जानें भाई दूज पर यमुना में स्नान का महत्व! पढ़ें इस पर्व का धार्मिक और पौराणिक महत्व व जानें परंपरा और नियम।
हिन्दू धर्म में भाई दूज का पर्व, भाई और बहन के अटूट रिश्ते के महत्व को दर्शाता है। इस पर्व से जुड़ी एक पौराणिक कहानी भी है, जो इसके महत्व को बढ़ाती है। भाई दूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाने वाला पर्व है। यह तिथि दिवाली के दूसरे दिन आती है। इस साल यह पर्व 21 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। भाई दूज के अवसर पर हर बहन अपने भाई का तिलक करती है और उनके बेहतर स्वास्थ्य व समृद्धि की कामना करती है। इसके बदले में हर भाई अपनी बहन को उनकी रक्षा का वचन और उपहार भेंट करते हैं।
भाई दूज मुहूर्त
दिनांक | आरंभ समय | समाप्ति समय | अवधि |
21 अक्टूबर, 2017 (शनिवार) | 13:13:46 | 15:29:56 | 2 घंटे 16 मिनट |
यह मुहूर्त नई दिल्ली के लिए प्रभावी है। जानें अपने शहर में: भाई दूज तिलक मुहूर्त
परंपरा और पूजा विधि
- इस दिन भाई के तिलक के लिए थाली सजाएं। इसमें पुष्प, कुमकुम और चावल आदि रखें।
- एक निश्चित स्थान पर चावल के मिश्रण से चौक बनाएं और उस पर भाई को बिठाएं।
- इसके बाद शुभ मुहूर्त में भाई का तिलक करें और उन्हें मिठाई खिलाएं।
पौराणिक कथा और मान्यता
हिन्दू धर्म में हर तीज,त्यौहार और व्रत का धार्मिक महत्व होता है और इनके साथ जुड़ी होती है पौराणिक कथाएं। भाई दूज पर्व के संबंध में भी दो पौराणिक कहानियों का उल्लेख मिलता है।
यम और यामि की कथा
यम और यमी सूर्य देव के पुत्र और पुत्री थे। धार्मिक मान्यता के अनुसार भाई दूज के दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर गए थे। इस अवसर पर यमुना ने भाई यमराज को भोजन कराया और उनका तिलक किया। इससे प्रसन्न होकर यमराज ने यमी को वचन दिया कि, जो भी बहन इस दिन अपने भाई का तिलक करेगी उसे मेरा भय नहीं होगा। इसी दिन से भाई दूज पर्व की शुरुआत हुई, जिसे यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन यमुना नदी में स्नान का बड़ा महत्व है। जो भाई-बहन भाई दूज पर यमुना नदी में स्नान करते हैं उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है।
कृष्ण और सुभद्रा
एक अन्य मत के अनुसार भाई दूज के दिन ही भगवान श्री कृष्ण राक्षस नरकासुर का वध करके द्वारिका लौटे थे। इस खुशी में उनकी बहन सुभद्रा ने अनेकों दीये जलाकर उनका स्वागत किया था और भगवान श्री कृष्ण के मस्तक पर तिलक लगाकर उनकी दीर्घायु की कामना की थी।
विभिन्न राज्यों में भाई दूज पर्व
भारत के विभिन्न राज्यों में भाई दूज के पर्व को भाई टीका, भाई द्वितीया और यम द्वितीया आदि नाम से मनाया जाता है। इसके अलावा बंगाल में भाई फोटा, महाराष्ट्र में भाऊ बीज और नेपाल में भाई तिहार मनाया जाता है। हालांकि नाम अलग-अलग हों लेकिन भाव और अर्थ एक ही है।
एस्ट्रोसेज की ओर से आप सभी को भाई दूज पर्व की शुभकामनाएं!
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