप्त हो रहे है। स्वास्थ्य सुख वृद्धि, भूमि-भवन के द्वारा किराये से आय प्राप्ति भी संभावित है।

कर्क राशि

स्वास्थ्य सम्बन्ध अनियमितताओं को अनदेखा न करें, शैक्षिक छात्रों को ज्ञानार्जन में सहयोग मिलेगा। संतान के कारण प्रसन्नता का अनुभव होगा। कार्यभार बढ़ा हुआ है। एक साथ कई योजनाओं पर कार्य करने के कारण, कार्यों के पूरा होने की गति मंद रहेगी। आप एक अच्छे नेता के रूप में सबके सामने आयेँगे। भाग्य का पूरा सहयोग आपके साथ बना हुआ है। परन्तु आर्थिक स्थिति कुछ समय के लिए प्रभावित रहेगी। धन सम्बन्धी विषय आपकी चिंताओं को बढ़ा सकते हैं। धर्म क्रियाओं की ओर आपका रुझान बढ़ेगा। वैवाहिक जीवन के सुख पहले से बेहतर होंगे।

सिंह राशि

बारहवें भाव में गुरु का उदय होना, आपके व्यर्थ के व्ययों पर नियंत्रण लगायेगा। इससे आपके द्वारा किये जा रहे व्यय आवश्यक कार्यों पर होंगे। धर्म - आध्यात्म के कार्यों में आपकी उपस्थिति बढ़ेगी। वैवाहिक जीवन में चल रही उलझनों से दिक्कतें और बढ़ेंगी। और जीवन साथी के साथ सम्बन्ध तनावपूर्ण हो सकते है। शत्रु सिर उठाएंगे पर आप उन्हें परास्त करने में सफल रहेंगे। प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले है तो परिणाम आपके पक्ष में आने की पूरी संभावनाएं बन रही है। जन्मस्थान से दूर जाना पड़ सकता है। अथवा अभी जिस निवास स्थान पर रह रहे है वहाँ से स्थान परिवर्तन के योग बन रहे हैं।

कन्या राशि

गुरु का उदय आपके आय भाव पर हो रहा है। गुरु आपके लिए चतुर्थ (घर) और सप्तम (वैवाहिक जीवन) के स्वामी है, ऐसे में गुरु की शुभता में बढ़ोतरी होने सबसे पहले तो आपके घर से प्राप्त होने वाले सुखों में शुभता बनेगी साथ ही दाम्पत्य जीवन सौहार्दपूर्ण होगा। जीवन साथी के सहयोग से कार्य पूर्ण होंगे। लाभ की स्थिति अनुकूल बनी हुई है। संतान के द्वारा मान -सम्मान की प्राप्ति होगी। छात्रवर्ग लिए समय की शुभता बनी हुई है। गुरु उदय काल में आपको शत्रुओं से विशेष सावधान रहना होगा। अपनी कूटनीति का प्रयोग कुशलता से करने से स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है।

तुला राशि

दशम भाव में गुरु का उदित होना कार्यक्षेत्र में आपकी महत्वता बढ़ायेगा। आपको विशेष विशिष्ट व्यक्तियों के साथ कार्य कर बहुत कुछ सिखने का अवसर प्राप्त होगा। उच्च अधिकारियों से सराहना मिल सकती है। राहु छठे भाव पर होने से शत्रुओं को नीतियों से शांत रखने का कार्य कर सकेंगे। व्यवसायिक व्यय बढ़ेंगे। बुध कर्क राशि में इसलिए बड़े निर्णय लेने समय असमंजस की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। व मंगल लग्न भाव पर उच्च के शनि के साथ विराजमान है। अपने क्रोध पर संयम रखें, उत्तेजना और जोश में आकर किसी भी प्रकार से अपने पर नियंत्रण न खोयें। संक्षेप में समय आपका साथ दे रहा है।

वृश्चिक राशि

इस समय गुरु आपके नवम भाव अर्थात भाग्य भाव पर विराजित है। इस भाव में गुरु का उदित होना आपके भाग्योदय का कारण बन रहा है। भाग्य का साथ न मिल पाने के कारण जो कार्य अभी तक किसी न किसी कारण टलते आ रहे थे, उन्हें करने का सही वक्त अब आ गया है। कुछ नया सीखने या प्रशिक्षण कार्यों के लिए समय अनुकूल बना हुआ है। पर्यटन या घूमने फिरने के लिए के लिए दूर स्थान पर जाने की स्थिति बन सकती है। कार्यों को कल पर टालने की प्रवृति सही नहीं है, दूसरों के भरोसे कार्यों को न छोड़े, रोग और शत्रु बढे हुए है। समय रहते इनका उपचार करें, धार्मिक विषयों को गूढ़ता के साथ जानने-समझने का प्रयास आप इस समय में कर सकते हैं।

धनु राशि

अष्टम में गुरु आपके दीर्घकालीन रोग जाग्रत कर आपके शारीरिक दुखों को बढ़ा सकते है। शुगर जैसे रोग आपको अपने प्रभाव में ले इससे पहले अपने खान -पान पर नियंत्रण बनाये रखे। संतुलित भोजन का सेवन करने से आरोग्यता की प्राप्ति होगी। आपके स्वास्थ्य को लेकर आपके परिवार के अन्य लोग भी चिंता में आ सकते है। गुरु के अस्त काल में आप अपने स्वभाव में विनम्रता की जो कमी महसूस कर रहे थे वो वापस आयेगी। इससे आपको अपने से जुड़े लोगों से सम्बन्ध बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। आजीविका क्षेत्र में राहु आपसे मेहनत के स्थान पर कूटनीति से कार्यों को निकलवा रहे है।ऐसे में कठिन लक्ष्यों को भी आप प्राप्त कर ख़ुशी का अनुभव कर रहे होंगे।

मकर राशि

साझेदारों और जीवन साथी से संबंधों में तनाव आ सकता है। नया व्यापार शुरू करने

के लिए समय प्रतीक्षा करने के लिए कह रहा है। धैर्य से काम ले। हानि से बच सकते है। विवादित विषयों को कोर्ट-कचहरी में ले जाना आपकी भाग-दौड़ को बढ़ाएगा और परिणाम भी आपके पक्ष में आने की संभावनाएं कम है। सरकारी कर या सरकारी नियमों का सख्ती से पालन न करना दंड का भागी बना सकता है। समय में प्रतिकूलता बनी हुई है। विदेश में या जन्म स्थान से दूर निवास करते है तो आपकी घर वापसी के शुभ योग बन रहे है। स्वयं को धर्म से जोड़े तथा पिता या गुरु के मार्गदर्शन से लाभ प्राप्त करें, भाग्य वृद्धि होगी।

कुम्भ राशि

गुरु इस अवधि में आपकी लग्न से छठे भाव में उदित हो रहे है। व गुरु आपके लिए आय और आयु भाव के स्वामी है। स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति के लिहाज से गुरु का छठे भाव में होना शुभ फलकारी नहीं है। शुद्ध भोजन का सेवन करें, दूषित भोजन से रोग परेशान कर सकते है। पेट और हृदय का खास ध्यान रखने की जरुरत है। शारीरिक कष्टों के निवारण के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा उत्तम फल देगी। ऋण पर दिया गया धन वापस आ सकता है। परन्तु कोई नया ऋण किसी को न दे, धन फंस सकता है। परिवार में किसी सदस्य की वृद्धि भी संभावित है। आकस्मिक धन प्राप्ति की संभावनाएँ भी बन रही है। पराक्रम बढ़ा हुआ है। प्रयासों में किसी प्रकार की कमी नहीं है। शत्रुओं से मानसिक चिंताओं में बढ़ोतरी होगी।

मीन राशि

गुरु आपकी लग्न से पांचवे भाव पर गोचरस्थ है। पंचम में गुरु का उदय होना आपकी ज्ञानार्जन रूचि को एक बार फिर से जगा रहा है। रिसर्च विषयों से जुड़े छात्रों को अध्ययन करने में समय की शुभता प्राप्त होगी। इसे ज्ञान चक्षु खुलना भी कहा जा सकता है। स्वयं के अंतःकरण में विषयों को समाहित करने की कोशिश आप इस अवधि में करेंगे। नौकरी पेशा व्यक्तियों के लिए नौकरी में बदलाव की स्थिति बनी हुई है। इस विषय में किये गए सभी प्रयास सफल रहेंगे। साझेदारी में कोई नया कार्य शुरू न करें तथा साझेदारों पर अत्यधिक विश्वास करने से हानि / धोखा प्राप्त हो सकता है।

उपाय ग्रहों की अशुभता में कमी कर शुभता में बढ़ोतरी करते है - जिन जातकों को गुरु के उदित अवस्था में जाने के शुभ फल प्राप्त नहीं होने वाले है या जिन व्यक्तियों की कुंडली में गुरु अशुभ भावों का स्वामी होकर, अशुभ भाव में स्थित हो और पाप ग्रहों के प्रभाव में हो उन्हें विशेष रूप से गुरु उपायों से राहत मिल सकती है। 

उपाय - 

ऊं गुं गुरुवाये नम: " इस मंत्र का जाप प्रतिदिन एक माला या एक से अधिक माला प्रतिदिन करना शुभ होगा। 

रेखा कल्पदेव

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