सुख, समृद्धि तथा खुशियों के सारे दरवाज़े खोल दीजिये मकर संक्रांति, पोंगल और माघ बिहु के जश्न के साथ। जनवरी 14, 2015 के शुभ दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा। इसके साथ ही एक नए कृषि मौसम का आरम्भ हो जाएगा। कृषि सम्बंधित इन त्यौहारों के बारे में ज़्यादा जानने के लिए आगे पढ़ें।
आज जनवरी 14 का पावन दिन है जब पूरा देश मकर संक्रांति, पोंगल और माघ बिहु मनाएगा। इन त्यौहारों के नाम भले ही अलग हैं लेकिन सभी का मतलब एक ही है। आइये अब इनके बारे में विस्तार से बात करते हैं।
महत्वपूर्ण राशिफल:
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति उत्तर भारत में मनाया जाने वाला कृषि पर्व है। यह मुख्य रूप से बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। यहाँ मकर का उपयोग मकर राशि के सन्दर्भ में और संक्रांति का उपयोग गोचर के सन्दर्भ में किया गया है। मकर संक्रांति के त्यौहार को इसका नाम इस दिन सूर्य के मकर राशि में गोचर करने के कारण मिला है।
आइये मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त पर नज़र डालते हैं।
मकर संक्रांति 2015 का शुभ मुहूर्त:
मकर संक्रांति तिथि: जनवरी 14, 2015
मकर संक्रांति पुण्य काल मुहूर्त: 07:19 से 12:30
अवधि: 5 घण्टे 11 मिनट
महापुण्य काल मुहूर्त: 07:19 से 09:03
अवधि: 1 घंटा 43 मिनट
मकर संक्रांति का महत्त्व
- नयी फ़सल को उगाने की ख़ुशी में यह त्यौहार सभी किसानों द्वारा मनाया जाता है।
- मकर संक्रांति के त्यौहार के साथ सर्द ऋतू का अंत होता है और वसंत ऋतू प्रारम्भ हो जाती है।
- मकर संक्रांति के साथ ही अशुभ समय का अंत होता है और शुभ समय प्रारम्भ हो जाता है। इस त्यौहार के बाद एक हिन्दू परिवार में कोई भी शुभ काम किया जा सकता है।
- इस दिन के बाद सूर्य उत्तर दिशा में चलना शुरू कर देता है।
मकर संक्रांति की पूजा विधि
- मकर संक्रांति के दिन लोग सुबह अपने घरों को साफ़ करके सूर्य देव की पूजा करते हैं। यह पूजा फल, फूल, नारियल, हल्दी, चावल इत्यादि के साथ की जाती है।
- सूर्य पूजा करने के बाद बहुओं द्वारा अपनी सास या ननद के लिए बायना निकाला जाता है। इस बायने में मिठाई, तथा पैसों के अलावा कोई उपहार भी दिया जाता है।
आइये अब बात करते हैं दक्षिण भारत में मनाये जाने वाले कृषि त्यौहार पोंगल के बारे में।
पोंगल
पोंगल तमिलनाडु का एक बड़ा कृषि त्यौहार है जिसके नाम का मतलब है समृद्धि और खुशहाली। आइये अब पोंगल 2015 के मुहूर्त पर एक नज़र डालते हैं:
पोंगल 2015 का शुभ मुहूर्त
पोंगल 2015 तिथि: जनवरी 14, 2015
संक्रांति समय: 19:34
पोंगल: सूर्य भगवन को समर्पित एक त्यौहार
- पोंगल को सूर्य मांगल्यं भी कहा जाता है। इस दिन लोग सूर्य देव को सही कृषि मौसम प्रदान करने के लिए धन्यवाद देते हैं।
- तमिल नाडु में इस दिन नए मिट्टी के बर्तन में सूर्योदय के साथ दूध उबालने की भी एक प्रथा है।
- इस दिन लोग सूर्य देव को समर्पित एक विशेष प्रसाद बनाते हैं। यह प्रसाद दूध, चावल, सूखे मेवे इत्यादि के साथ सूर्य की रौशनी में बनाया जाता है और केले के पत्ते के ऊपर लोगों में बांटा जाता है।
- तमिल नाडु के कई हिस्सों में पोंगल चार दिनों तक मनाया जाता है।
- पोंगल के पहले दिन लोग अपने घरों को अच्छी तरह साफ़ करते हैं और इंद्र देव की पूजा करते हैं।
- पोंगल का दूसरा दिन भगवान सूर्य को समर्पित है। सूर्य के सम्मान में लोग विशेष प्रसाद बनाते और बांटते हैं।
- पोंगल के तीसरे दिन सभी पशुओं की पूजा की जाती है।
- चौथा दिन त्यौहार का मुख्य दिन माना जाता है जब बहने अपने भाइयों की पूजा करती हैं।
आइये अब बात करते हैं असम के एक बड़े कृषि त्यौहार माघ बिहू के बारे में:
माघ बिहू
माघ बिहू असम का एक बड़ा कृषि त्यौहार है। माघ बिहु का जश्न पुरे एक हफ़्ते तक चलता है।
माघ बिहु: असम का कृषि त्यौहार
- माघ बिहू कृषि मौसम के अंत को दर्शाता है।
- माघ बिहु का त्यौहार अग्नि को समर्पित है।
- पौष माह के आखिरी दिन मेजी नामक कुटिया बनाई जाती है। यह कुटिया बांस, और पत्तों से बनाई जाती है।
- यह त्यौहार मनाने वाले लोग इस कुटिया में पारम्परिक खाना बनाते और खाते हैं। अगली सुबह होने पर इस मेजी नामक कुटिया को जला दिया जाता है।
- तकेली भोंगा और भैंसों की लड़ाई इस पर्व के अन्य महत्वपूर्ण आकर्षण हैं।
मकर संक्रांति, पोंगल और माघ बिहु भारत के महत्वपूर्ण कृषि त्यौहार हैं। मौसम बदलने के साथ ही अलग फसलें उगाने की ख़ुशी में ये त्यौहार मनाये जाते हैं। सूर्य भगवान की पूजा करें और और उन्हें शुक्रिया अदा करें सुख, समृद्धि तथा धन अच्छी कृषि के रूप में देने के लिए।
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आज सूर्य मकर राशि में गोचर कर रहा है। इसके अपनी राशि पर प्रभाव जानने के लिए पढ़ें: सूर्य का मकर राशि में गोचर।
आपका दिन मंगलमय हो!
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