वसंत पंचमी 2015 - करें एक सुखद भविष्य की शुभ शुरुआत

आज का दिन पूरे देश में बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाएगा। यह दिन एक नयी शुरुआत के साथ सबके जीवन में शुभता लाता है। बसंत पंचमी के साथ होगी एक नए मौसम और नए समय की शुरुआत। इस दिन की शुभता के बारे में अधिक जानने के लिए आगे पढ़ें। 

Vasant Panchami ke saath ek naye mosum ki shuruat hoti hai ot yrh din Maa Saraswati ko samarpit hai.

आज यानी 24 जनवरी 2015 को वसंत पंचमी है। बसंत पंचमी के साथ सर्द ऋतू समाप्त हो जाती है और बसंत ऋतू का आरम्भ होता है। यह दिन माँ सरस्वती को भी समर्पित है, इसे सरस्वती जयंती या सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है। आइये जानें बसंत पंचमी 2015 का पूजा मुहूर्त। 

वसंत पंचमी 2015 पूजा मुहूर्त


वसंत पंचमी 2015 पूजा मुहूर्त: 07:17 से 12:33
अवधि: 5 घंटे 16 मिनट 

पूजा मुहूर्त देखने के बाद आइये बात करें बसंत पंचमी के महत्व के बारे में। 

बसंत पंचमी का महत्व 


महत्वपूर्ण राशिफल:

  • बसंत पंचमी का महत्व जानने नीचे दिए गए बिन्दुओं को पढ़ें:
  • वसंत पंचमी के साथ नया कृषि मौसम (बसंत ऋतू) आरम्भ हो जाता है और सर्द ऋतू समाप्त हो जाती है। 
  • यह दिन माँ सरस्वती के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है। 
  • माना जाता है कि यदि इस दिन से शिक्षा ग्रहण करने का आरम्भ किया जाये तो भविष्य में अच्छे परिणाम मिलते हैं, तभी विद्या आरम्भ करने का एक महत्वपूर्ण रिवाज़ इसके साथ जुड़ा है। 
  • बसंत पंचमी माघ महीने के पाँचवे दिन मनायी जाती है। 
  • सिखों के लिए भी इस दिन का बहुत महत्व है क्योंकि माना जाता है कि इस दिन गुरु गोबिंद सिंह जी की शादी हुई थी। 
  • आज के दिन अपने जीवन को ज्ञान के प्रकाश से भरने के लिए लोग माँ सरस्वती की पूजा करते हैं। 
  • आज का दिन कोई नया काम शुरू करने के लिए भी शुभ माना जाता है। 
आइये अब वसंत पंचमी पर की जाने वाली पूजा की विधि की बात करते हैं। 

वसंत पंचमी की पूजा विधि 


सही तरीके से वसंत पंचमी की पूजा करने हेतु नीचे दिए गए बिन्दुओं को पढ़ें:

  • पूजा स्थान को अच्छी तरह साफ़ करें। 
  • भगवान गणेश, विष्णु, भगवान शिव और माँ सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर वहाँ स्थापित करें। 
  • भगवान गणेश की पूजा के साथ सरस्वती पूजा का प्रारम्भ करें, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि पहले भगवान गणेश के पूजन से पूजा की पूर्ण शुभता प्राप्त होती है। 
  • इसके बाद भगवान विष्णु और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। 
  • इसके पश्चात माँ सरस्वती को पूजा जाता है। 
  • उनको स्नान करवा कर सफ़ेद कपड़ों से सजाया जाता है। 
  • उन्हें फूल माला तथा सिन्दूर अर्पित किया जाता है। 
  • पीले फूलों तथा फलों को प्रसाद स्वरुप बांटा जाता है। 
तो ये सारा विवरण था वसंत पंचमी के बारे में। वसंत पंचमी के दिन की शुभता का उपयोग करें अपने जीवन में एक शुरुआत करने के लिए। 

एस्ट्रोसेज की ओर से आपको बसंत पंचमी की बहुत-बहुत बधाई!

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