ग्रहों का राजकुमार बुद्ध ग्रह कर्क राशि में गोचर कर रहा है। इसका सौम्य स्वभाव ज़्यादातर लोगों के लिए शुभ फ़लदायी ही होता है। लेकिन क्या आप जानना चाहते हैं कि इस बार बुद्ध ग्रह का गोचर कैसे फ़ल देने वाला रहेगा? इन प्रभावों को विस्तार से जानने के लिए ‘पं. हनुमान मिश्रा’ द्वारा दी गयी ज्योतिषीय गणनाओं को पढ़ें।
बुध २९ जुलाई, मंगलवार के दिन ०५:४० प्रात: कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। इस राशि में बुध १ अगस्त से मार्गी होकर २६ अगस्त को अस्त हो जायेंगे। तथा इस राशि में बुध की स्थिति १२ अगस्त रात्रि ०९:०७ बजे तक रहेगी। बुध ग्रहों में राजकुमार का स्थान रखते है। बुध को सौम्य ग्रहों में शामिल किया जाता है। शुभ ग्रहों के साथ होने पर बुध शुभ होते है तथा अशुभ ग्रहों से युति होने पर ये अशुभ फल प्रदान करते हैं। बुध आपको व्यवहार कुशलता का गुण देते है। सही समय पर सही निर्णय लेने की योग्यता आप में बुध के प्रभाव से ही आती है।
ज्योतिष शास्त्र में बुध को चन्द्र की माता का स्थान प्राप्त है। साथ ही बुध चन्द्र से शत्रु सम्बन्ध रखते है। शत्रु सम्बन्ध होने से यह तो स्पष्ट हो गया कि माता-पुत्र के सम्बन्ध बहुत मधुर नहीं है। कर्क राशि में गोचर की अवधि में बुध, सूर्य और गुरु के साथ युति बनाएंगे तथा शनि ग्रह से दृष्टि सम्बन्ध स्थापित करेंगे। बुध का राशि परिवर्तन सभी राशि के व्यक्तियों के जीवन की घटनाओं को प्रभावित करेगा।
बुद्ध के कर्क राशि में गोचर के प्रभाव विस्तार से जानने के लिए आगे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: बुद्ध का कर्क राशि में गोचर (जुलाई २९, २०१४)
No comments:
Post a Comment