2 मिनट ज्योतिष कोर्स - जानें षोडशवर्ग और उससे सम्बंधित रहस्य

आएँ, ज्योतिष सीखें सिर्फ़ २ मिनट में ज्योतिषी ‘पुनीत पाण्डे’ के साथ। हमारी यह 2 मिनट ज्योतिष कोर्स की शृंखला आपको आसानी से ज्योतिष के बारे में बहुत कुछ सिखाएगीI आज हमारे ज्योतिषी जिस विषय की चर्चा करने जा रहे हैं वो है ‘षोडशवर्ग’।

आप इस पाठ की वीडियो नीचे देख सकते हैं-



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हम जानते हैं कि अगर राशिचक्र को बराबर 12 भागों में बांटा जाय तो हर एक हिस्‍सा कहलाता है 'राशि'। सूक्ष्‍म फलकथन के लिए राशि के भी विभाग किए जाते हैं और उन्‍हें वर्ग कहते हैं। वर्गों को अंग्रेज़ी में डिवीज़न (division) और वर्गों पर आधारित कुण्‍डली (वर्ग चर्क्र) को डिवीज़नल चार्ट (divisional chart) कह दिया जाता है। वर्गों को ज्‍योतिष में नाम दिए गए हैं, जैसे अगर राशि को दो हिस्‍सों में बांटा जाय तो ऐसे विभाग को कहते हैं होरा। इसी तरह अगर राशि के तीन हिस्‍से करे जायें तो कहते हैं द्रेष्‍काण, नौ हिस्‍से किए जायें तो कहते हैं नवमांश। इसी तरह हर एक वर्ग विभाजन को नाम दिए गए हैं। आजकल सोलह वर्ग विभाजन काफ़ी प्रचलित हो रहे हैं और उनको कहते हैं षोडशवर्ग।

षोडशवर्ग के सोलह वर्ग और उनसे विचारणीय विषय ब्‍लैकबोर्ड पर देखें।

वर्ग नाम वर्ग संख्‍या विचारणीय विषय
लग्‍न 1 देह
होरा 2 धन
द्रेष्‍काण 3 भाई बहनें
चतुर्थांश 4 भाग्‍य
सप्‍तमांश 7 पुत्र – पौत्रादि
नवमांश 9 स्‍त्री एवं विवाह
दशमांश 10 राज्‍य एवं कर्म
द्वादशांश 12 मा‍ता पिता
षोडशांश 16 वाहनों से सुख दुख
विशांश 20 उपासना
चतुर्विशांश 24 विद्या
सप्‍तविंशांश या भांश 27 बलाबल
त्रिशांश 30 अरिष्‍ट
खवेदांश 40 शुभ अशुभ
अक्षवेदांश 45 सबकी बेहतरी
षष्‍ट्यंश 60 सबकी बेहतरी

वर्गों के गणित पर मैं नहीं जाउूंगा। आप एस्‍ट्रोसेज या कोई अन्‍य सोफ्टवेयर से वर्गों की गणना कर सकते हैं। वर्गों का प्रयोग खासकर ग्रहों के बल की गणना के लिए किया जाता है। सामान्‍य तौर पर जो ग्रह जितने ज़्यादा उच्‍च वर्ग, मित्र वर्ग और शुभ ग्रहों के वर्ग पाता है वह उतना ही शुभ फल देता है। जो ग्रह जितना ज़्यादा ताकतवर होता है वह अपना फल उतना ही ज़्यादा दे पाता है। शुरुआती दौर में वर्ग बहुत कनफ़्यूज़ करते हैं इसलिए आप अपना ध्‍यान सिर्फ नवांश पर लगाएँ। अगर कोई ग्रह नवांश में कमज़ोर है यानि कि नीच राशि का या शत्रु राशि का है तो अपने शुभ फल नहीं दे पाता। अगर कोई ग्रह कुण्‍डली में उच्‍च का भी हो पर नवांश में नीच का हो तो वह ग्रह कुछ खास शुभ फल नहीं दे पाएगा।

इन सभी वर्गों में नवांश या नवमांश सबसे महत्‍वपूर्ण होता है।

इन महत्‍वपूर्ण नियमों का अभ्‍यास करें। अगले एपीसोड तक, नमस्‍कार।

पुनीत पाण्डे

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3 comments:

  1. पुनीतजी आपने कहा है की परिणाम की सटिकता और सूक्ष्मिता के लिए लगन के स्थान पर नवांश का प्रयोग करना चाहिए लेकिन मैं ये जानना चाहता हूँ की यदि किसी कुंडली की सटीकता और सूक्ष्मिता नवांश पर निर्भर करती है तो फिर नवांश का ही स्तेमाल क्यों न किया जाये लगन कुंडली का स्तेमाल क्यों किया जाता है मैं काफी उलझ गया हूँ कृपया मार्गदर्शन करें एवं नवांश को देखने की विधि भी भी बताने की कृपा करें .धन्यवाद

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  2. My dob is 11-4-84, 6:37am ludhiana. I want to knw abt my luck in bussiness and financial mattars

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