सूर्य सिंह राशि प्रवेश (१७ अगस्त २०१४) - सिंह और सूर्य के ऊर्जावान संयोजन को अनुभव करें

ग्रहों के राजा सूर्य का गोचर सिंह राशि में अगस्त १७, २०१४ को हो रहा है। यह गोचर विशेष फलदायी होगा क्योंकि सूर्य स्वयं अपनी राशि में गोचर कर रहे हैं। क्या होंगे ये विशेष प्रभाव, आइये जानें ज्योतिषी ‘रेखा कल्पदेव’ द्वारा।

आइये जानें कैसे बदलाव लाएगा ऊर्जा देने वाले सूर्य का गोचर।

सूर्य नवग्रहों में राजा का स्थान रखता है। जैसा की हम सभी सुनते आये हैं कि प्राचीन समय में राज्य की सभी गतिविधियाँ राजा के चारों ओर गति किया करती थी। राज्य का प्रत्येक फैसला राजा से होकर जाता था और राजा का निर्णय ही अंतिम निर्णय हुआ करता था। आज राज्य का संचालन राजा के हाथ से निकल कर राज्य की सरकारों के हाथ में पहुँच गया है। अधिकारों की बागडोर आज भी वही है, केवल इन्हे थामने वाले हाथ बदल गए हैं। जो गौरवपूर्ण स्थान आज सरकार को प्राप्त है, वही पद -प्रतिष्ठा ग्रहों में सूर्य को प्राप्त है। सूर्य ग्रह आत्मविश्वास, सरकारी काम - काज, कर प्रणाली और शरीर में हड्डियों का कारक माना गया है। रोगों से लड़ने की शक्ति हमें सूर्य से ही प्राप्त होती है। यही वजह है कि सूर्य की स्थिति न केवल जन्मकुंडली में विशेष महत्व रखती है, बल्कि गोचर में भी सूर्य के राशि बदलाव को खासी अहमियत दी जाती है।

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१७ अगस्त २०१४, मघा नक्षत्र में सूर्य अपनी स्वराशि सिंह में प्रवेश कर रहे हैं। इस दिन की ग्रह विशेषता इसलिए भी बढ़ रही है क्योंकि इस दिन सूर्य स्वयं की स्वराशि में प्रवेश कर रहे हैं, चन्द्र - उच्च राशि में गोचरस्थ हैं, बुध - उच्चराशि की ओर अग्रसर हैं, गुरु - उच्च राशिस्थ हैं, शुक्र, चन्द्र से राशिपरिवर्तन योग बना रहे हैं, शनि - उच्चराशिस्थ हैं, राहु / केतु भी - उच्च राशिशस्थ हैं। सरल शब्दों में कहें तो यह इस दिन बनने वाला एक अदभुत ज्योतिषीय योग है, जो अनेक वर्षों में बनता है। इस योग में नौ ग्रहों में से पांच ग्रह उच्चराशि प्राप्त हैं, १ स्वराशि में है तथा शेष शुभयोग बना रहे हैं। अदभुत योग में प्राप्त होने वाले फल भी अदभुत ही हुआ करते हैं। यह सब जानने के बाद निसंदेह आप यह जानना चाहेंगे की यह गोचर आप पर अपना कैसा प्रभाव छोड़ने वाला है। आपकी उत्सुकता को शांत करते हुए आपको बताते हैं कि सिंह राशि में स्थित हो, सूर्य आपको किस प्रकार के फल देने वाले है-

यह गोचरफल आपकी जन्मराशि के अनुसार लिखा गया है - जन्मराशि के लिए क्लिक करें

मेष राशि
पंचम भाव पर सूर्य का गोचर अनुकूल फलदायी नहीं माना जाता। समय की अशुभता को टालने के लिए प्रेम - संबंधों में अहंकार भाव से दूरी बनाये रखें। अवधि विशेष में क्रोध और उत्तेजना में आकर आपके अपने पिता से सम्बन्ध प्रभावित हो सकते हैं। संतान से कष्ट और सुख में कमी की स्थिति बनी हुई है। भूमि-भवन, वाहन पर सोचविचार के बाद ही व्यय करें, व्यय बढ़े हुए हैं, साथ ही भूमि का क्रय-विक्रय करते समय कागज़ातों की प्रमाणिकता की जांच करना हितकारी रहेगा। धोखे और संशय की स्थिति बनी हुई है। भवन-किराये से आय प्राप्ति संभावित है। पिता के स्वास्थ्य के प्रति सावधानी बरतें। वैवाहिक जीवन में सुख की कमी का अनुभव हो सकता है।

वृषभ राशि
आपकी राशि से सूर्य चतुर्थ भाव पर रहेंगे। इस भाव में सूर्य का गोचर सुखों को प्रभावित कर आपकी सामजिक मान -प्रतिष्ठा को प्रभावित करेगा। समय विशेष में स्वार्थवादी बनने से पारिवारिक सम्बन्ध ख़राब हो सकते हैं। सर्वहित का विचार करने के बाद ही परिवार से जुड़ा कोई निर्णय लेना उचित होगा। सूर्य गोचर की इस अवधि में आपको अपने हृदय का विशेष ध्यान रखना होगा। उच्च रक्त चाप इत्यादि से आंशिक समय के लिए आपका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। परहेज़ और सावधानी हितकारी रहेगी। शत्रु परेशानियों का कारण बन सकते हैं। मित्रों की स्थिति भी संदेहजनक बनी हुई है। प्रेम संबंधों में मित्रों पर अधिक विश्वास करने से बचें। किसी नए व्यवसाय का आरम्भ करने का विचार है तो अभी कुछ समय प्रतीक्षा करें। व्यवसायिक गुप्त नीतियों का खुलासा करना सही नहीं रहेगा। वैवाहिक जीवन पर मंगल-शनि की स्थिति तनाव का माहौल बना सकती है।

मिथुन राशि
सिंह राशि में सूर्य आपके लिए अधिकारों और दायित्वों दोनों को लेकर आये हैं। लगन से किये गए कार्यों में सफलता का सहयोग आपको प्राप्त होगा। तकनीकी क्षेत्रों में कार्य कर रहे व्यक्तियों को समय की विशेष शुभता का लाभ प्राप्त हो रहा है। आय और पदोन्नति का उपहार आपको प्राप्त हो सकता है। वाणी में शहद की मिठास आजीविका क्षेत्र के संबंधों को प्रगाढ़ बनाये रखेगी। उच्चाधिकारी आपकी योग्यता और अनुभव से प्रभावित नज़र आयेँगे। कार्यों में सराहना मिल सकती है। सहयोगियों से सहयोग कुछ कम मिल रहा है। व्ययों का मुख्य केंद्र पारिवारिक विषयों पर बना हुआ है। इस समय आपकी प्रवृति हाथ खिंच कर व्यय करने की रहेगी। मित्र वर्ग आपसे प्रसन्न रहेगा। यात्रा और आपसी विचारों के आदान प्रदान के अनुकूल अवसर प्राप्त होंगे। मिडिया और संप्रेषण क्षेत्रों से जुड़े व्यक्तियों के समय खास रहेगा। तीसरे भाव पर सूर्य की स्थिति शुभ फलकारी कही गई है। इसलिए समय की विशेष शुभता का लाभ उठायें।

कर्क राशि
परिवार में आधिकारिक भावना पनपने से घर - परिवार में कुछ दिक्कते बढ़ जाएँगी। परिवार में अधिकारों की मांग करने के साथ-साथ आने वाले दायित्वों का भी निर्वाह करते रहें, इससे पारिवारिक सुख-शान्ति को सहयोग मिलेगा। इसके अलावा घर में छोटों पर अत्यधिक अनुशासन न बनाये अन्यथा विद्रोह की स्थिति बन सकती है। सूर्य आपकी जन्मराशि से दूसरे भाव पर है, इसलिए आपकी वाणी में कठोरता का भाव बना रहेगा। मित्रों पर छोड़े गए कार्य अधूरे रहने के योग बन रहे है। इस अवधि में कई इच्छाएं जन्म लेंगी, जिनमें से कुछ पूरी होकर आपकी ख़ुशी और उत्साह को बढ़ाएंगी। धर्म- आध्यात्मिक विषयों की ओर आपका झुकाव अनायास ही बढ़ जाएगा। बढ़ता हुआ कार्यभार आपके आराम में कमी का कारण बनेगा। छात्रों में आलस्य भाव अधिक और मेहनत, लगन का भाव कम बन रहा है।

सिंह राशि
स्वास्थ्य में उतार- चढाव की स्थिति रहेगी। विशेष रूप से सिर दर्द आपकी परेशानी का कारण बन सकता है। दूसरों से अनुशासनात्मक व्यवहार की अपेक्षा रखेंगे। क्रोध शीघ्र आयेगा। स्वयं के द्वारा दिए गए आदेशों का सख्ती से पालन करवाना आप चाहेंगे। कार्यक्षेत्र के कार्यों में आपकी एकाग्रता केंद्रित रहेगी व प्रशासनिक और बौद्धिक कार्यों मे सहजता का योग बना हुआ है। राहु दूसरे भाव में आपके परिवार में वैचारिक मतभेद का माहौल बना रहा है। बातचीत करते रहने से स्थिति यथावत किया जा सकेगा। इस समय में संचय करना बेहद कठिन कार्य होगा। शुभ कार्यों पर खर्चे हो सकते है। विदेश में शिक्षा प्राप्ति के लिए प्रयासरत छात्रों को ग्रह योगों का सहयोग प्राप्त हो रहा है। जीवन साथी को पर्याप्त समय दे।

कन्या राशि
जन्मराशि से बारहवें भाव में सूर्य आपकी निद्रा को प्रभावित करेगा। पूर्ण निद्रा का अभाव आप महसूस करेंगे। वैवाहिक जीवनयापन कर रहे व्यक्तियों को शयन कक्ष में जीवन साथी के साथ ऐसे विषयों की चर्चा करने से बचना होगा, जिससे आपसी रिश्तों में टकराव पैदा हो। राहु जन्मराशि पर विराजमान है इसलिए कार्यों को निकलवाना आप इस समय बेहतर ढंग से जानते हैं। परिस्थिति के अनुसार आप अपने व्यवहार को बदल लेंगे। आपके इस व्यवहार से नए माहौल में शीघ्र समायोजित हो जाएंगे। व्यवसायिक कार्यों से विदेश गमन संभावित है। व्ययो की अधिकता बनी हुई है। शिक्षा क्षेत्र से जुड़े छात्रों और शिक्षकों के लिए समय अनुकूल बना हुआ है। खान-पान में सावधानी बरतें।

तुला राशि
सूर्य का राशि बदलाव एकादश भाव में होने से आपकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। लाभ और आय के नवीन मार्ग खुलेंगे। कार्यकारी शक्तिओं में वृद्धि तथा योग्यता अनुसार पदोन्नति की प्राप्ति आपको प्रसन्नता देगी। जन्मराशि पर शनि-मंगल की स्थिति न्यायकारी विषयो में आपकी भूमिका को विशेष अहमियत देगा। दूसरों को न्याय दिलाने या दूसरों के हक़ के लिए लड़ने के लिए आप तत्पर रहेंगे। अवधि विशेष में आपमें ऊर्जा शक्ति और जोश सराहनीय रहेगा। विदेशी संपर्कों से आय की संभावनाएं प्रबल होंगी। कार्यक्षेत्र में अनुभव काम आयेगा। वरिष्ठजनों का सहयोग बना हुआ है, कार्यकुशलता में निखार आयेगा। वैवाहिक जीवन पर तनाव आपके कष्टों को बढ़ा सकता है। इसके अलावा व्ययों पर कुछ हद तक नियंत्रण बनाये रखने में आप कामयाब रहेंगे।

वृश्चिक राशि
आपकी जन्मराशि से दसवें भाव पर सूर्य विचरण कर रहा है। व्यवसायिक कार्यों में सफलता, आधिकारिक शक्तियों के दायरे का विस्तार होगा। उच्चाधिकारी आपके कार्य को पसंद करेंगे। अधिकारियों से रिश्ते बेहतर होंगे। गणनात्मक और प्रशासनिक कार्यों में रूचि बढ़ेगी। जीवनसाथी अथवा मित्रवर्ग के साथ निकट के रमणीय स्थानों पर जाने के अवसर आपको प्राप्त हो सकते हैं। शत्रु पक्ष से सावधानी बनाये रखें। कोर्ट-कचहरी का कोई विवाद चल रहा हो तो फैसला आपके पक्ष में होने की संभावना बन रही है। सामाजिक गतिविधियों में आपकी क्रियाशीलता बढ़ रही है।

धनु राशि
भाग्य का सहयोग प्राप्त न होने के कारण आपको प्रयास अधिक करने होंगे। नवम भाव में सूर्य पिता के स्वास्थ्य में गिरावट दर्शा रहे हैं। कार्यभार सामान्य से कम रहेगा। कुशल नीतियों के उपयोग से योजनाओं को समय पर पूरा करने में मदद मिलेगी। तकनीकी क्षेत्रों से जुड़े व्यक्तियों को इस समय में विशेष दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य का अनुकूल न रहना आपके अन्य कार्यों में व्यवधान डालेगा। शुगर और मोटापे के कारण होने वाले रोगों के प्रति सतर्क रहें। समय समय पर चिकित्सक से जाँच करवाते रहने से रोग समय पर पकड़ में आ सकते हैं।

मकर राशि
सूर्य अष्टम भाव में गोचर कर रहा है। आप पर रोगों का प्रभाव शीघ्र हो सकता है। स्वास्थ्य के प्रति किसी भी प्रकार की लापरवाही ठीक नहीं होगी। युवावर्ग पर पश्चिम जीवनशैली की पकड़ पहले से अधिक मज़बूत हो सकती है। भोग - विलास के विषयों में विशेष सुख की प्राप्ति होगी। गृहस्थ जीवन पर व्यय बढ़ेंगे। भूमि - भवन के कार्यों में समय अनुकूल बना हुआ है। नया मकान लेना चाहते हैं तो अवसर शुभ बना हुआ है। प्यार-मोहब्बत में जल्दबाजी करने से बचें। खर्चों पर नियंत्रण बनाने में कामयाबी मिलेगी तथा अत्यधिक कार्य करने के बाद व्यवसायिक योजनाओं में सफलता के योग बन रहे हैं। अपने व्यस्त दैनिक कार्यक्रम से कुछ समय धार्मिक गतिविधियों के लिए भी निकालें। यह भाग्य में वृद्धि करेगा।

कुम्भ राशि
विवाहित व्यक्तियों के लिए सूर्य का गोचर विशेष रूप से दाम्पत्य जीवन पर केंद्रित रहेगा। विवाह भाव में सूर्य शुभ फलदायी नहीं होता। पहले से विवाहित हैं तो आपको अपने जीवन साथी के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है। नाराज़गी और मनमुटाव का माहौल बना रहेगा। इस माहौल को सहज बनाने में आपको अच्छी खासी मेहनत करनी पड़ सकती है। साझेदारी व्यापार में भी सम्बन्ध ख़राब हो सकते हैं। अहंकारी भाव और अधिकारों को सीमित रखने की प्रवृति व्यापार की उलझने बढ़ाएगी। आय स्त्रोतों की गति मंद रहेगी पर अच्छी बात यह है की कार्यों में आपके प्रयास पूर्ण बने हुए हैं। सुख -चैन प्रभावित हो रहा है। स्वयं को चिंतामुक्त रखने के लिए व्यायाम या योग का सहारा लिया जा सकता है।

मीन राशि
बहुत अच्छा समय है। प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों को सफलता का स्वाद चखने को मिलेगा। शत्रु / विरोधी आपके प्रभाव से शांत रहेंगे। खान-पान में संयम की कमी स्वास्थ्य को ख़राब कर सकती है। जीवन साथी से कुछ विषयों में विरोधाभास की स्थिति बन सकती है। व्यक्तिगत पसंद को महत्व दें और पारिवारिक मुद्दों को लम्बा न खींचे। नौकरी पेशा लोग चाहें तो बदलाव की सोच सकते हैं। प्रेम - संबंधों में शुभता बनी हुई है। रुके हुए धन के आने से आपके संचय में बढ़ोतरी हो सकती है। प्रबंधकीय विषयों पर कार्यरत व्यक्तियों के लिए यह समय खास रहेगा।

जन्मकुंडली में सूर्य की निर्बल स्थिति, अशुभ प्रभाव तथा गोचर में प्राप्त होने वाले अशुभ परिणामों को दूर करने के लिए प्रभावित व्यक्तियों को सूर्य के उपाय करने से राहत प्राप्त होती है। जिन व्यक्तियों पर सूर्य की महादशा / अन्तर्दशा का प्रभाव अनुकूल न चल रहा हो वे सब भी इन उपायों को कर लाभान्वित हो सकते हैं। उपाय अपने सामर्थ्य के अनुसार करें, शुद्धता का ख्याल रखे तथा श्रद्धा में किसी भी प्रकार की कमी परिणामों में कमी का कारण बन सकती है, अत: उपाय पूर्ण विश्वास के साथ करने जरुरी है।

१. सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि और दैनिक क्रियाओं से निवृत हो, सूर्य के सामने खड़े होकर सूर्यनमस्कार करें। साथ ही सूर्य को जल भी अर्पित करे।
२. सूर्य मंत्र का एक माला जप प्राप्तकाल में करें। मन्त्र इस प्रकार है - ॐ घृणि सूर्याय नमः
३. सूर्य यंत्र का नियमित दर्शन - पूजन करें।
४. पिता का आदर करते रहने और पिता के चरण स्पर्श से भी सूर्य देव प्रसन्न होते हैं।

रेखा कल्पदेव

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