शारदीय नवरात्रि षष्ठी आज, जानें पूजा-विधि

आश्विन शुल्क पक्ष शारदीय नवरात्रि की षष्ठी तिथि को ‘देवी कात्यायनी’ का पूजन होता है, और इस दिन जो भी भक्त पूरे विधि-विधान के साथ इनकी पूजा अर्चना करते है देवी उसकी सभी इच्छा पूर्ण करती हैं एवं ज्ञान और अध्यात्म प्रदान करती हैं। देवी कात्यायनी बृहस्पति ग्रह का प्रतीक भी मानी जाती हैं। बृहस्पति ग्रह हमारे जीवन में ज्ञान, बुद्धिमत्ता और अध्यात्म का कारक है। 

नवरात्रि 2016 षष्ठी तिथि


षष्ठी तिथि को माँ भगवती के कात्यायनी स्वरुप का पूजन किया जाता है। देवताओं का कार्य सिद्ध करने के लिए महर्षि कात्यायन के आश्रम में प्रकट होने पर महर्षि ने उन्हें अपनी पुत्री माना इसलिए इनका नाम कात्यायनी पड़ा। माँ कात्यायनी का स्वरुप अत्यंत भव्य व दिव्य है। वर्ण सोने के सामान चमकीला है जिसमे सूर्य का तेज समाहित है। माँ की चार भुजाएं हैं। दाहिनी ओर की ऊपर वाली भुजा अभय मुद्रा में तथा नीचे की भुजा वर मुद्रा में है। बायीं ओर की ऊपर वाली भुजा में तलवार तथा नीचे वाली भुजा में कमल पुष्प सुशोभित है। इनका वाहन सिंह माना गया है। भोग के रूप में इन्हें शहद प्रिय है। अविवाहित कन्याओं को माँ कात्यायनी की सेवा अवश्य करनी चाहिए क्योंकि माँ सेवा से प्रसन्न होकर अतिशीघ्र विवाह योग निर्मित कर देती है। इनकी आराधना से आज्ञा चक्र जाग्रत होता है जिससे रोग, शोक, संताप व भय से मुक्ति मिलती है तथा रुके हुए कार्य संपन्न होते हैं। भगवान कृष्ण के समान पति की इच्छा रखने वाली महिलाएँ माँ कात्यायनी की पूजा करती हैं।



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नीचे दिए गए मंत्र का पूर्ण विशवास के साथ जाप करने से आपको जीवन में देवी कात्यायनी के आशीर्वाद की विशेष अनुभूति होगी एवं आपके जीवन में चल रही परेशानियां दूर होंगी। 

चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥

पूजा विधि विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें: शारदीय नवरात्रि 2016 पूजा विधि

ऐसी भी मान्यता है कि देवी कन्या कुमारी को ही कात्यायनीका अवतार माना गया है। अगर विवाह में किसी प्रकार की बाधा आ रही है तो देवी के इस रूप की पूजा करना कारगर होता है। 


माता कात्यायनि को शहद बहुत प्रिय है, इसलिए पूजा में शहद ज़रूर शामिल करें। आज के दिन का शुभ रंग सफ़ेद है। नवरात्रि के छठे दिन माँ की पूजा पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ करें, आपकी सभी मनोकामनाएँ अवश्य पूरी होंगी।

शास्त्रों के अनुसार देवी कात्यायनी बृहस्पति ग्रह का प्रतीक मानी गई हैं। यदि आप अपनी जन्म कुंडली के अनुसार बृहस्पति ग्रह को मज़बूत करके अच्छे परिणाम लेना चाहते हैं तो नवरात्रि के पावन दिनों में आप बृहस्पति ग्रह और देवी से जुड़े असली पदार्थ मँगवा सकते हैं। और आप इन् पावन दिनों का सही लाभ उठा पाएं इसके लिए एस्ट्रोसेज ने अपने सभी उपभोगताओं और पाठकगणों के लिए एक सुनहरा अवसर प्रस्तुत किया है l इस मौके का लाभ आप भी अवश्य उठाएं।

नीचे दिए गए पदार्थों का उपयोग आश्विन शुक्ल पक्ष नवरात्रि की षष्ठी तिथि के अवसर पर देवी कात्यायनी को प्रसन्न करने के लिए एवं बृहस्पति ग्रह को मज़बूत करके अच्छे परिणाम ग्रहण करने के लिए किया जाता है।


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आप सभी को एस्ट्रोसेज की ओर से शरद नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ।

आपका दिन मंगलमय हो!

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